Congress Leader Supriya Shrinate questioned Enforcement Directorate silence over RBI curbs on Paytm
Congress On Paytm Payments Bank: कांग्रेस ने फिनटेक फर्म पेटीएम पर भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों को लेकर सोमवार (5 फरवरी) को प्रवर्तन निदेशालय के कामकाज पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं.
आरबीआई ने 29 फरवरी के बाद पेटीएम पेमेंट्स बैंक में किसी भी तरह की जमा राशि पर प्रतिबंध लगाने के आदेश दिए हैं, जिसके बाद से कांग्रेस पार्टी केंद्र सरकार पर लगातार हमलावर है.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने आरोप लगाया कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक के संस्थापक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भक्त हैं. वह उनके साथ सेल्फी लेते हैं और प्रधानमंत्री मोदी का पेटीएम संस्थापक की ओर से विज्ञापन भी जारी किया जाता है.
‘आरबीआई की आशंकाएं बेहद गंभीर’
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि इस पूरे मामले पर केंद्र सरकार का क्या रुख है. पिछले 7 सालों से ऐसा चलता आ रहा है. बात चाहे केवाईसी, अनुपालन और पैन कार्ड रिपोर्ट को लेकर क्योंं न हो, इन सभी पर आरबीआई ने आशंकाएं जताई थीं जोकि बेहद ही गंभीर हैं. आखिर इतने सालों तक पेटीएम पेमेंट्स बैंक को आरबीआई की आशंकाओं के बावजूद लंबी ढील क्यों मिली हुई थी?
‘चुनावी रैलियों में की जाती है पेटीएम की पैरवी’
सुप्रिया श्रीनेत ने यह भी आरोप लगाते हुए दावा किया कि खुद पीएम मोदी अपनी चुनावी रैलियों में पेटीएम की पैरवी करते हैं. उन्होंने केंद्रीय सरकारी एजेंसियों की निष्पक्षता पर सवाल खड़े करते हुए यह पूछा कि जब पीएम मोदी के सहयोगियों पर आरोप लगते हैं तो एजेंसियां चुप क्यों रहती हैं? ईडी चुप क्यों है?
‘सहयोगी का नाम आने पर शिथिल पड़ जाती हैं एजेंसियां’
कांग्रेस नेता ने कहा कि जब मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर आरबीआई ने आशंका जताई है तो ऐसे में सरकारी एजेंसी खासतौर पर हाथ पर हाथ रख कर क्यों बैठी हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि जब पीएम मोदी के किसी सहयोगी की इस तरह के मामलों में संलिप्ता आती है तो एजेंसियां शिथिल पड़ जाती हैं.
कांग्रेस नेता की ओर से इस तरह की टिप्पणी पेटीएम के उस बयान के आने के बाद आई जिसमें उसने इस बात से इनकार किया है कि न तो मूल कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस और न ही इसके संस्थापक विजय शेखर शर्मा ईडी की जांच का सामना कर रहे हैं.
कंपनी ने की थी इस मामले में नियामक फाइलिंग
कंपनी ने एक नियामक फाइलिंग में कहा था कि उसने अधिकारियों के साथ सहयोग किया था, जब पूर्व में प्लेटफॉर्म पर उपयोगकर्ताओं या व्यापारियों से पूछताछ की गई थी. उसने आगे कहा कि हम सीधे तौर पर रिकॉर्ड स्थापित करना चाहेंगे और मनी-लॉन्ड्रिंग विरोधी गतिविधियों में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार करेंगे.
पेटीएम का कहना है कि न तो कंपनी और न ही इसके संस्थापक और सीईओ से मनी लॉन्ड्रिंग या अन्य चीजों को लेकर प्रवर्तन निदेशालय की ओर से जांच की जा रही है.
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