Chhattisgarh Sukma district Naxalite attack on crpf jawan in Tekulagudem ANN
Sukma news: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के टेकलगुड़ेम इलाके में मंगलवार को हुए पुलिस नक्सली मुठभेड़ में सीआरपीएफ के 3 जवान शहीद हो गए और 15 जवान घायल हुए. वहां एबीपी न्यूज़ की टीम पहुंचकर ग्राउंड रिपोर्ट की. सुकमा के एसपी किरण किरण चव्हाण ने एबीपी न्यूज़ की टीम को बताया कि नक्सलियों के सबसे मजबूत गढ़ माने जाने वाले टेकलगुड़ेम में पुलिस कैंप स्थापित करने से नक्सली पूरी तरह से बौखलाए हुए हैं. यही वजह है कि नक्सलियों ने मंगलवार को पहली बार अपनी पूरी ताकत के साथ जवानों पर हमला किया. नक्सलियों की बटालियन नंबर1, कंपनी नंबर 2 के साथ आसपास की सारी एरिया कमेटी के नक्सलियों ने मिलकर सीआरपीएफ और डीआरजी के जवानों पर हमला किया. नक्सलियों की संख्या 400 के करीब थी. नक्सलियों ने इस दौरान पहली बार स्नाइपर्स का उपयोग किया तो वहीं. जवानों पर नक्सलियों ने 15 किलो के ग्रेनेड भी दागे और करीब एक हजार से भी ज्यादा देसी बीजीएल दागे.
सुकमा एसपी किरण चव्हाण ने बताया कि टेकलगुडे़म में हुए नक्सली हमले के दौरान नक्सलियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी. नक्सली इस कदर बौखलाए हुए थे कि उन्होंने जवानों पर एक हजार से अधिक देशी ग्रेनेड दाग दिए. दरअसल भौगोलिक दृष्टिकोण से यह पूरा इलाका नक्सलियों का गढ़ माना जाता है. आंध्र प्रदेश, तेलंगाना की सीमाएं इस इलाके से लगी हुई हैं, इसीलिए यहां सीआरपीएफ का कैंप लगने के बाद नक्सलियों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. शायद इसीलिए रणनीति के तहत नक्सलियों के सबसे मजबूत कमांडर हिड़मा की बटालियन के 400 की संख्या में नक्सलियों ने सीआरपीएफ के नए कैंप पर हमला किया.
साढ़े चार घंटे चली मुठभेड़
नक्सलियों ने जब कैंप की ओर रुख किया तो सामने महिलाओं को रखा हुआ था और पीछे खुद छुपे हुए थे, लेकिन कैंप की सुरक्षा के लिए गश्त में लगे हुए जवानों ने वर्दीधारी नक्सलियों को देख लिया और वायरलेस सेट पर जानकारी दी, लेकिन तब तक नक्सलियों की तरफ से फायरिंग शुरू हो चुकी थी. यह मुठभेड़ लगभग साढ़े 4 घंटे तक चली. इस साढ़े 4 घंटे की मुठभेड़ में दोनों तरफ से ताबड़तोड़ फायरिंग हुईं. नक्सलियों की तरफ से लगभग एक हजार बीजीएल (बैरल ग्रेनाइट लांचर )दागे गए, जिसमे सीआरपीएफ के 3 जवान शहीद हो गए,और 15 जवान घायल हो गए.
10 से ज्यादा नक्सलियों के मारे जाने का दावा
सुकमा एसपी ने बताया कि इस मुठभेड़ में नक्सलियों को भी काफी नुकसान पहुंचा है. 10 से 12 नक्सलियों की इस मुठभेड़ में मारे जाने की खबर है. वहीं आम तौर पर नक्सली मुठभेड़ के दौरान भागते समय अपने साथ अपने साथियों की शवों को ले जाते हैं. वैसा ही इस बार भी उन्होंने किया. 400 की संख्या में नक्सलियों की सबसे मजबूत हिड़मा बटालियन ने कैंप के आसपास के एरिया को घेर लिया था. भौगोलिक दृष्टिकोण से यह बॉर्डर का इलाका है इसलिए यह घटना को अंजाम देने के बाद वहां से भाग निकलते है. इस बार भी घटना को अंजाम देने के बाद नक्सली टेकलगुडे़म से भाग निकले, लेकिन उनके ही गढ़ में सीआरपीएफ के जवानों ने जिस तरह के जवाबी कार्यवाही की है, उसे नक्सलियों की स्थिति कमजोर होते दिखाई दे रहे है और नक्सली बैकफुट पर नजर आ रहे हैं.
एसपी ने बताया कि इस इलाके में पिछले 2 महीने में पांच कैंप खुल चुके हैं. यहां से कुछ ही दूरी पर हार्डकोर नक्सली लीडर हिड़मा का गांव पुवर्ती भी है. जिसके कारण नक्सलियों को लग रहा है कि उनका सबसे मजबूत गढ़ का इलाका अब उनसे छिनता जा रहा है. इसी बौखलाहट के कारण नक्सली इस तरह की वारदात को अंजाम दे रहे हैं. साल 2021 में जब सीआरपीएफ की टीम इस इलाके में पहुंची थी, तब सीआरपीएफ को भारी नुकसान हुआ था. सीआरपीएफ के 22 जवानों की शहादत हुई थी, लेकिन अब सीआरपीएफ की टीम पूरी तैयारी के साथ नक्सलियों के गढ़ को भेदने की तैयारी कर चुकी है. इसीलिए टेकलगुड़ा में अपना नया कैंप स्थापित की है. सुकमा, बीजापुर जिले के सीमावर्ती इलाके का यह इलाका नक्सलियों की राजधानी माना जाता है. नक्सली लीडर हिड़मा का गांव पुवर्ती भी इसी इलाके में है साथ ही कई बड़े नक्सली लीडर इसी इलाके से आते हैं. पिछले 40 सालो से नक्सलियों का यह सुरक्षित इलाका था, लेकिन अब कैंप खुलने के बाद नक्सली बौखलाए हुए है.
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