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Delhi Jail Administration Plan To Made 10 Thousand Prisoners Skilfull Soon Ann


Delhi News: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की जेलों में बंद कैदियों को जेल प्रशासन की तरफ से स्किल इंडिया के तहत हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र से जुड़े कौशल का प्रशिक्षण देने की योजना है. इस योजना पर अमल को लेकरतैयारी अंतिम चरण में है. इसका मकसद जेल में बंद कैदियों को हुनरमंद बनाने की है. स्किल ट्रेनिंग लेने वाले कैदियों को प्रशिक्षण के बाद प्रमाण-पत्र भी दिया जाएगा. ताकि प्रशिक्षण प्राप्त कैदी जब जेल से बाहर निकलें, तो प्राप्त प्रशिक्षण और प्रमाण-पत्र के आधार पर उन्हें इस क्षेत्र में उचित रोजगार मिल सके. 

दिल्ली जेल प्रशासन के मुताबिक जेल में बंद कैदियों के लिए इतनी बड़ी संख्या में रोजगारपरक प्रशिक्षण पहली बार हो रहा है. अब तक कैदियों के लिए किए गए पहलों में यह सबसे बड़ी कोशिश है.

कैदियों के चयन की जिममेदारी जेल अधीक्षकों की

इस प्रशिक्षण में शामिल होने वाले कैदियों का चयन जेल अधीक्षक करेंगे, क्योंकि जेल अधीक्षक जेल में बंद कैदियों के गुण-अवगुण, रुचि एवं हुनर से भली-भांति जानकार होते हैं. इसलिए जेल अधीक्षकों से कहा गया है कि वे अपने स्तर पर तय करें कि किस कैदी में क्या प्रतिभा है, जिसका उन्हें प्रशिक्षण देकर उसके हुनर को और निखारा जा सके. जिससे वे अपने हुनर के माहिर बन सकें. इसके तहत कैदियों को हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र के पाक-शास्त्र, हाउस-कीपिंग आदि जैसे कोर्स का प्रशिक्षण दिया जाएगा. 

हर पहलू की विस्तार से दी जाएगी जानकारी 

इस योजना के तहत विभिन्न विधा में रुचि रखने वाले कैदियों को उनके रुचि के क्षेत्र में विशेषज्ञ बनाने के लिए चार दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा. इस दौरान उन्हें सिद्धांत के साथ व्यावहारिक पक्ष के बारे में भी पर्याप्त जानकारी दी जाएगी. इस चार दिवसीय प्रशिक्षण कोर्स को इस तरह डिजाइन किया गया है, जिससे कैदियों को उस विधा से जुड़े तमाम पहलुओं की अच्छी तरह से जानकारी दी जा सके. आगामी फरवरी माह से इस प्रशिक्षण कोर्स की शुरूआत की जाएगी. अलग-अलग सत्रों के माध्यम से इसे अप्रैल माह तक सम्पन्न कर लिया जाएगा.

10 हजार कैदियों को दिया जाएगा प्रशिक्षण

तिहाड़ में अभी लगभग 20 हजार कैदी हैं, जिनमें से 50 प्रतिशत यानी 10 हजार कैदियों को यह व्यावसायिक प्रशिक्षण मुहैया कराया जाएगा. जिनका चयन इस तरह से किया जाएगा कि सभी जेलों के कैदियों की इसमें सहभागिता हो. इसलिए तय किया गया है कि दिल्ली की सभी जेलों से 50 प्रतिशत कैदियों को प्रशिक्षण के लिए चयनित किया जाए, ताकि सबके हुनर को निखारा जा सके.

रोजगार के अवसर भी मुहैया कराए जाएंगे

इस योजना को कार्यान्वित करने के लिए जेल प्रशासन प्रत्येक कोर्स के लिए स्पॉन्सर की तलाश में हैं. जिनसे यह भी अपेक्षा रहेगी कि कैदी जब जेल से बाहर निकलें, तो उन्हें संबंधित क्षेत्र में रोजगार मुहैया कराने में वह मदद कर सकें. जेल प्रशासन ने बताया कि कई कंपनियों ने इसमें रुचि भी दिखाई है.

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