Congress Jairam Ramesh React Ajit Doval Statement On Partition And Netaji Subhash Chandra Bose | Ajit Doval On Partition: नेताजी जिंदा होते तो बंटवारा.. अजीत डोभाल के बयान पर कांग्रेस का पलटवार, कहा
Ajit Doval On Partition: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीज डोभाल ने शनिवार (17 जून) को दिल्ली में नेताजी सुभाष चंद्र बोस को लेकर बयान दिया था. इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर नेताजी जिंदा होते तो भारत का बंटवारा कभी नहीं होता. अब इस बयान पर कांग्रेस ने पलटवार किया है.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, अजीत डोभाल, जो ज्यादा नहीं बोलते हैं, अब बिगाड़ने वाले लोगों की जमात में शामिल हो गए हैं. अजीत डोभाल के दावे पर जवाब देते हुए कांग्रेस नेता ने बीजेपी आदर्श और जनसंघ के नेता रहे श्यामा प्रसाद मुखर्जी को बंगाल के बंटवारे का समर्थक बताया. कांग्रेस नेता ने और क्या कहा, उसके पहले एक बार अजीत डोभाल का वो बयान जान लेते हैं, जो उन्होंने नेताजी सुभाषचंद्र बोस के बारे में दिया था.
नेताजी होते तो बंटवारा नहीं होता- अजीत डोभाल
एनएसए अजीत डोभाल शनिवार को दिल्ली के नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेमोरियल में बोल रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा था, “नेताजी के अंदर महात्मा गांधी को चुनौती देने का साहस भी था. मैं अच्छा या बुरा नहीं कह रहा हूं, लेकिन भारतीय इतिहास और विश्व इतिहास के ऐसे लोगों में बहुत कम समानताएं हैं, जिनमें धारा के खिलाफ बहने का साहस था और आसान नहीं था.”
उन्होंने आगे कहा, “नेताजी के दिमाग में ये विचार आया कि मैं अंग्रेजों से लड़ूंगा, मैं आजादी के लिए भीख नहीं मांगूंगा. ये मेरा अधिकार है और मैं इसे हासिल करके रहूंगा. सुभाष चंद्र बोस के रहते भारत का विभाजन नहीं होता. जिन्ना ने कहा था कि मैं केवल एक नेता को स्वीकार कर सकता हूं और वह सुभाष चंद्र बोस हैं.”
कांग्रेस का पलटवार
डोभाल के बयान पर पलटवार करते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट कर जवाब दिया. उन्होंने कहा-
- क्या नेताजी ने गांधी को चैंलेंज किया था? बेशक, उन्होंने किया था.
- क्या नेताजी वामपंथी थे? बेशक, वे थे.
- क्या नेताजी सेक्युलर थे? बेशक, और डटकर थे.
- अगर नेताजी जिंदा होते तो क्या बंटवारा नहीं होता? कौन कह सकता है क्योंकि 1940 तक नेताजी फॉरवर्ड ब्लॉक बना चुके थे. इस पर आपकी राय हो सकती है लेकिन यह एक विरोधाभासी सवाल है.
जयराम रमेश ने आगे लिखा, एक बात डोभाल ने नहीं कही. नेताजी के बड़े भाई शरत चंद्र बोस के कड़े विरोध के बावजूद बंगाल के विभाजन का समर्थन करने वाले श्यामा प्रसाद मुखर्जी थे.
मैं डोभाल को रुद्रांशु मुखर्जी की 2015 की बेहतरीन किताब पैरेलल लाइव्स की एक प्रति भेज रहा हूं. उन्हें कम से कम कुछ वास्तविक इतिहास जान लेना चाहिए.
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