Bastar Stalled Work Under Pm Awas Yojana Started As Government Released Fund Ann
Bastar News: छत्तीसगढ़ में नई सरकार बनते ही सबसे पहले कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Vishnu Deo Sai) ने प्रधानमंत्री आवास योजना (PM Awas Yojana) के तहत प्रदेश में 18 लाख मकानों को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए थे. इसको लेकर छत्तीसगढ़ के बस्तर (Bastar) संभाग के हितग्राहियों में भी काफी खुशी का माहौल देखने को मिल रहा है. दरअसल 2019 के बाद से ही बस्तर संभाग में हजारों पीएम आवास अधूरे पड़े हुए थे जिसके चलते हितग्राहियों को खुली छत के नीचे या फिर झोपड़ियों में रहने को मजबूर होना पड़ रहा था.
कांग्रेस सरकार में कई बार गुहार लगाने के बावजूद भी इन अधूरे पड़े मकान को पूरा नहीं किया जा रहा था, लेकिन अब बीजेपी की सरकार बनने के बाद हितग्राहियों को किस्त की राशि मिल गई है और अधूरे पड़े मकान फिर से बनने शुरू हो गए हैं. उम्मीद लगाई जा रही है कि मार्च से अप्रैल महीने तक जिले के अधूरे पड़े पीएम आवास पूरी तरह से बन जाएंगे. दरअसल बजट नहीं होने की वजह से बस्तर संभाग में लगभग 30 हजार मकान अधूरे पड़े हुए हैं, जिसके चलते हितग्राहियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
बस्तर में 7 हजार से ज्यादा मकान अधूरे
बस्तर जिला पंचायत से मिली जानकारी के मुताबिक बस्तर जिले में 7 हजार से ज्यादा मकान अधूरे पड़े हुए हैं. इसके अलावा संभाग के 7 जिलों में भी करीब 30 हजार की संख्या में पीएम आवास अधूरे पड़े हुए हैं, हालांकि शासन से किस्त की राशि मिलने के बाद अधूरे पड़े मकान का निर्माण कार्य दोबारा शुरू कर दिया गया है. बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम ने बताया कि जिले के हर पंचायत को अधूरे पीएम आवास को साल 2024 के मार्च या अप्रैल महीने तक पूरा करने के निर्देश दिए हैं.
कलेक्टर ने जनपद पंचायत के अधिकारियों से कहा कि इस काम में अब किसी प्रकार की कोताही और लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, जिन हितग्राहियों के आवास पूरे नहीं हुए हैं उन आवासों को जल्द से जल्द पूरा किया जाए. जानकारी के मुताबिक इस आवास योजना में तेजी लाने का फायदा बस्तर जिले के 8 हजार 252 हितग्राहियों को मिलेगा.
नए हितग्रहियों को भी मिलेगा फायदा
इधर जगदलपुर शहर के जवाहर नगर वार्ड के रहने वाले हितग्रहियों का कहना है कि पीएम आवास योजना 2016 में शुरू की गई थी. आवेदन करते और उनका नंबर आते साल बीत गए. उसके बाद पहली किस्त की राशि मिलने पर मकान शुरू तो हुए लेकिन पिछले 3 साल से उनके मकान पूरी तरह से अधूरे पड़े हुए थे. कई जगहों में हितग्रही इन अधूरे मकान में तालपतरी लगाकर रहने को मजबूत थे, लेकिन अब किश्त की राशि उनके खाते में आ गई हैं.
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