Rajasthan ED Officer Arrested Paper Leak Accused Jaipur MPLA Court Sent Accused On ED Remand Three Days Ann
Jaipur News: राजस्थान में कथित सेकेंड ग्रेड भर्ती शिक्षक परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है. इस मामले में ईडी ने घोटाले से जुड़े पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सुरेश कुमार उर्फ सुरेशा साहू, विजय डामोर, पीराराम, पुखराज और अरुण शर्मा के रुप में हुई है. केंद्रीय एजेंसी ने बताया कि इस मामले में सभी पांचो आरोपियों को 11 जनवरी को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत हिरासत में लिया गया है.
शिक्षक परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक मामले में दिसंबर 2022 में राजस्थान में मामला दर्ज किया गया था. उसके अगले साल जांच के बाद अक्टूबर 2023 में ईडी ने राजस्थान में आरोपियों के ठिकानों पर रेड किया था. ईडी ने अभी तक आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए कुल 3.11 करोड़ रुपये की प्रोपर्टी जब्त कर चुकी है. फिलहाल ईडी ने जिन पांच लोगों को गिरफ्तार किया है, उन्हें जयपुर की एक विशेष पीएमएलए अदालत ने तीन दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया है.
प्रश्न पत्र हासिल करने दिये 10 लाख
पीटीआई के मुताबिक, यह जांच राजस्थान में वरिष्ठ अध्यापक (द्वितीय श्रेणी)प्रतियोगी परीक्षा-2022 के कथित प्रश्न पत्र लीक मामले से जुड़ी है. ईडी इस मामले में राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के पूर्व सदस्य बाबूलाल कटारा और अनिल कुमार मीणा और भूपेन्द्र सरन नामक दो अन्य व्यक्तियों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. ईडी ने बताया कि अरुण शर्मा ने अनिल कुमार मीणा को 29 अभ्यर्थी उपलब्ध कराए थे और प्रत्येक से दो लाख रुपये लिये गये थे. इसने यह भी आरोप लगाया कि अरुण शर्मा ने प्रश्न पत्र हासिल करने के बदले में अनिल मीणा को 10 लाख रुपये का अग्रिम भुगतान भी किया था.
ईडी ने पाया कि पीराराम पेपर लीक में शामिल था. उसने सुरेश साव के निर्देश पर बस उपलब्ध कराई थी और अभ्यर्थियों को लीक प्रश्न पत्र के सही उत्तर देने में मदद की थी. यह भी कहा गया कि पुखराज ने उम्मीदवारों के ठहरने की व्यवस्था की, लीक प्रश्न पत्र के सही जवाब उपलब्ध कराने में मदद की और 21 दिसंबर 2022 को आयोजित उस भर्ती परीक्षा में भी शामिल हुआ, जिसके लिए उसे सुरेश साव से लीक प्रश्न पत्र मिला था. जांच के अनुसार इस मामले में सुरेश साव भी सक्रिय रूप से शामिल था और भूपेंद्र सरन और सुरेश ढाका से उसका एक करोड़ में सौदा हुआ था.
पैसों के बदले इन्हें दिए गए लीक प्रश्न
एजेंसी का आरोप है कि सुरेश साव ने सुरेश ढाका से लीक हुआ प्रश्न पत्र लिया और उपस्थित अभ्यर्थियों को प्रश्न पत्र और उसके उत्तर उपलब्ध कराए. ईडी ने कहा, “विजय डामोर ने अपने मामा बाबूलाल कटारा के निर्देश पर सामान्य ज्ञान के प्रश्न पत्र के प्रश्नों को एक रजिस्टर में लिख लिया और रजिस्टर अनिल कुमार मीणा उर्फ शेर सिंह मीणा को दे दिया. मीणा ने रुपयों के बदले यह रजिस्टर भूपेंद्र सरन, अरुण शर्मा और अन्य को उपलब्ध कराया.” इस मामले में ईडी की ओर से आरोपियों के खिलाफ पिछले साल नवंबर में आरोपपत्र भी दाखिल किया गया था.