Lal Krishna Advani Reminded Journey From Somnath To Ayodhya Expressed Grief Over Ram Mandir Babar Incident
Ram Mandir Inauguration: पूर्व उपप्रधानमंत्री और बीजेपी (BJP) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani) ने प्राण प्रतिष्ठा से पहले एक चिट्ठी लिखी है. जिसमें उन्होंने 1990 के दशक को याद करते हुए कई घटनाओं का जिक्र किया है. इस चिट्ठी में बीजेपी नेता ने सोमनाथ (Somnath) से अयोध्या (Ayodhya) तक के सफर को याद किया है.
लालकृष्ण आडवाणी ने कहा, ‘नियति ने मुझे 1990 में सोमनाथ से अयोध्या तक श्रीराम रथयात्रा के रूप में एक महत्वपूर्ण कर्तव्य निभाने का अवसर दिया. मेरा मानना है कि कोई भी घटना अंतत: वास्तविकता में घटित होने से पहले व्यक्ति के मन-मस्तिष्क में आकार लेती है. उस समय मुझे लग रहा था कि नियति ने यह निश्चित कर दिया है कि एक दिन अयोध्या में श्रीराम का एक भव्य मंदिर अवश्य बनेगा.’
प्रशस्त किया पुनर्निर्माण का पथ
बीजेपी नेता ने कहा, ‘रामजन्मभूमि पर श्रीराम का एक भव्य मंदिर बनना बीजेपी की प्रबल इच्छा और दृढ़ संकल्प रहा है. 1980 के दशक के मध्य में जब अयोध्या मुद्दा राष्ट्रीय राजनीति के केंद्र में आ गया, तो मुझे याद आया कि कैसे महात्मा गांधी, सरदार पटेल, राजेंद्र प्रसाद और केएम मुंशी जैसे राजनीतिक दिग्गजों ने प्रभावी नेतृत्व द्वारा, सभी बाधाओं के बाद भी, स्वतंत्र भारत में एक और ऐतिहासिक मंदिर गुजरात के सौराष्ट्र के तट पर प्रभासपाटन में सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण का पथ प्रशस्त किया था.’
उन्होंने कहा, ‘दुखद है कि सोमनाथ के समान ही, अयोध्या में श्रीराम के जन्मस्थान पर बना मंदिर भी मुगल साम्राज्य की स्थापना करने वाले आक्रमणकारी बाबर के हमले का निशाना बन गया था. 1528 में बाबर ने अपने कमांडर मीर बाकी को अयोध्या में एक मस्जिद बनाने का आदेश दिया, ताकि उस स्थान को फरिश्तों के अवतरण का स्थान बनाया जा सके, इसलिए एक नाम बाबरी मस्जिद पड़ा.’
उन्होंने आगे कहा, ‘रथ यात्रा को 33 साल पूरे हो रहे हैं. वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस पूरी रथ यात्रा के दौरान उनके साथ थे. उस समय नरेंद्र मोदी ज्यादा प्रसिद्ध नहीं थे लेकिन उसी समय नियति ने उन्हें भगवान राम का भव्य मंदिर बनाने के लिए चुन लिया था.’