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Cyclone Biparjoy Live Updates: Over 74,000 Evacuated, Gujarat On Alert – Cyclone Biparjoy Live Updates: गुजरात तट से टकराया चक्रवात बिपरजॉय, तेज हवाएं, भारी बारिश, आधी रात तक जारी रहेगा लैंडफॉल


Cyclone Biparjoy Live Updates: चक्रवाती बिपरजॉय का लैंडफॉल शुरू हो गया है

अरब सागर से उठा तूफान बिपरजॉय (Cyclone Biparjoy)  गुजरात के तट से टकरा गया है. मौसम विभाग ने कहा है कि लैंडफॉल आधी रात तक जारी रहेगा. लैंडफॉल के साथ ही गुजरात में भारी बारिश हो रही है. तेज हवा चल रही है. मौसम विभाग ने तूफान के चलते सौराष्ट्र, द्वारका और कच्छ के समुद्री तट के लिए रेड अलर्ट जारी किया है.गुजरात के 7 जिलों और 450 से अधिक गांवों में अलर्ट है.

मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ मृत्युंजय महापात्र के मुताबिक मध्य रात्रि तक लैंडफॉल जारी रहेगा. ‘आई ऑफ साइक्लोन’ (‘Eye Of Cyclone) अभी तट से नहीं टकराया है इसके गुरुवार रात 9:30 से 10 बजे के बीच तट से टकराने की आशंका है.मौसम विभाग की तरफ से बताया गया है कि ‘आई ऑफ साइक्लोन’ किसी भी चक्रवात का सबसे खतरनाक हिस्सा होता है. 

गुजरात सरकार ने कच्छ-सौराष्ट्र में समुद्र तट के पास वाले 7 जिलों से करीब 1 लाख से अधिक लोगों को निकालकर शेल्टर होम भेजा है. गुजरात में NDRF की 19 टीमें तैनात हैं. तूफ़ान बिपरजॉय के चलते कच्छ, द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, मोरबी, राजकोट और जूनागढ़ में नुकसान की आशंका है. आज सौराष्ट्र और उत्तर गुजरात में भारी बारिश का अनुमान है. तूफान बिपरजॉय के चलते 9 राज्य भी अलर्ट पर हैं. इनमें गुजरात, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र और गोवा शामिल हैं.

Cyclone Biparjoy के कारण गुजरात के द्वारका में उखड़े कई पेड़

चक्रवाती तूफान बिपरजॉय का असर गुजरात के द्वारका में भी देखने को मिल रहा है. तेज हवा के कारण कई जगहों पर पेड़ उखड़ गए और होर्डिंग गिर गए.

चक्रवाती तूफान बिपरजॉय गुजरात तट से टकरा गया है. तट पर 130 KMPH की रफ्तार से तेज हवा चल रही है. भारत सरकार की तरफ से तूफान से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. एनडीआरएफ के जवान जगह-जगह पर लोगों की मदद कर रहे हैं.

Cyclone Biparjoy: गुजरात के कई हिस्सों में उखड़े पेड़
चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के लैंडफॉल की शुरुआत हो चुकी है. गुजरात के कई हिस्सों में तेज हवा के कारण कई पेड़ उखड़ गए हैं. यह तस्वीर गुजरात के जामनगर की है.

Cyclone Biparjoy का ‘आई ऑफ साइक्लोन’ कहा टकराएगा?

भारत के मौसम विभाग का कहना है कि गुजरात के जखाऊ पोर्ट और पाकिस्तान के करांची से होकर इस तूफान का ‘आई ऑफ साइक्लोन’ गुजरेगा. इस कारण इन क्षेत्रों में भारी नुकसान की संभावना है. उस समय हवा की रफ्तार 140 किलोमीटर तक हो सकती है. आई ऑफ साइक्लोन गुजरात तट से लैंडफॉल की शुरुआत होने के लगभग 4 घंटे बाद गुजरेगा. 

कच्छ, सौराष्ट्र में शुरू हुआ लैंडफॉल : IMD

IMD के महानिदेशक डॉ मृत्युंजय महापात्र ने कहा है कि फिलहाल यह 115-125 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहा है. कच्छ, सौराष्ट्र में लैंडफॉल शुरू हो गया है. सौराष्ट्र, कच्छ में भारी बारिश हो रही है, आगे और तेज बारिश की संभावना है. मध्य रात्रि तक लैंडफॉल जारी रहेगा. 

गुजरात तट से टकराया Biparjoy
लैंडफॉल की प्रक्रिया शुरू हो गई है … आईएमडी का कहना है कि आधी रात तक लैंडफॉल प्रक्रिया जारी रहेगी.

Cyclone Biparjoy का मुंबई पर पड़ेगा कम असर
आईएमडी के महानिदेशक डॉ मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि मुंबई से दूरी अधिक होने की कारण बिपरजॉय का असर मुंबई में खास नहीं होगा. इसका प्रभाव गुजरात और राजस्थान में अधिक होगा. राजस्थान में 16-17 जून को भारी बारिश हो सकती है और हवाओं की रफ्तार 50-60 किमी प्रति घंटे की रहने का अनुमान है.

Cyclone Biparjoy: BSF ने कच्छ में सीमावर्ती आबादी की मदद के लिए बढ़ाया हाथ
चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के 15 जून की शाम तक जखाऊ तट के पास टकराने की आशंका व्यक्त की गई है. तटीय क्षेत्र में तैनात बीएसएफ ने इस संकट के घड़ी में सीमावर्ती क्षेत्र के ग्रामीणों की मदद के लिए अपने प्रयास तेज कर दिए हैं. 

Cyclone Biparjoy के लैंडफॉल से पहले गुजरात के मांडवी में भारी बारिश, देखें VIDEO
चक्रवाती तूफान ‘बिपारजॉय’ के गुरुवार शाम के बाद लैंडफॉल की शुरुआत होगी. लैंडफॉल से पहले गुजरात के मांडवी में तेज हवाएं और भारी बारिश हो रही है. 

Cyclone Biparjoy को लेकर पश्चिम रेलवे ने बनाया वॉर रूम
चक्रवात ‘बिपरजॉय’ गुजरात के तट से टकराने वाला है. इससे पश्चिम रेल का सौराष्ट्र और कच्छ का रूट प्रभावित हो सकता है इसलिए एक तरफ जहां उस रूट से गुजरने वाली 76 रेल गाड़ियों को रद्द और 36 रेल गाड़ियों को शॉर्ट रूट कर दिया गया है वहीं ढाई हजार के करीब रेल कर्मियों को सभी उपकरणों के साथ तैनात किया गया है. ताकि जैसे ही किसी नुकसान की जानकारी मिले वो मौके पर पहुंचकर राहत कार्य शुरू कर सके. ये सब तेजगति से हो और सभी विभागों में समन्वय हो इसलिए पश्चिम रेलवे के मुंबई मुख्यालय में बाकायदा वॉर रूम बनाया गया हैं जिससे प्रभावित इलाके के रेल विभाग के अधिकारी भी लगातार जुड़े हुए हैं.

Cyclone Biparjoy Live:गुजरात के आठ जिलों में 94,000 से अधिक लोग सुरक्षित स्थानों पर भेजे गए
चक्रवात बिपारजॉय के गुजरात की ओर बढ़ने और बृहस्पतिवार रात समुद्र तट पर उसके पहुंचने से पहले राज्य प्रशासन ने कहा कि आठ तटीय जिलों में रह रहे 94,000 से अधिक लोगों को अस्थायी शिविरों में पहुंचाया जा चुका है. गुजरात सरकार की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि अब तक 94,427 लोगों को निकाला गया है. करीब 46,800 लोगों को कच्छ जिले में सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. इसके अलावा, देवभूमि द्वारका में 10,749, जामनगर में 9,942, मोरबी में 9,243, राजकोट में 6,822, जूनागढ़ में 4,864, पोरबंदर में 4,379 और गिर सोमनाथ जिले में 1,605 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.

NDRF के DG अतुल करवाल ने कहा कि चक्रवात बिपरजॉय का असर कच्छ में अधिक रहेगा. हमारी टीम सौराष्ट्र, द्वारका, जामनगर, गिर सोमनाथ, पोरबंदर में भी तैनात हैं. हमारी एयरलिफ्ट के लिए भटिंडा, कुंडली और चेन्नई में 5-5 टीम रिज़र्व में हैं. तट के 0-5 किमी के दायरे में और बाढ़ आशंका जगह पर रहे लोगों को निकाला है. जिनकी संख्या 1 लाख से ऊपर है.

आईएमडी के महानिदेशक डॉ मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि मुंबई से दूरी अधिक होने की कारण बिपरजॉय का असर मुंबई में खास नहीं होगा. इसका प्रभाव गुजरात और राजस्थान में अधिक होगा. राजस्थान में 16-17 जून को भारी बारिश हो सकती है और हवाओं की रफ्तार 50-60 किमी प्रति घंटे की रहने का अनुमान है.

बिपारजॉय मई 2021 में ‘तौकते’ के बाद गुजरात में आने वाला दूसरा चक्रवाती तूफान है.

आईएमडी ने कहा कि चक्रवात की दस्तक के दौरान समुद्र में खगोलीय ज्वार से लगभग दो-तीन मीटर ऊंची तूफानी लहरें उठने के कारण प्रभावित जिलों के निचले इलाकों में पानी भरने की संभावना है. कुछ जगहों पर तीन से छह मीटर ऊंची लहरें उठ सकती हैं.

सरकार के मुताबिक, एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की 15 टीम, एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) की 12 टीम, राज्य सड़क एवं भवन विभाग की 115 टीम और राज्य बिजली विभाग की 397 टीम विभिन्न तटीय जिलों में तैनात की गई हैं.

गुजरात सरकार ने बताया कि अब तक आठ तटीय जिलों-कच्छ, जामनगर, मोरबी, राजकोट, देवभूमि द्वारका, जूनागढ़, पोरबंदर और गिर सोमनाथ में 74,345 लोगों को अस्थायी आश्रय शिविरों में ले जाया गया है.

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, बिपारजॉय के अधिकतम 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं के साथ एक टबहुत गंभीर चक्रवाती तूफान (वीएससीएस)ट के रूप में जखौ बंदरगाह के पास टकराने का अनुमान है. आईएमडी ने कहा कि इस शक्तिशाली तूफान के गुजरात तट के पास पहुंचने के साथ ही कच्छ, देवभूमि द्वारका और जामनगर जिले में छिटपुट स्थानों पर बारिश की तीव्रता बढ़ जाएगी.

चक्रवात बिपारजॉय गुजरात तट से 200 किलोमीटर से भी कम दूरी पर है. अधिकारियों ने बताया कि गुजरात तट से टकराने और क्षेत्र में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश होने की आशंका के मद्देनजर संवेदनशील इलाकों से 74,000 से अधिक लोगों को निकाला गया है. प्रशासन ने कच्छ जिले में समुद्र तट से शून्य से 10 किलोमीटर के बीच स्थित लगभग 120 गांवों के लोगों को सुरक्षित जगहों पर स्थानांतरित किया है.

पश्चिम रेलवे ने 14 से 16 जून तक मुंबई और गुजरात के बीच चलने वाली 20 ट्रेनों को रद्द कर दिया है. वहीं रेलवे मुख्यालय में चक्रवात तूफान को देखते हुए आपदा नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है.

गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने कहा कि 47 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है. लोगों को हर प्रकार की सुविधा दी जा रही है. गर्भवती महिलाओं को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिसमें से 270 महिलाओं की डिलवरी हो गई है. सभी टीमें सुनिश्चित कर रही हैं कि नुकसान कम से कम हो.

चक्रवात बिपरजॉय के कारण मुंबई के जुहू समुद्र तट पर लाइफगार्ड तैनात किए गए हैं. समुद्र तट पर लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.

गुजरात में द्वारका के तटीय इलाकों में तेज हवाएं चल रही हैं. चक्रवात बिपरजॉय आज शाम गुजरात तट पर पहुंचेगा. चक्रवात के कारण आज द्वारका में भारी बारिश की संभावना है.

गुजरात के कच्छ जिले के कलेक्टर अमित अरोड़ा ने बताया कि पूर्वानुमान के मुताबिक आज शाम 4-5 बजे के बीच लैंडफॉल करेगा. जिला प्रशासन इसके लिए पूरी तरह से तैयार है. 47000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. 6 NDRF, 3 RPF और 2 SDRF की टीम लगाई गई है. वहीं आर्मी को भी स्टैंड बाय पर रखा गया है.

गुजरात के जूनागढ़ जिले में चक्रवात बिपरजॉय के प्रभाव के कारण समुद्र में ऊंची लहरें उठ रही हैं. तटों के किनारे स्थित घरों में समुद्र का पानी घुस गया, स्थानीय लोगों और मछुआरों के लिए अलर्ट जारी किया गया है.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चक्रवात बिपरजॉय की तैयारियों को लेकर जयपुर में आपदा प्रबंधन की बैठक की.

सीमा सुरक्षा बल (BSF) अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर तैनात हैं और जो चक्रवात (बिपरजॉय) आने वाला है उसका असर सीमवर्ती इलाकों में है. हमारे सभी जवान अलर्ट हैं और सभी जरूरी तैयारियां की गई हैं. इस विपदा से निपटने के लिए जो भी हम प्रयास कर सकते हैं वो हम कर रहे हैं: रवि गांधी, आईजी, सीमा सुरक्षा बल, अहमदाबाद, गुजरात 

गृह मंत्री अमित शाह ने आज तेलंगाना का दौरा रद्द कर दिया है. मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने के मौके पर तेलंगाना में उनका कार्यक्रम होने वाला था. अमित शाह की तीन सभाएं होने वाली थी. गुरुवार को गृह मंत्री अमित शाह गृह मंत्रालय में ही मौजूद रह कर तूफान के हालात पर नजर रखेंगे. 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को तीनों सेना प्रमुखों से बात की और चक्रवात ‘बिपारजॉय’ के प्रभाव से निपटने के लिए सशस्त्र बलों की तैयारियों की समीक्षा की. तैयारियों की समीक्षा करने के बाद सिंह ने कहा कि सशस्त्र बल चक्रवात के कारण उत्पन्न होने वाली किसी भी स्थिति से निपटने में हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए तैयार हैं.

गुजरात के कच्छ से अब तक करीब 74 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. 9 कस्बे पूरी तरह बंद कर दिए गए हैं, हजारों लोगों को शेल्टर होम में रखा गया है. एनडीआरएफ की 19 टीमों को तैनात किया गया है. कुल मिला कर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 30 टीमें तैनात की गईं हैं. बीएसएफ भी आने वाले वक्त की चुनौती के लिए तैयार है. यह तूफान गुजरात होते हुए राजस्थान की ओर बढ़ेगा.

मौसम विभाग के डीजी एम महापात्रा ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा है कि हमने साइक्लोन जखाऊ पोर्ट के पास 15 जून की शाम को एक अति प्रचंड चक्रवाती तूफान बनकर तट से टकराने का जो पूर्वानुमान जारी किया है, हम उस पर कायम हैं. साइक्लोन 15 जून की शाम को (4pm से 8pm के बीच) जखाऊ पोर्ट के पास तट से टकराएगा. उस समय समुद्री हवाओं की रफ्तार 125 से 135 किलोमीटर से लेकर 150 किलोमीटर प्रति घंटे तक रह सकती है. 

चक्रवात के भारत-पाक अंतर्राष्ट्रीय सीमा से गुजरने की संभावना व्यक्त की गई है. अंतर्राष्ट्रीय सीमा की रक्षा करने के साथ-साथ सीमा सुरक्षा बल द्वारा बचाव कार्यों के लिए आवश्यक संसाधन की उपलब्धता भी सुनिश्चित की गई है. सिविल अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित किया गया है और सिविल प्रशासन तथा स्थानीय लोगों को सभी प्रकार की आवश्यक सहायता के लिए कार्य योजना सुनिश्चित की जा रही है.





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