Chhattisgarh Relief From The Prices Of Vegetables In Winter Know What Is The Price Going On In The Market Ann
Ambikapur News: पड़ोसी राज्यों में सब्जियों की मांग घटने के बाद कीमत कम हो गई है. हालांकि सब्जियों की खुदरा कीमतों में अत्यधिक गिरावट नहीं आई है. व्यवसाई आने वाले समय में उत्पादन बढ़ने के कारण कीमतें और नीचे जाने की संभावना व्यक्त कर रहे हैं. सरगुजा जिले में सब्जी उत्पादन के रकबे में लगातार वृद्धि हो रही है. गांव-गांव में किसान सब्जियों की खेती कर रहे हैं. कम रकबे में अच्छा उत्पादन मिलने एवं अधिक आय होने से अन्य किसान भी सब्जियों की खेती से जुड़ते जा रहे हैं. अत्यधिक उत्पादन होने के कारण मांग के अनुसार यहां की सब्जियां दूसरे राज्यों में भेजी जाती है तथा यह क्रम पूरे साल चलता रहता है. पडोसी राज्यों में सब्जियों की मांग बढ़ने पर उत्पादों को अच्छी आय होती है तथा स्थानीय बाजार में सब्जियों की उपलब्धता कम होने के कारण कीमतें आसमान पर पहुंच जाती है.
एक महीने पूर्व पड़ोसी राज्यों में टमाटर की मांग बढ़ने के कारण कीमतें आसमान पर पहुंच गई थी, लेकिन बाहरी राज्यों में मांग खत्म होते ही एक महीने पूर्व थोक में 700 रुपए कैरेट एवं खुदरा में 40 रुपए किलो बिकने वाले टमाटर की कीमत थोक में 250 से 300 रुपए कैरेट एवं खुदरा में 15-20 रुपए पहुंच गई है. अब सरगुजा में टमाटर की फसल लगभग सूख गई है तथा स्थानीय जरूरतें पूरी करने यूपी से टमाटर मंगाया जा रहा है. हर रोज यूपी का 30 पिकअप टमाटर स्थानीय बाजारों में खप रहा है. किसानों ने टमाटर की नई फसल लगाई है जिसकी फसल फरवरी में तैयार होगी. नई फसल तैयार होने तक दूसरे राज्यों के टमाटर से स्थानीय जरूरतें पूरी होंगी. मौसम अनुकूल होने के कारण वर्तमान में आलू, फूलगोभी, पत्ता गोभी, मटर, सेम, बरबट्टी सहित विभिन्न प्रकार के शाक-भाजियों का पर्याप्त उत्पादन होने के कारण कीमतें सामान्य है. सब्जियों की खुदरा कीमतों पर नियंत्रण नहीं होने के कारण अभी भी काफी असमानता है.
खरीफ आलू की बड़ी मांग
मैनपाट के खरीफ आलू की उपलब्धता के बाद पिछले एक महीने से पठारी क्षेत्र से खरीफ आलू की आवक बड़े पैमाने पर हो रही है. प्रारंभ में पड़ोसी राज्यों में खरीफ आलू की मांग अधिक होने के कारण कीमत अधिक थी. अभी भी सरगुजा का आलू, सेम व गोभी अल्प मात्रा में उड़ीसा जा रहा है लेकिन उत्पादन अधिक होने के कारण थोक में आलू 15 रूपए, गोभी 20 रुपए, मटर 25 रुपए किलो बिक रहा है. नई फसल आने के बाद खुदरा में 65 रुपए किलो बिकने वाला प्याज की कीमत 30 रुपए पहुंच गई है. थोक में प्याज 20-25 रुपए किलो बिक रहा है. उत्पादन बढ़ने के बाद अदरक की कीमत भी गिरी है तथा थोक में 120 रुपए किलो बिकने वाला अदरक 80 रुपए किलो बिक रहा है. लहसुन की कीमतें अभी भी आसमान पर है. व्यवसायी नई फसल आने के बाद ही कीमतों में कमी आने की बात कह रहे हैं. वर्तमान में लहसुन 200 रुपए किलो की दर से बिक रहा है. भविष्य में सब्जियों का उत्पादन बढ़ने के कारण कीमतों में गिरावट होने की संभावना है.
पर्याप्त उत्पादन
थोक सब्जी व्यवसायी संघ के अध्यक्ष काशीनाथ केशरी ने बताया कि सब्जियों का पर्याप्त उत्पादन होने एवं पड़ोसी राज्यों में मांग नहीं होने के कारण अभी कीमतें सामान्य है. भविष्य में उत्पादन की वृद्धि होने के कारण कीमतों में और अधिक कमी आने की संभावना है. टमाटर का उत्पादन कम होने के कारण यूपी के टमाटर से मांगे पूरी की जा रही है.
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