Ayodhya Ram Temple Pran Pratistha Inauguration 22nd January Eyes Of Statue Of Lord Ram Made In Bikaner And Jodhpur Ann | Rajasthan News: जोधपुर में बनीं रामलाला की प्रतिमा की आंखें तो बीकानेर में हुई मीनाकारी, कारीगर बोले
Ram Mandir News: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भगवान श्री राम का भव्य मंदिर बनकर लगभग तैयार हो चुका है. रामलला भव्य राम मंदिर में 22 जनवरी को विराजमान होंगे. प्राण प्रतिष्ठा के लिए देशभर में राम भक्त तैयारी कर रहे हैं. टेंट में स्थापित भगवान राम की प्रतिमा को भव्य मंदिर के गर्भगृह में विराजित किया जाएगा. रामलला की प्रतिमा के नेत्रों को लेकर एक महत्वपूर्ण खबर हम आपको बताने जा रहे हैं. भगवान राम की प्राचीन प्रतिमा के लिए सोने के नेत्र जोधपुर में तराशे गए और बीकानेर में मिनाकारी के रंगों से निहारे गए.
बीकानेर के रहने वाले वीरेंद्र सोनी ने बताया, “सौभाग्य शाली किसे कहते हैं? इस प्रश्न का उत्तर मुझे कुछ दिनों पहले मिला. मुझे याद है कि 16 जून 2017 की वो तारीख जब पहली बार अयोध्या गया था. तब भगवान श्रीराम टेंट में विराजमान थे, बाद में अक्सर दो तीन महीने में एक बार अयोध्या रामजी के चरणों में शीश झुकाने चला जाता हूं. रामजी के आशीर्वाद से मेरा इन 7 सालों का बदलाव मेरे मित्र, रिश्तेदार, शहर के लोग भलीभांति जानते हैं. भगवान तो होते ही भक्तों के दुःख हरने के लिये लेकिन मैं भी गर्व के साथ कह सकता हूं कि मैं ऐसा भक्त हूं जो भाग्यशाली रहा हूँ क्योंकि मुझे भगवान श्री राम लाल के नेत्र बनाने का काम मिला.”
11 अप्रैल को सोने से बानी नेत्र तैयार हो गए थे
सोनी ने आगे कहा, “कला की साधना करते हुऐ मैनें कई मंदिरों की मूर्तियों के नेत्र बनाए. अयोध्या के रामलला की आंखे बनाने की प्रबल इच्छा थी, कुछ दिन पहले जब अयोध्या गया तो ये बात मैनें पुजारी जी से प्रकट की. क्योंकि मुझे सटीक नाप चाहिये था, सेंपल रूपी शक्ति नेत्र मेरे गले में पहना हुआ था. वो पुजारी संतोष तिवारी जी को दिखाया शायद उनको एक नजर में मेरी कलाकारी पसन्द आई और वह तुरन्त मेरे मोबाईल नंबर लिये. अगले दिन पुजारी जी राम लला के पुराने उतारे हुऐ नेत्र लेकर स्वयं उस गेस्ट हाऊस पर आकर मुझे सौंप कर गए जहां मैं रुका हुआ था. अभी तो प्रभु के पुराने नेत्र मेरे पास हैं तो सौभाग्य शाली महसूस करता हूं.”
उन्होंने कहा, “स्वयं को पूर्ण रूप से सौभाग्यशाली उस समय मानूंगा, जिस समय मेरे हाथों से बने हुऐ सोने के नेत्रों से दुनिया को देखते हुऐ भगवान राम सम्पूर्ण भारत में अपना आशीर्वाद प्रदान करेंगें. 11 अप्रैल को सोने से बानी नेत्र तैयार हो गए थे. 15 जुलाई को मैंने अयोध्या के पुजारी संतोष तिवारी जी को भगवान श्री रामलला के निर्देशों पर 17 जुलाई को भगवान राम को मेरे हाथों से बने नेत्र लगाए गए. मैंने मेरे भतीजे को सोने की जड़ाई के नेत्र बनाने के लिए बोला था. मुझे भगवान श्री रामलीला के नेत्र पेंटिंग कर निहार कर तैयार करने में करीब 5 दिन लगे.”
भगवान राम उनके आराध्य देव हैं
अयोध्या में टेंट हाउस में विराजित भगवान श्री रामलला की प्रतिमा के नेत्र जोधपुर के पल्लव ने अपने हाथों से सोने से बनाकर तैयार किये थे. उन्होंने बताया कि भगवान श्रीराम उनके आराध्य देव हैं. उनको यह सौभाग्य उनके चाचा के द्वारा मिला भगवान श्रीराम के नेत्र सोने से बने में उन्हें 3 दिन लगे तीन दिन में सोने नेत्र बनकर तैयार हुए.
नेत्र बनाने के लिए दिल लगाकर काम करता था
पल्लव के पिता राजेश सोनी ने बताया कि पल्लव पर भगवान श्री राम का आशीर्वाद इतना रहा है कि वह 12 साल की उम्र में ही जड़ाई का काम करना शुरू हो गया था. भगवान श्री राम के नेत्र बनाने का काम मिला तो उसको बहुत खुशी हुई, नेत्र बनाने के लिए दिल लगाकर काम करता था और 3 दिन में सोने के नेत्र बनकर तैयार हो गए.
श्रांगार के दौरान सोने से बने नेत्रों को लगाया जाता है
बता दें की अयोध्या में टेंट में विराजित भगवान श्री राम लाल के संघार के दौरान अलग-अलग नेत्र लगाए जाते हैं और उन नेत्रों में एक नेत्र जोधपुर और बीकानेर के सोनी परिवार ने बनाया है. भगवान श्री राम लाल के श्रांगार के दौरान सोने से बने उन नेत्रों को लगाया जाता है.
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