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Elder Age Women Survey: बुजुर्ग महिलाओं की स्थित को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें बताया गया है कि भारत में बूढ़ी हो चुकी महिलाओं क्या हाल है. हेल्पएज इंडिया नाम की संस्था ने ‘वर्ल्ड एल्डर एब्यूज अवेयरनेस डे’ (15 जून) से पहले अपनी राष्ट्रीय 2023 रिपोर्ट- ‘वीमेन एंड एजिंग: इनविजिबल ऑर एम्पावर्ड?’ पर अपनी रिपोर्ट पेश की है.

यह अपनी तरह की पहली रिपोर्ट है जो केवल वृद्ध महिलाओं पर ध्यान केंद्रित करती है. इसमें ऐसी वृद्ध महिलाओं का शामिल किया गया है जो कई तरीकों से शोषण का शिकार हुई हैं. ये सर्वे इप्सोस रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड की ओर से जारी किया गया है. जिसमें 7911 वृद्ध महिलाओं को शामिल किया गया. इनमें 20 राज्य, 2 केंद्रशासित प्रदेश और 5 मेट्रो शहर के साथ ग्रामीण और शहरी भारत दोनों को कवर किया गया. उसके बाद रिपोर्ट सामने आई.

रिपोर्ट में बुजुर्ग महिलाओं के बारे में क्या?

रिपोर्ट में बुजुर्ग महिलाओं के खिलाफ गलत व्यवहार के संबंधित जानकारी दी गई. 16 प्रतिशत ऐसी महिलाएं रहीं जिनके साथ दुर्व्यहार किया किया गया. रिपोर्ट में इन महिलाओं के साथ पहली बार इस तरह की घटनाएं सामने आईं. दुर्व्यवहार में वरिष्ठ महिलाओं को शारीरिक हिंसा का भी पता चला, जिसमें 50 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं. इसके बाद 46 प्रतिशत अनादर के मामले और 31 प्रतिशत ऐसे केस जिसमें दिमागी रूप से उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया.

बेटों ने भी नहीं दिया साथ?

इस रिपोर्ट में सबसे चौंकाने वाली जो बात सामने आई, उसके मुताबिक बेटों ने अपनी मां का साथ नहीं दिया. रिपोर्ट बताती है कि बुजुर्ग महिलाओं के साथ हुए दुर्व्यवाह में बेटे भी शामिल पाए गए जिसका आंकड़ा 40 प्रतिशत तक रहा. इसके बाद अन्य रिश्तेदार जो 31 प्रतिशत रहे.

बहुओं ने भी नहीं छोड़ी कोई कमी

बेटों के बाद बहुओं की ओर से किए गए दुर्व्यवहार में 27 प्रतिशत महिलाएं भागीदार रहीं. वहीं, दुर्व्यवहार का सामना करने के बाद भी अधिकांश वृद्ध महिलाओं ने इसकी रिपोर्ट तक नहीं की. जिसमें 18 प्रतिशत महिलाएं हैं. इसके बाद 16% को ऐसा लगा कि उन्हें उपलब्ध संसाधनों के बारे में कोई जानकारी नहीं है, जबकि 13% को लगता है कि उनकी चिंताएं हैं गंभीरता से नहीं लिया जाएगा.

15% माता-पिता और वरिष्ठ नागरिक अधिनियम के रखरखाव और कल्याण के बारे में जागरूक हैं और 78% वृद्ध महिलाएं किसी भी सरकारी कल्याणकारी योजनाओं से अवगत नहीं हैं. उनकी सामाजिक स्थिति ने उनके संकट को और बढ़ा दिया.  18% वृद्ध महिलाओं ने कहा कि उन्हें महिला होने की वजह से भेदभाव का सामना करना पड़ा तो वहीं, 64% ने अपने वैवाहिक जीवन के कारण सामाजिक भेदभाव का सामना किया.

आर्थिक मोर्चे पर 53% वृद्ध महिलाएं आर्थिक रूप से सुरक्षित महसूस नहीं करती हैं. जो ऐसा महसूस करती हैं उनमें से वो अपने बच्चों पर निर्भर हैं. भारत में 66% वृद्ध महिलाओं के पास कोई संपत्ति नहीं है, 75% वृद्ध महिलाओं के पास कोई बचत नहीं है.

जहां तक ​​डिजिटल समावेशन का संबंध है, वृद्ध महिलाएं बहुत पीछे हैं, 60% वृद्ध महिलाओं ने कभी भी डिजिटल उपकरणों का उपयोग नहीं किया है. 59% वृद्ध महिलाओं के पास स्मार्टफोन नहीं है. 13% वृद्ध महिलाओं ने कहा कि वे कुछ कौशल विकास कार्यक्रम के लिए ऑनलाइन नामांकन करना चाहेंगी.

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