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New Criminal Laws Will End Tarikh Pe Tarikh Era: Amit Shah In Rajya Sabha – नए आपराधिक कानूनों से तारीख पे तारीख युग का अंत…: राज्यसभा में अमित शाह


नई दिल्ली: लोकसभा में बुधवार को भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक में एक संशोधन (Bharatiya Nyaya (second) Sanhita Bill) पारित किया गया. अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस विधेयक पर चर्चा के बाद राज्यसभा में जवाब दिया. भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता, 2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक, 2023 पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि तीन विधेयकों का मकसद लोगों को न्याय देने के लिए हैं.

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इसके पूर्ण कार्यान्वयन के बाद, एफआईआर दर्ज करने से फैसले के लिए पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी. उन्होंने कहा कि वो कहते हैं…नए कानून की जरुरत क्या है? उनको स्वराज का मतलब मालूम नहीं है. स्वराज मतलब सिर्फ स्व-शासन नहीं. स्व-भाषा, स्व-धर्म, स्व-संस्कृति को आगे बढ़ाए वो स्वराज है और स्व-शासन को जो परिभाषित करे वो स्वराज है.

उन्होंने कहा, ‘‘इस नए कानून को ध्यान से पढ़ने पर पता चलेगा कि इसमें न्याय के भारतीय दर्शन को स्थान दिया गया है. हमारे संविधान निर्माताओं ने भी राजनीतिक न्याय, आर्थिक न्याय और सामाजिक न्याय को बरकरार रखने की गारंटी दी है. संविधान की यह गारंटी 140 करोड़ के देश को यह तीनों विधेयक देते हैं.”

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन से ‘तारीख पे तारीख’ युग का अंत सुनिश्चित होगा और तीन साल में न्याय मिलेगा.”

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि “हमने कहा था कि न्याय की प्रक्रिया तेज़ की जाएगी, क़ानून सरल बनाए जाएंगे और क़ानून भारतीय होंगे…”

वहीं, संसद के शीतकालीन सत्र के 13वें दिन बुधवार (20 दिसंबर) को लोकसभा में मौजूदा आपराधिक कानूनों (Criminal Law Bills) को बदलने के लिए लाए गए 3 विधेयक पास हो गए थे. विपक्ष के कुल 97 सांसदों की गैर-मौजूदगी में नए क्रिमिनल बिल पर चर्चा हुई थी. फिर गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब दिया. जिसके बाद बिलों को पास कर दिया गया. नए क्रिमिनल बिलों को अब राज्यसभा में रखा गया है, जिसपर गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब दिया है. राज्यसभी से पास होने के बाद इसे मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा.

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