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CM MK Stalin Meets PM Modi Seeks Rs 2000 Crore Interim Relief For Tamil Nadu Districts


TN CM MK Stalin Meets PM Modi: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मंगलवार (19 दिसंबर) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और चक्रवाती चूफान मिचौंग तूफान और दक्षिणी जिलों में भारी बारिश से हुए नुकसान को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की. उन्होंने पीएम मोदी से आपदा राहत कोष प्रदान करने का अनुरोध किया.

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सीएम स्टालिन ने कहा कि दक्षिणी जिलों में भारी बारिश से जो नुकसान हुआ है, वह 100 साल के इतिहास में नहीं देखा गया. उन्होंने पीएम मोदी को सौंपे एक ज्ञापन में कहा कि तिरुनेलवेली, तूत्तुक्कुडी, कन्याकुमारी और तेनकासी जिलों के लिए आजीविका सहायता के लिए आपदा राहत कोष से 2000 करोड़ रुपये दिए जाने की आवश्यकता है.

क्या बोले एमके स्टालिन?

मुख्यमंत्री स्टालिन ने बाद में अपने X हैंडल से एक पोस्ट में लिखा, ”तमिलनाडु के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की तत्काल स्थिति पर चर्चा करने के लिए माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. चल रहे बचाव प्रयासों को बढ़ाने और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को बहाल करने के लिए एनडीआरएफ से धन की मांग करते हुए एक ज्ञापन सौंपा. इस चुनौतीपूर्ण समय के दौरान तमिलनाडु की जरूरतों पर ध्यान देने के लिए पीएमओ का आभारी हूं.”

तमिलनाडु में बारिश से 10 लोगों की मौत

तमिलनाडु के मुख्य सचिव शिवदास मीना ने मंगलवार को कहा कि राज्य के दक्षिणी जिलों में बीते दो दिनों में इतिहास में सबसे ज्यादा बारिश हुई, जिससे 10 लोगों की मौत हुई है और आम जनजीवन प्रभावित हुआ है.

वरिष्ठ नौकरशाह ने कहा कि भारत मौसम विज्ञान विभाग का भारी बारिश का पूर्वानुमान भी ‘गलत’ था क्योंकि दो दिनों के भीतर प्रभावित जिलों में अत्यधिक भारी बारिश हुई है. उन्होंने सचिवालय में संवाददाताओं से कहा, ”बारिश के कारण तिरुनेलवेली और तूत्तुक्कुडी जिलों में 10 लोगों की मौत हो गई है. कुछ की जान दीवार गिरने के कारण गई, वहीं कुछ की मौत करंट लगने से हुई.”

बचाव और राहत अभियान में लगाए गए 1300 से ज्यादा कर्मी

मीना ने कहा कि दक्षिणी जिलों विशेषकर तिरुनेलवेली और तूत्तुक्कुडी में रिकॉर्ड बारिश हुई है और बाढ़ आई है. उन्होंने कहा, ”30 घंटों के भीतर कयालपट्टिनम में 1,186 मिमी बारिश हुई, जबकि तिरुचेंदूर में 921 मिमी बारिश हुई.” सचिव ने कहा कि नौसेना, वायु सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल सहित केंद्र और राज्य सरकार की एजेंसियों के लगभग 1,343 कर्मी बचाव और राहत अभियान में शामिल हैं.

मीना ने कहा, ”अब तक हमने 160 राहत शिविर स्थापित किए हैं और इन राहत शिविरों में लगभग 17,000 लोगों को रखा गया है. लोगों को लगभग 34,000 भोजन के पैकेट वितरित किए गए हैं और अब भी हम कुछ गांवों तक नहीं पहुंच सके हैं क्योंकि जल स्तर अभी कम नहीं हुआ है.”सचिव ने कहा कि राहत कार्य में नौ हेलीकॉप्टर लगाए गए हैं और उनके जरिए फंसे हुए लोगों तक 13,500 किलोग्राम खाद्य सामग्री पहुंचाई गई है.

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