Mamata Banerjee Successor Will Be Abhishek Banerjee He Will Replace Her As CM TMC Spokesperson Kunal Ghosh
Abhishek Banerjee Replace Mamata Banerjee: 1998 में जब ममता बनर्जी ने कांग्रेस छोड़कर तृणमूल कांग्रेस का गठन किया था तब बंगाल में कांग्रेस के कई बड़े नेता उनके साथ हो लिए थे. हालांकि लंबी लड़ाई के बाद वर्ष 2011 में जब तृणमूल कांग्रेस ने बंगाल की सत्ता पर कब्जा किया,उसके बाद से राज्य की राजनीति में ममता बनर्जी के उत्तराधिकारी को लेकर अटकलें हमेशा लगायी जाती रहीं. कौन उनकी जगह लेगा, इस बात पर चर्चा अमूमन होती रहती थी.
अब जबकि ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने राजनीति में अपनी मजबूती साबित कर दी है तो यह साफ हो चला है कि वह सूबे के अगले मुख्यमंत्री होने जा रहे हैं . इस पर पार्टी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने भी मुहर लगा दी है. सोमवार (18 दिसंबर) को उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी अपनी बुआ की जगह सीएम का पद संभालेंगे.
TMC में युवा बनाम पुराने की हो रही बहस
कुणाल घोष का यह बयान पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी टीएमसी में ‘राजनेताओं की युवा पीढ़ी बनाम पुराने नेताओं’ पर चल रही बहस के बीच आई है. इसकी शुरुआत पिछले महीने नवंबर के अंत में हुई, जब दो बार के सांसद और टीएमसी के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा, “चाहे राजनीति हो या कोई अन्य क्षेत्र, मेरा मानना है कि ऊपरी आयु सीमा होनी चाहिए. एक व्यक्ति जो काम 30 साल की उम्र में करता है, 35 या 50 साल के लोग भी ऐसा कर सकते हैं लेकिन 80 वर्ष का व्यक्ति नहीं कर सकता.”
‘2036 तक मुख्यमंत्री रहेंगी ममता’
पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के चुचुरा में मीडिया को संबोधित करते हुए कुणाल घोष ने कहा कि ममता बनर्जी 2036 तक सेवा करती रहेंगी और तब भतीजे अभिषेक बनर्जी उनकी जगह लेंगे. 2024 के लोक सभा चुनाव की स्थिति स्पष्ट करते हुए टीएमसी प्रवक्ता ने कहा, “हम पुष्टि कर रहे हैं कि हम ममता दीदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे और अभिषेक बनर्जी सेनापति होंगे. वह 2036 तक सीएम रहेंगी और फिर अभिषेक को कमान सौंपी जाएगी.”
‘बंगाल पर कब्जा करने का सपना पूरा नहीं होगा’
घोष ने विपक्षी बीजेपी पर भी तीखा हमला बोला और कहा, “पश्चिम बंगाल पर कब्जा करने ख्वाब दीन में देखने वाले दल इसे कभी भी पूरा नहीं कर सकेंगे.” घोष ने कहा, “बंगाल बीजेपी को यह तय करना होगा कि उनकी लड़ाई का नेतृत्व कौन करेगा? क्या यह सुवेंदु अधिकारी (नेता प्रतिपक्ष), सुकांत मजूमदार की बीजेपी या दिलीप घोष की बीजेपी होगी? लेकिन उन्हें पता होना चाहिए कि टीएमसी एकजुट पार्टी के रूप में युद्ध के मैदान में कदम रखेगी”