COVID-19 New Variant JN.1 New Cases In Kerala Alert In Tamil Nadu Karnataka Goa Central Government Advisory
COVID-19 New Variant JN.1: दुनियाभर में लाखों लोगों को मौत की नींद सुलाने वाली महामारी Covid -19 के नए वैरिएंट JN.1 की भारत में दस्तक के बाद डर फैलने लगा है. इसका पहला मामला केरल में सामने आया जिसके बाद राज्य में कोरोना के केस एक बार फिर से बढ़ने लगे हैं. यहां सोमवार (18 दिसंबर) को ही कोविड-19 के 111 नए मामले सामने आए थे.
इसके बाद केंद्र सरकार ने एडवाइजरी जारी कर कहा है कि फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं है लेकिन सतर्कता बरतनी होगी. केरल के पड़ोसी राज्यों तमिलनाडु, कर्नाटक और गोवा में खासतौर पर भी सरकारें अलर्ट पर हैं. तमिलनाडु और कर्नाटक के अस्पतालों में मॉक ड्रिल किया गया है. कर्नाटक सरकार ने एडवाइजरी जारी कर बुजुर्गों और कोमॉर्बिडिटी से पीड़ित मरीज़ों के लिए मास्क पहनना जरूरी बताया है.
केरल में मरीजो की संख्या सबसे अधिक
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक अकेले केरल में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 1,634 हो गई है. इसके अलावा केरल में कोरोना के कारण एक शख्स की जान भी गई है. इसी के साथ पिछले तीन साल में कोरोना वायरस से राज्य में मरने वालों की संख्या बढ़कर 72 हजार 53 हो गई है.
राज्यों को निगरानी रखने की नसीहत
केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से देश में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि और जेएन.1 वैरिएंट का पहला मामला सामने आने के बीच निरंतर निगरानी रखने को कहा है. अस्पतालों में कोरोना संक्रमण के लक्षणों से पीड़ित मरीजों के बारे में तत्काल स्वास्थ्य विभाग को जानकारी देने को कहा गया है. केंद्र ने मामलों का जल्द पता लगाने के लिए सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (एसएआरआई) के जिला आधारित मामलों की नियमित आधार पर निगरानी और रिपोर्ट करने को कहा है.
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांश पंत ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे एक पत्र में कहा, ‘‘केंद्र और राज्य सरकारों के बीच लगातार और सहयोगात्मक कार्यों के कारण हम (कोविड-19 के) मामलों की संख्या कम करने में सक्षम हुए.’’ उन्होंने लिखा है, ‘‘हालांकि, कोविड-19 वायरस का प्रकोप जारी है. इसलिए सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए निगरानी को बनाए रखना महत्वपूर्ण है.’’
केरल में आया नए वेरियंट का पहला मामला
पंत ने कहा कि हाल में केरल जैसे कुछ राज्यों में कोविड-19 के मामलों की संख्या में मामूली वृद्धि हुई है. भारत में कोविड-19 के जेएन.1 वैरिएंट का पहला मामला आठ दिसंबर को केरल में सामने आया था. एक 79 वर्षीय महिला इससे संक्रमित पाई गई थीं. इससे पहले, तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली जिले का एक यात्री सिंगापुर में जेएन.1 वैरिएंट स्वरूप से संक्रमित मिला था. उसने अक्टूबर में सिंगापुर की यात्रा की थी.
केंद्र ने की ओर से राज्यों को नियमित आधार पर जिलेवार एसएआरआई और आईएलआई मामलों की रिपोर्ट और निगरानी करनी होगी. राज्यों को ज्यादा संख्या में आरटी-पीसीआर परीक्षणों सहित पर्याप्त परीक्षण सुनिश्चित करने की सलाह दी गई. साथ ही जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए पॉजिटिव नमूने INSACOG प्रयोगशालाओं में भेजने की सलाह दी गई.
भारत में क्या है कोरोना की स्थिति?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत में कोरोना वायरस से संक्रमण के (सोमवार तक) 260 नए मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि सक्रिय मामले बढ़कर 1,828 हो गए हैं. कोरोना से जान गंवाने वालों की संख्या 5 लाख 33 हजार 317 दर्ज की गई. इसकी वजह से देश में कोविड मामलों की संख्या 4.50 करोड़ (4,50,05,076) है. स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, बीमारी से ठीक होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 4 करोड़ 44 लाख 69 हजार 931 हो गई है और राष्ट्रीय रिकवरी दर 98.81 फीसदी है. कोरोना में मृत्यु दर 1.19 प्रतिशत है. मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, देश में 220.67 करोड़ कोविड टीकों की खुराक दी जा चुकी हैं.
यूरोप में सबसे पहले मिला कोविड का नया सब-वेरिएंट
आपको बता दें कि कोविड-19 के सब-वेरिएंट JN.1 का सबसे पहला संक्रमण यूरोपीय देश लक्जमबर्ग में हुआ था. यहां से बाद ये कई देशों फैला. ये सब-वेरिएंट पिरोलो वेरिएंट (बीए.2.86) से जुड़ा हुआ है. इसकी सबसे बड़ी घातक बात यह है कि इसमें होने वाले संक्रमण का कारण वायरस का तेजी से म्यूटेशन है. खासतौर पर स्पाइक प्रोटीन में ज्यादा म्यूटेशन होता है. यही वजह है कि इसे इंसानी शरीर के इम्यूनिटी के खिलाफ भी खतरनाक बताया जा रहा है. इसीलिए सरकारें सतर्कता बरत रही हैं.