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Parliament Security Breach Delhi Police Says In Court Accused Lalit Jha Seems To Be Mastermind


Parliament Security Breach Case: संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले में गिरफ्तार हुए पांचवें आरोपी ललित झा को शुक्रवार (15 दिसंबर) को दिल्ली की एक अदालत ने सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया. हिरासत में आरोपी झा से पूछताछ की जाएगी.

पुलिस ने आरोपी को अदालत में पेश करते हुए उसकी 15 दिन की रिमांड मांगी थी. दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हुए लोक अभियोजक अखंड प्रताप सिंह ने कहा कि गुरुवार को अपनी गिरफ्तारी के बाद आरोपी झा ने इस मामले में अपनी संलिप्तता के बारे में खुलासा किया और बताया कि वह कैसे पूरी साजिश का ‘मास्टरमाइंड’ था. पुलिस ने कहा कि आरोपी के मोबाइल फोन की बरामदगी जरूरी है.

पुलिस की ओर से अदालत में पेश हुए लोक अभियोजक ने ये कहा

लोक अभियोजक ने आरोपी ललित झा के लिए 15 दिनों की पुलिस रिमांड की मांग करते हुए कहा कि जिस तरह से साजिश रची गई, उसका पर्दाफाश करने की जरूरत है और विस्तार से जांच होना जरूरी है. उन्होंने यह भी कहा कि मामले में आरोपी अलग-अलग जगहों के हैं, इसलिए उन्हें अलग-अलग जगहों पर ले जाना होगा. उन मोबाइल फोन को भी बरामद करना होगा जिन्हें आरोपी झा ने कथित तौर पर नष्ट कर दिया.

‘पैसा कहां से आया, पता लगाना है’

अदालत ने आरोपी ललित झा को उसका पक्ष रखने के लिए वकील मुहैया कराया है. पुलिस ने अदालत को यह भी बताया कि इस घटना को अंजाम देने के लिए पैसा कहां से आया था और आरोपियों का मकसद क्या था, ये सब पता लगाना है. हालांकि, अदालत ने आरोपी को सात दिन की पुलिस रिमांड पर ही भेजा.

इससे पहले मामले में गिरफ्तार किए गए चार आरोपियों, अमोल, सागर शर्मा, मनोरंजन डी और नीलम आजाद को कोर्ट ने सात दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा था. पुलिस ने सेंध लगाने की घटना को आतंकी गतिविधि जैसा बताया है.

आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती धाराओं में दर्ज हुआ है मुकदमा

अब तक मामले में गिरफ्तार हुए पांचों आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने गैर जमानती धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है क्योंकि यूएपीए के मामलों में जमानत नहीं होती है.

सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली के संसद मार्ग पुलिस थाने में आरोपियों के खिलाफ आतंकवाद निरोधक कानून (UAPA) की धारा 16 (आतंकी कृत्य) और 18 (साजिश आदि) और भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 452 (अनधिकार प्रवेश), 153 (दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाना), 186 (लोकसेवक के सार्वजनिक कार्य निर्वहन में बाधा पहुंचाना) और 353 (लोकसेवक को उसके कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल) के तहत मामला दर्ज हुआ है.

ऐसे अंजाम दी गई थी संसद में सेंध लगाने की घटना

बता दें कि बुधवार (13 दिसंबर) को लोकसभा में जब शून्यकाल चल रहा था तब दो आरोपी सार्वजनिक गैलरी से लोकसभा कक्ष में कूद गए थे. दोनों की पहचान सागर शर्मा और मनोरंजन डी के रूप में की गई. सोशल मीडिया पर सामने आई तस्वीरों और वीडियो में दोनों को कैनिस्टर पकड़े हुए देखा गया, जिससे पीली गैस निकल रही थी. आरोपी नारे भी लगा रहे थे. अमोल शिंदे और नीलम देवी के रूप में पहचाने गए दो अन्य आरोपियों ने भी संसद परिसर के बाहर इसी तरह के कैनिस्टरों से रंगीन गैस उड़ाई थी.

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