Supreme Court To Hear TMC Leader Mahua Moitras Challenge To Expulsion As Loksabha MP Tomorrow – महुआ मोइत्रा की सांसदी रद्द करने के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में कल सुनवाई
नई दिल्ली:
‘पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने’ के मामले में टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था. महुआ मोइत्रा ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई करेगी. टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा की याचिका पर जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच सुनवाई करेगी. बता दें, झारखंड से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद निशिकांत दुबे ने इस मामले में पक्षकार बनाने का अनुरोध करते हुए अदालत का रुख किया था. सांसद दुबे की शिकायत के बाद ही महुआ मोइत्रा का लोकसभा से निष्कासन हुआ था.
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लोकसभा में आचार समिति की रिपोर्ट को मंजूर किए जाने के बाद 8 दिसंबर को महुआ मोइत्रा को निष्कासित कर दिया था. जिसके खिलाफ मोइत्रा ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. इस रिपोर्ट में मोइत्रा को ‘पैसे लेकर सवाल पूछने’ के मामले में ‘अनैतिक एवं अशोभनीय आचरण’ का जिम्मेदार ठहराया गया था.
वहीं, भाजपा सांसद दुबे ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अर्जी में कहा है कि चूंकि तत्काल याचिका की पूरी वजह उनके (दुबे) द्वारा 15 अक्टूबर, 2023 को की गई शिकायत से उत्पन्न हुई है, इसलिए, यह उचित और न्याय के हित में है कि उनको एक आवश्यक पक्षकार के रूप में शामिल किया जाए.
बता दें, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने आठ दिसंबर को हंगामेदार चर्चा के बाद लोकसभा में मोइत्रा के निष्कासन का प्रस्ताव पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी. चर्चा में मोइत्रा को खुद का पक्ष रखने का मौका नहीं मिला था. अपने निष्कासन पर प्रतिक्रिया देते हुए मोइत्रा ने इस फैसले की तुलना “कंगारू अदालत” द्वारा सजा से की थी. साथ ही आरोप लगाया था कि सरकार लोकसभा की आचार समिति को, विपक्ष को झुकने के लिए मजबूर करने का हथियार बना रही है.
अक्टूबर में, दुबे ने सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्रई की एक शिकायत के आधार पर आरोप लगाया कि मोइत्रा ने पैसे लेकर लोकसभा में सवाल पूछे थे. जिसके बाद लोकसभा स्पीकर ने इस मामले को आचार समिति को सौंप दिया था. समिति को 19 अक्टूबर को दिए एक हलफनामे में हीरानंदानी ने दावा किया कि मोइत्रा ने लोकसभा सदस्यों की वेबसाइट से जुड़ी अपनी लॉग-इन आईडी और पासवर्ड उनके साथ साझा किया था. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) पहले ही मामले में प्रारंभिक प्राथमिकी दर्ज कर चुका है.