Sonia, Rahul Will Have To Tell Whose Cash Seized From Congress MP Sahu Belongs To: Nadda. – सोनिया, राहुल गांधी को बताना होगा, कांग्रेस सांसद से जब्त नकदी किसकी? : BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा
महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास तख्तियां लिए प्रदर्शन कर रहे सांसदों ने साहू की गिरफ्तारी की भी मांग की. आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को कहा था कि देश में किसी भी जांच एजेंसी द्वारा एक कार्रवाई में जब्त की गई ‘अब तक की सबसे ज्यादा’ राशि है.
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी और भ्रष्टाचार एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. कांग्रेस भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी और अपराधीकरण के लिए जानी जाती है. भ्रष्टाचार और कदाचार कांग्रेस की रीति-नीति हैं.”
उन्होंने कहा, ‘‘वसूली इस बात का जीता जागता सबूत है कि कांग्रेस भ्रष्टाचार के जरिए लोगों की गाढ़ी कमाई जमा कर रही है.”
नड्डा ने कहा, ‘‘भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) चाहती है कि सोनिया गांधी, कांग्रेस और राहुल गांधी, जो बार-बार केंद्रीय जांच एजेंसियों पर कटाक्ष करते हैं और उनके खिलाफ आरोप लगाते हैं, भ्रष्टाचार के माध्यम से जमा किए गए इस लूट के पैसे पर जवाब दें.”
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है.
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भाजपा तभी राहत की सांस लेगी जब सभी भ्रष्टाचारियों को सलाखों के पीछे डाल दिया जाएगा. हम लोगों को उनके गलत कामों के बारे में बताएंगे और उन्हें बेनकाब करेंगे.”
भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रकाश जावड़ेकर ने भी कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि बड़े पैमाने पर नकदी जब्त होने से पूरा देश स्तब्ध है.
उन्होंने कहा, ‘‘मशीनें अब भी पिछले चार दिनों से (आयकर विभाग द्वारा जब्त) नकदी की गिनती कर रही हैं… यह अब 354 करोड़ रुपये से अधिक है और यह राशि 1000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है.”
उन्होंने कहा, ‘‘यह कांग्रेस की एटीएम मशीन थी। यही कारण है कि उन्हें (साहू) कांग्रेस से बाहर नहीं किया गया है. हम इसकी निंदा करते हैं.”
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस इतनी बेशर्म हो गई है कि वह साहू को पार्टी से निकालने के बजाय उनका समर्थन कर रही है.
लोकसभा में भाजपा सदस्यों ने सोमवार को सदन में नकदी जब्त किए जाने का मुद्दा भी उठाया.
रांची से भाजपा सदस्य संजय सेठ ने शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस से जवाब मांगा.
कार्यवाही की अध्यक्षता कर रहे राजेंद्र अग्रवाल ने सदस्यों से राज्यसभा सदस्य का नाम नहीं लेने का आग्रह किया और उनसे समाचार पत्रों को सदन में लहराने से मना कि.
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