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Mental Diseases Spreading Like Fire, Up To 100 Percent Increase In The Number Of Patients – आग की तरह फैल रही मानसिक बीमारियां, रोगियों की तादाद में 100 फीसदी तक की बढ़त



एक 20 साल का युवा पेशे से दर्ज़ी है. वह 40 दिनों से सो नहीं पाया है. उसको मरने-मारने का खयाल आता है. मुंबई के सायन के बीएमसी अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है. उसके एक रिश्तेदार ने बताया कि, ‘’40 दिन से सोया नहीं, पेमेंट नहीं मिला है बहुत परेशान है. तरह-तरह के ख़याल आते हैं. उसको लगता है कि कोई उसको मार देगा.”

सायन हॉस्पिटल के मनोरोग विशेषज्ञ डॉ ओमकार नायक ने बताया कि, ‘’ऐसे तनाव में नींद ना होने से डोपमिन रसायन की मात्रा बढ़ जाती है जिससे ऐसी हरकत लोग करते हैं. तो हम दवा देते हैं, जिससे डोपमिन की मात्रा कम हो जाती है और मरीज़ के स्वभाव में बेहतरी दिखती है.” 

मुंबई के सायन के बीएमसी अस्पताल में एक दिन में करीब 300 लोग मानसिक सेहत संबंधित परेशानियों को लेकर पहुंचते हैं. इनमें 30 प्रतिशत नशे के आदी हैं. 

सायन हॉस्पिटल के मनोचिकित्सक डॉ सागर कारिया कहते हैं, ‘’ऐसे दिन में 300 मरीज़ आते हैं. इनमें 30% नशा करते हैं, सस्ता मिलता है इसलिए पहुंच इस वर्ग तक भी आसानी से है. तनाव में तो सभी हैं लेकिन पर्सनालिटी ट्रेट पर भी निर्भर करता है कि कौन इसके सेवन से कैसा रूप ले ले. हमारे पास समय पर पहुंचे तो इलाज मिल जाता है. लोग लेकिन धीरे धीरे जागरूक हो रहे हैं, मानसिक बीमारी को लेकर, कि डॉक्टर को दिखाने की ज़रूरत है”

इंडियन साइकियाट्रिक सोसाइटी के सदस्य और महाराष्ट्र के सबसे बड़े मनोचिकित्सकों में शामिल डॉ हरीश शेट्टी बताते हैं कि मानसिक रोग आग की तरह फैल रहा है. इन रोगियों की संख्या 100 प्रतिशत बढ़ी है. छोटे बच्चे भी आपराधिक विचार पाल रहे हैं. 

वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ हरीश शेट्टी ने कहा कि, ‘’अक्रॉस इंडिया 100% बढ़त है. नींद ना होना मुख्य कारण है. मानसिक रोग आग की तरह फैल रहा है, जल्द बुझाना होगा. पीएम मोदी से कहूंगा जल्द इसकी ओर ध्यान दें. जैसे AIIMS आईआईटी बढ़ाए, मानसिक रोग को लेकर व्यवस्था बढ़ाएं. सिर्फ़ 8 से 10 हजार मनोचिकित्सकों पर पूरे देश का भार है, कैसे होगा. 10 साल के छोटे बच्चे ख़ुदकुशी करना चाहते हैं, क्या हो रहा है!”

बढ़ते ख़ुदकुशी के मामलों को देखते हुए मुंबई की भांडुप पुलिस ने ‘जागर’ नाम से मुहिम शुरू की है.  भांडुप पुलिस के सीनियर पीआई नितिन उन्हवणे ने कहा, ‘’बीते आठ महीने से लगातार हम हर दिन करीब दो ख़ुदकुशी देख रहे हैं, ऐसा कभी नहीं होता था हमारे इलाक़े में. छोटे बच्चे भी ऐसा कर रहे हैं, नार्मल सी बात पर. इसलिए हम जागर मुहिम चला रहे हैं जिसमें लोगों की काउंसलिंग करते हैं, बात करते हैं और कई को हमने कोई अपराध करने से समय पर रोका है.”

मानसिक रोगियों में तनाव के मुख्य कारण आर्थिक हालत, नशा, रिश्तों का टूटना, पारिवारिक कलह आदि हैं. कई अलग-अलग वजहें हैं जो हिंसात्मक सोच पैदा करती हैं. नींद ना होना, नींद की कमी ऐसे मानसिक बदलाव करती है जो आपराधिक सोच पैदा करती है. इसलिए जब नींद की कमी हो तो समझ लें कि मानसिक सेहत पर गौर जरूरी है.



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