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Telangana Election 2023 Live: तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए गुरुवार (30 नवंबर) को मतदान हो रहा है. तेलंगाना चुनाव के साथ ही इस वर्ष के आखिर में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव पूरे हो जाएंगे, जिन्हें कुछ राजनीतिक पंडित अगले वर्ष (2024 में) होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले सेमीफाइनल भी करार दे रहे हैं. 

तेलंगाना से पहले छत्तीसगढ़, मिजोरम, मध्य प्रदेश और राजस्थान विधानसभा के लिए मतदान हो चुका है. पांचों राज्यों के विधानसभा चुनाव की मतगणना 3 दिसंबर को की जाएगी. तेलंगाना में मुख्य मुकाबला मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की पार्टी भारत राष्ट्र समिति (BRS), कांग्रेस और बीजेपी के बीच माना जा रहा है. हालांकि, चुनाव से पहले हुए कई सर्वे में बीआरएस और कांग्रेस की टक्कर होने का अनुमान लगाया गया है.

असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) 9 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. चुनाव से पहले सभी पार्टियों के दिग्गजों जैसे कि बीजेपी की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी, बीआरएस प्रमुख केसीआर और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी आदि ने जमकर प्रचार किया. 

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, तेलंगाना में कुल 2,290 उम्मीदवार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं, जिनमें सीएम केसीआर, उनके बेटे और मंत्री केटी रामाराव, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ए रेवंत रेड्डी और बीजेपी के लोकसभा सदस्य बी संजय कुमार और डी अरविंद शामिल हैं.

राज्यभर में 35,655 मतदान केंद्र बनाए गए हैं जहां कुल पंजीकृत 3.26 करोड़ मतदाता हैं. आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार (29 नवंबर) को बताया कि 106 निर्वाचन क्षेत्रों में सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक और 13 वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) प्रभावित निर्वाचन क्षेत्रों में सुबह सात बजे से शाम चार बजे तक मतदान होगा.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी विकास राज ने कहा है कि विधानसभा चुनाव के लिए 2.5 लाख से अधिक कर्मचारियों को ड्यूटी पर लगाया गया है. तेलंगाना में पहली बार दिव्यांगों और 80 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाताओं को घर पर मतदान की सुविधा प्रदान की जाएगी.

राज्य में सत्तारूढ़ बीआरएस ने सभी 119 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं जबकि बीजेपी सीट बंटवारे के समझौते के अनुसार खुद 111 सीटों पर लड़ रही है और शेष आठ सीटें अभिनेता पवन कल्याण की अगुवाई वाली जन सेना के लिए छोड़ी हैं. कांग्रेस ने अपनी सहयोगी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) को एक सीट दी है और खुद शेष 118 सीटों पर लड़ रही है.

असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम ने हैदराबाद शहर के नौ निर्वाचन क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार उतारे हैं. बीआरएस 2014 में शुरू हुई अपनी जीत के सिलसिले को आगे भी कायम रखने को लेकर उत्सुक है जबकि कांग्रेस 2018 में और उससे चार साल पहले हारने के बाद सत्ता पर काबिज होने के लिए संघर्ष कर रही है.

कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार के दौरान ही तेलंगाना को अविभाजित आंध्र प्रदेश से अलग कर राज्य का दर्जा दिया गया था. इस दक्षिणी राज्य में पहली बार सत्ता में आने के लिए बीजेपी भी कोई कसर नहीं छोड़ रही है.

सीएम केसीआर दो निर्वाचन क्षेत्रों कामारेड्डी और गजवेल से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. वह निवर्तमान विधानसभा में गजवेल का प्रतिनिधित्व करते हैं. कामारेड्डी और गजवेल में रोमांचक मुकाबले देखने को मिल रहा है. कांग्रेस ने कामारेड्डी में मुख्यमंत्री का मुकाबला करने के लिए अपने प्रदेश अध्यक्ष रेवंत रेड्डी को मैदान में उतारा है जबकि बीजेपी उम्मीदवार वेंकट रमण रेड्डी भी मजबूत माने जा रहे हैं. गजवेल में बीजेपी ने मुख्यमंत्री राव के खिलाफ अपने चुनाव अभियान अध्यक्ष एटाला राजेंद्र को मैदान में उतारा है.

बीजेपी ने अपने अभियान के दौरान ‘डबल इंजन सरकार’ चुनने की जरूरत पर जोर दिया और सीएम केसीआर के ‘परिवार शासन’ और कथित भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया. बीआरएस के लिए, मुख्यमंत्री राव ने प्रचार अभियान के दौरान 96  जनसभाओं को संबोधित किया.

कांग्रेस का चुनाव प्रचार विस्तृत रहा. सबसे पुरानी पार्टी के अभियान का नेतृत्व मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाद्रा और रेवंत रेड्डी ने किया. कांग्रेस के प्रचार अभियान के केंद्र में बीआरएस सरकार का कथित भ्रष्टाचार और पार्टी की ओर से सत्ता में आने पर दी जाने वाली छह गांरटी रहा.

(भाषा इनपुट के साथ)

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