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Increase In Cases Of Respiratory Disease In China Rajasthan Take Big Action Ann


Rajasthan News: चीन में सांस रोग के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए राजस्थान स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने प्रदेश के चिकित्सा प्रबंधन को अलर्ट किया है. उन्होंने कहा, ‘भारत सरकार की ओर से जारी पत्र और उपलब्ध सूचनाओं के अनुसार अभी तक स्थिति चिंताजनक नहीं है, लेकिन प्रदेशभर में संक्रामक रोगों की सर्विलेंस और रोकथाम के लिए चिकित्सा प्रबंधन पूरी सतर्कता के साथ काम करें.’ साथ ही उन्होंने चिकित्सा संस्थानों में जांच, दवा, उपचार आदि के समुचित इंतजाम सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं.

दरअसल, चीन में पाई गई सांस संबंधी बीमारी से बचाव के लिए तैयारियों के लिए शुभ्रा सिंह ने स्वास्थ्य भवन में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अधिकारियों से बात की है. उन्होंने कहा कि जानकारी के अनुसार फिलहाल देश में इस बीमारी का एक भी मामला सामने नहीं आया है, फिर भी एहतियातन चिकित्सा तंत्र को मजबूत रखने की दृष्टि से  सजगता बरती जा रही है. 

तीन दिन में तैयार करें एक्शन प्लान

इस बीमारी से बचाव और उपचार आदि व्यवस्थाओं के लिए तीन दिन में एक्शन प्लान तैयार किए जाने की बात कही गई है. उन्होंने इसके लिए जिला और मेडिकल कॉलेज के स्तर पर एक नोडल ऑफिसर की नियुक्ति करने और संभाग, जिला स्तर पर रेपिड रिस्पॉन्स टीम के गठन के निर्देश दिए हैं. उन्होंने सभी अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन, जांच, दवा, उपचार, मानव संसाधन और अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता की प्रभावी मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने आगे कहा कि चीन में बच्चों में सांस रोग के मामले अधिक सामने आए हैं. इसे देखते हुए शिशु रोग इकाइयों और मेडिसिन विभाग में उपचार के पर्याप्त इंतजाम करना है. उन्होंने कहा कि इस बीमारी के संबंध में जिला और राज्य स्तर पर नियमित समीक्षा भी की जाएगी.

SARI रोगियों की रैंडम सैम्पलिंग करें

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि राज्य और जिला स्तर के बड़े चिकित्सा संस्थानों में भर्ती सिवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (SARI) के रोगियों की रैंडम सैम्पलिंग कर उनके नमूने जयपुर और जोधपुर स्थित लैब में भेजे जाएं. उन्होंने कोविड-19 रोगियों की तरह ILI और SARI रोगियों की भी IHIP पोर्टल पर दैनिक रूप से रिपोर्टिंग किए जाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि बच्चों, वृद्धजनों, गर्भवती महिलाओं और को-मोरबिड रोगियों में संक्रमण की आशंका अधिक रहती है. इसलिए बचाव की दृष्टि से आमजन को आवश्यक उपाय अपनाने के लिए जागरूक किया जाए.



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