Chhattisgarh Election 2023 After Assembly Voting Bets Started Being Placed On Victory Or Defeat In Chhattisgarh Election Ann
Chhattisgarh Assembly Election 2023: छत्तीसगढ़ का विधानसभा चुनाव खत्म हो गया हैं, लेकिन अभी भी चुनाव को लेकर चर्चा और चकल्लस का दौर जारी है. चुनाव होने के बाद हार-जीत को लेकर सूरजपुर शहर में सटोरिए भी सक्रिय हो गए हैं. विधानसभा मतदान के बाद अब जीत-हार के कयास लगने शुरू हो गए हैं और इसके साथ ही प्रत्याशियों पर दांव भी लगने लगे हैं. चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार व राजनीतिक दल अपने समर्थकों से क्षेत्रवार मतदान व वोटों के आंकड़ों को जुटाने में लग गए हैं, तो कहीं धोखे व पाला बदलने की भी खबरें सामने आ रही है.
होटल, पान दुकान, सार्वजनिक चौक- चौराहों, चाय की टपरियों में अब पार्टियों के कार्यकर्ता के साथ-साथ चुनाव में दिलचस्पी रखने वाले लोग भी अपने-अपने आंकड़े बताकर जीत का दावा-प्रतिदावा कर रहे हैं. जीत-हार के दावों के बीच अब कोई शर्त लगाने की भी चुनौती दे रहा है. एक ओर कांग्रेस के समर्थक जीत के आंकड़े गिना रहे हैं तो दूसरी ओर बीजेपी के समर्थक केंद्र सरकार की योजनाओं के बल पर जीत के लिए आश्वस्त हैं. सूरजपुर जिले की प्रेमनगर, भटगांव व प्रतापपुर विधानसभाओं में सर्वाधिक कयास प्रेमनगर व भटगांव विधानसभा सीटों के लिए लगाये जा रहे हैं. हालांकि मुख्य मुकाबला कांग्रेस व बीजेपी के बीच होने से दोनों ही दल के समर्थक अपनी-अपनी जीत का भी दावा करने लगे हैं.
सबकी जुबां पर चुनाव की चर्चा
मतदान के तीसरे दिन हालांकि सभी की जुबां पर चुनाव की चर्चा है. कौन जीतेगा, कौन हारेगा और कौन रहेगा दूसरे नम्बर पर, किसका दबदबा रहेगा तथा जीत-हार में कितना अंतर होगा. प्रदेश में किसकी सरकार बनेगी तथा किस पार्टी को कितनी सीटें मिलेंगी, इस पर भी सटोरिए मोल-भाव कर रहे हैं. सटोरियों के द्वारा लाखों का दांव स्थानीय प्रत्याशियों की हार-जीत पर नहीं, बल्कि प्रदेश में सरकार बनने और किस पार्टी की कितनी सीटें आ रही हैं इस पर लग रहा है. शांतिपूर्ण संपन्न हुए चुनाव के बाद अब सभी के जुबान में हार-जीत की समीक्षा का दौर तेजी से शुरू हो गया है. वहीं राजनीतिक पंडित भी अपना गुणा-भाग कर चुनावों के परिणाम निकालने लगे हैं और जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा, इस पर भी हर घंटे लोगों के दावे बदलने लगे हैं. दूसरी ओर मतदाताओं की चुप्पी ने भी प्रत्याशियों व राजनीतिक दलों को सोचने पर मजबूर कर दिया है.
हार-जीत को लेकर लगने लगी बाजियां
चुनाव के इस दौर में हार-जीत के लिए अब छोटे से लेकर बड़े स्तर तक बाजियो का भी दौर शुरू हो गया है. 100 रुपए से लेकर लाखों रुपये तक की बाजियां लगने लगी है. जीत व हार के मंथन के बीच दावों को लेकर लोगों की तकरारें भी बढ़ गई है और बातों ही बातों में लोगों के सुर भी तेज होते जा रहे हैं. जीत पर अड़े रहने के कारण दावे को लेकर तल्खियाँ भी बढ़ गई है. गांव से लेकर शहर तक अमूमन यही स्थिति है कि चुनाव के बाद हार-जीत के मामले को लेकर हो रही बहसें विवाद का रूप भी लेनी लगी हैं.
भारी मतदान से बिगड़े समीकरण
विधानसभा चुनाव में भारी मतदान से राजनीतिक गलियारों की चर्चाएं तो गर्म है हीं, वहीं जोड़-घटाओ लगाने वाले राजनीतिक पंडित भी पेशो पेश में हैं. हालांकि राजनीति का यह ऊंट किस करवट बैठेगा, यह तो तीन दिसम्बर को ही पता चलेगा, लेकिन इतना तय है कि 80 प्रतिशत से ऊपर हुए मतदान से कईयों के समीकरण बनने बिगड़ने लगे हैं. अपने-अपने दावे व प्रति दावों के बीच दोनों ही राजनीतिक दल भारी मतदान को अपने पक्ष में बता रहे हैं. जहां प्रमुख कांग्रेस पार्टी से सरकार की योजनाओं व विकास कार्यों से जोड़ कर देख रही हैं, तो भाजपा इसे बदलाव का संकेत मान रही है.
सिंहदेव, रेणुका और अमरजीत भी दांव पर हैं
सूरजपुर शहर में बाजियों और सट्टेबाजों में सर्वाधिक प्रतिष्ठापूर्ण सीटें अंबिकापुर से टीएस सिंहदेव, सीतापुर से अमरजीत भगत व भरतपुर-सोनहत से रेणुका सिंह की है. इन तीनों सीटों पर सर्वाधिक चर्चाओं का दौर है साथ ही इन पर दांव भी लगाने के लिए लोग अपने-अपने दावों के बीच आतुर हैं. इन तीनों सीटों को लेकर जिला मुख्यालय का सट्टा बाजार भी गर्म है. वहीं उप मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री व खाद्य मंत्री की प्रतिष्ठा भी इन सीटों से जुड़ी हुई है.
ये भी पढ़ें: Chhattisgarh Election 2023: सीआरपीएफ के हाथों बस्तर के स्ट्रांग रूम की सुरक्षा की कमान, चप्पे चप्पे पर तैनात जवान