Gorakhpur Arogya Temple Organized Naturopathy Treatment By Mud Plastering Ann
Gorakhpur News: प्राकृतिक चिकित्सा दिवस पर गोरखपुर के आरोग्य मंदिर में सर्वांग मिट्टी लेपन का आयोजन हुआ. सर्वांग मिट्टी लेपन से त्वचा संबंधी रोगों के साथ अन्य रोगों को भी दूर किया जाता है. प्राकृतिक चिकित्सा दिवस पर एक सप्ताह पूर्व से ही चिकनी मिट्टी के शरीर पर लेपन के साथ नेचुरोपैथी को अधिक से अधिक अपनाने पर बल दिया जाता है. इस चिकित्सा के जरिए त्वचा, उदर, अवसाद समेत अनेक बीमारियों के इलाज के लिए हर साल यहां आने वाले लोगों की संख्या भी हजारों में हैं. यहां पर 15 दिन से तीन माह तक ये प्राकृतिक चिकित्सा की जाती है.
प्राकृतिक चिकित्सा से बीमारियों का इलाज
प्राकृतिक चिकित्सा दिवस पर आयोजित सर्वांग मिट्टी लेपन कार्यक्रम में गोरखपुर शहर और बाहर के जिलों से आने वाले लोगों ने प्रतिभाग किया. इस अवसर आरोग्य मंदिर के निदेशक डॉ. विमल मोदी ने सर्वांग मिट्टी लेपन के लाभ और त्वचा से संबंधित रोगों के साथ अनिद्रा और मानसिक अवसाद जैसी बीमारियों से छुटकारे के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि इसके लिए डेढ़ से दो फीट नीचे जमीन की मिट्टी को निकाला जाता है. इसके बाद उसे रातभर उसे भिगोया जाता है. जिससे छोटी-मोटी बीमारियों का प्राकृतिक रूप से उपचार होता है.
देश-विदेश से आते हैं लोग
डॉ. विमल मोदी ने बताया कि साल 1947 में यहां पर छह एकड़ की जमीन पर इसे शुरू किया गया था. धीरे-धीरे इसका विस्तार हुआ. यहां पर देश और विदेश से भी लोग प्राकृतिक चिकित्सा के लिए आते हैं. उन्होंने बताया कि आज विकास और भागदौड़ भरे जीवन में लोग अपने शरीर पर ध्यान नहीं दे पाते हैं. यहां पर रहने वाले लोगों को प्राकृतिक रूप से खान-पान को सुदृढ़ कर किस तरह से स्वस्थ रहना है इसके बारे में जानकारी दी जाती है. उनके रहने से लेकर खाने तक का इंतजाम नियम के अनुरूप उनके यहां होता है.
यहां पर 10 से 15 दिन रहकर मनुष्य जीवन को जीने के तरीके को जान जाते हैं. यहां शुद्ध वातावरण भी मिलता है. उन्होंने बताया कि यहां दिनचर्या को नियमित करने के साथ शुगर, गठिया और अन्य छोटी-मोटी बीमारियों को कम किया जा सकता है. लेकिन, हार्ट अटैक और गंभीर रोगों के लिए तो एलोपैथ का ही सहारा लेना होगा. जिन लोगों का एलोपैथ में उपचार नहीं हो पाता है वो प्राकृतिक चिकित्सा में आते हैं और कई तरह की बीमारियों को इसमें ठीक किया जाता है.
आरोग्य मंदिर में पहुंचे कुंदन उपाध्याय, मनोज यादव और अन्य लोगों ने बताया कि उन्होंने अपने पूरे शरीर पर सर्वांग मिट्टी लेप किया है. प्राकृतिक चिकित्सा सभी चिकित्सा पद्धतियों की जननी है और जिस बीमारी का इलाज न हो वह प्राकृतिक चिकित्सा में आए और इसका कोई भी साइड इफेक्ट नहीं है. उन्होंने कहा कि सर्वांग मिट्टी लेपन से शरीर का शोधन होता और वे लोगों से अपील करते हैं कि वे वर्ष में एक बार यहां पर जरूर प्राकृतिक चिकित्सा के लिए 10 दिन के लिए जरूर आए. क्योंकि शरीर पंचतत्वों से मिलकर बना है. ऐसे में आकाश, वायु, अग्नि, जल और पृथ्वी के करीब रहना शरीर के लिए काफी लाभ पहुंचाने वाला है.