Gorakhpur Police Filed Another Case Against Mafia Vinod Upadhyay Increased Reward By 50 Thousand Ann
Gorakhpur News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्ती के बाद से गोरखपुर के बड़े माफियाओं पर भी पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है. इस सूची में सबसे बड़ा यूपी का मोस्ट वांटेड विनोद उपाध्याय का नाम भी शामिल हो जो काफी समय से फरार है. पुलिस ने उसपर 25 हजार का इनाम रखा था जिसे बढ़ाकर 50 हजार कर दिया गया है. इससे पहले माफिया अजीत शाही, सुधीर सिंह, राकेश यादव पहले ही कोर्ट में सरेंडर कर चुके हैं. वहीं विनोद और उसके भाई संजय उपाध्याय की पुलिस को सरगर्मी से तलाश कर रही है.
सीएम योगी की चेतावनी के बाद माफियाओं में खौफ है. पिछले दिनों माफिया राकेश यादव ने भी कोर्ट में सरेंडर कर दिया था और अब पुलिस की नजर विनोद उपाध्याय और उसके भाई संजय उपाध्याय है. जिनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश डाली जा रही है. पुलिस ने उन पर घोषित इनाम राशि को भी बढ़ाकर 50 हजार कर दिया है. खबरों के माने तो एनकाउंटर के डर अब वो भी कोर्ट में सरेंडर का मौका तलाश रहे हैं. विनोद उपाध्याय के खिलाफ गैंगस्टर में गैर जमानती वारंट भी जारी हो चुका है.
माफिया विनोद उपाध्याय पर कसा शिकंजा
दोनों माफिया ब्रदर्स के खिलाफ जमीन के बदले 5 लाख रुपये की रंगदारी का केस गुलरिहा पुलिस ने दर्ज किया है. गोरखपुर के दाउदपुर के रहने वाले पूर्व एडीजीसी क्रिमिनल प्रवीण कुमार श्रीवास्तव ने गुलरिहा पुलिस को तहरीर देकर मोगलहा में उनकी पुश्तैनी जमीन पर 5 लाख रुपए की रंगदारी मांगने का आरोप लगाया है. इस पर पुलिस ने विनोद और उसके भाई के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. वहीं राजकुमार श्रीवास्तव नाम के एक युवक ने भी उनके खिलाफ रंगदारी मांगने का केस दर्ज कराकर दोनों की मुश्किलें बढ़ा दी है.
विनोद उपाध्याय गोरखपुर थाने का हिस्ट्रीशीटर भी है. रंगदारी, हत्या का प्रयास समेत कुल 25 मुकदमें दर्ज हैं. पुलिस को गैर जमानती वारंट में उसकी तलाश है. पुलिस अब दोनों भाईयों के संपत्ति भी खंगाल रही है. इस बीच 23 मई को उसके खिलाफ गुलरिहा थाने में रंगदारी और धमकी देने का एक और नया केस भी दर्ज हो गया है. कैंट थानाक्षेत्र के दाउदपुर निवासी प्रवीण कुमार श्रीवास्तव ने ये केस दर्ज कराया है. वो क्राइम के पूर्व अतिरिक्त जिला सरकारी वकील रह चुके हैं.
रंगदारी और धमकी देने के आरोप में केस दर्ज
प्रवीण श्रीवास्तव की पुश्तैनी जमीन गुलरिहा थाना क्षेत्र के सलेमपुर उर्फ मुगलपुर मोगलहा में है. प्रवीण का मुंबई के टाटा मेमोरियल में कैंसर का इलाज चल रहा है. उन्हें इलाज के लिए पैसे की जरूरत है. इलाज के लिए वे गुलरिहा वाली जमीन बेचना चाहते थे. आरोप है कि 17 अप्रैल 2022 को प्रवीण अपने भाईयों के साथ जमीन को चिन्हित कराने अपने प्लॉट पर गए. तब विनोद ने अपने भाई और समर्थकों के साथ उनसे रंगदारी मांगी और धमकी दी. जिसके बाद उन्होंने इस मामले में केस दर्ज कराया.
25 गंभीर मामलों में दर्ज हैं मुकदमें
विनोद उपाध्याय पर अलग-अलग थानों में कुल 25 गंभीर मुकदमे दर्ज हैं. इसके साथ ही प्रदेश के टॉप 61 माफिया में भी विनोद उपाध्याय का नाम शामिल है. पीडब्ल्यूडी गैंगवार, चार फाटक गोली कांड, हिस्ट्रीशीटर लाल बहादुर हत्याकांड, हियुवा नेता को पीटने को लेकर वो सुर्खियों में आया था. सबसे पहले बार वो तब चर्चा में आया, जब उसने गोरखपुर जेल में नेपाल के भैरहवा के शातिर बदमाश जीत नारायण मिश्र के मारे गए थप्पड़ का बदला लेने के लिए 7 अगस्त 2005 को को जमानत पर बाहर आए जीत नारायण मिश्र और उसके बहनोई गोरेलाल की ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या कर दी थी.
पुलिस ने इनाम राशि बढ़ाकर 50 हजार की
विनोद पर 2014 में हत्या का प्रयास, आर्म्स एक्ट, गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ. 2020 आते-आते विनोद पर गंभीर धाराओं में दर्ज मुकदमों की संख्या 25 पहुंच गई. जमानत पर छूटते ही वो फरार हो गया. गोरखपुर के एसएसपी डा. गौरव ग्रोवर ने उसके ऊपर 25 हजार का इनाम घोषित कर दिया. इसके बाद भी जब विनोद उपाध्याय पर शिकंजा नहीं कसा जा सका, तो गोरखपुर के आईजी जे. रविन्द्र गौड़ ने इनाम की राशि को 25 हजार रुपए से बढ़ाकर 50 हजार कर दिया है. अब पुलिस की सख्ती के बाद विनोद का काउंट डाउन शुरू हो चुका है.
साल 2007 में विनोद उपाध्याय गोरखपुर शहर विधानसभा सीट से बसपा के टिकट पर चुनाव भी लड़ चुका है. हालांकि नो चौथे नंबर पर रहा था. बसपा महासचिव सतीश मिश्रा से नजदीकी के कारण पार्टी ने विनोद को गोरखपुर का प्रभारी बना दिया. बसपा सुप्रीमो मायावती ने उसके समर्थन में रैली भी की थी.
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