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Mizoram Assembly Election 2023 News: मिजोरम में 40 विधानसभा सीटों के लिए मंगलवार (7 नवंबर) को मतदान हुआ. इस बार चुनाव आयोग की मेहनत रंग लाती दिखी और मतदाताओं ने बढ़चढ़कर मतदान में भाग लियाय इसी का नतीजा रहा है कि यहां 77.04 प्रतिशत वोटिंग हुई. इस अधिक वोटिंग ने यहां के मुकाबले को और दिलचस्प बना दिया है. दरअसल, वोटिंग पर्सेंटेज के बेहतर होने के कई मायने हैं. कुछ एक्सपर्ट इसे सत्ता में बदलाव के संकेत भी मान रहे हैं. आइए पूरा मामला समझते हैं विस्तार से.

राजनीतिक एक्सपर्ट के मुताबिक, इस बार मिजोरम में मिजो नेशनल फ्रंट (MNF), कांग्रेस और जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है. तीनों ही पार्टी की तरफ से मुख्यमंत्री पद के दावेदार दमदार हैं. मौजूदा सीएम जोरमथांगा की बहुसंख्यक मिजो समुदाय में पकड़ अब भी कायम है. वहीं नए अध्यक्ष लालसावता के नेतृत्व में कांग्रेस फिर से वापस आने की पूरी कोशिश कर रही है और आक्रामक रूप से जोरमथांगा को सत्ता से हटाने में लगी है. वहीं तीसरी पार्टी है जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) जिसकी युवाओं में अच्छी पकड़ है.

ज्यादा वोटिंग पर्सेंटेज किस बात का संकेत

मिजोरम में ज्यादा वोटिंग दो बातों के संकेत दे रही है. पहला ये कि एमएनएफ के हाथ से सत्ता जा सकती है. आमतौर पर माना जाता है कि जब सत्ता के विरोध में लहर होती है तब लोग ज्यादा से ज्यादा वोट करते हैं. ऐसे में हो सकता है कि लोगों ने एमएनएफ को बाहर का रास्ता दिखाने का मन बना लिया हो. मिजोरम के बगल में मणिपुर में हिंसा कई महीनों से चली आ रही है. वहां बीजेपी की सरकार है. एमएनएफ का बीजेपी के साथ केंद्र में गठबंधन है. हालांकि पार्टी राज्य में इससे मना करती है, लेकिन लोगों में इसे लेकर नाराजगी हो सकती है.

जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) के पक्ष में हवा

ज्यादा वोटिंग का दूसरा संकेत जेडपीएम के पक्ष में हो सकता है. दरअसल, जेडपीएम युवाओं के बीच काफी पॉपुलर है. इसने पिछले कुछ साल में लोकल मुद्दों को लेकर स्थानीय लोगें में पैठ बनाई है. पार्टी की बढ़ती ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में 8 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही थी. इसके अलावा इस बार चुनाव में 18-19 आयु वर्ग के 50,611 मतदाता थे, जिन्होंने पहली बार मतदान किया. एक्सपर्ट मानते हैं कि अगर इन सभी ने वोट किया है तो हो सकता है कि ये जेडएमपी के पक्ष में जाए, क्योंकि वह युवाओं के बीच लोकप्रिय पार्टी है.

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