Manipur Violence: Home Minister Amit Shah Appeals People To Open Imphal Dimapur NH 2 Highway
Manipur Violence Update: मणिपुर में जारी बवाल के बीच जरूरी चीजों की कमी हो रही है और इनकी कीमतें भी आसमान छू रही हैं. इसी बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने रविवार (4 जून) को राज्य के लोगों से इंफाल-दीमापुर राष्ट्रीय राजमार्ग-2 (Imphal-Dimapur Highway) से नाकेबंदी हटाने की अपील की ताकि राज्य में खाना, दवाई और ईंधन जैसी जरूरी चीजें पहुंच सकें.
अमित शाह ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर नागरिक समाज के सदस्यों से इस बारे में पहल करने को कहा है. उन्होंने कहा, “मणिपुर के लोगों से मेरी विनम्र अपील है कि इंफाल-दीमापुर, राष्ट्रीय राजमार्ग-2 पर लगाई गई नाकेबंदी को हटा लें जिससे कि भोजन, दवाइयां, पेट्रोल/डीजल और अन्य आवश्यक वस्तुएं लोगों तक पहुंच सकें.”
अमित शाह की मणिपुर के लोगों से अपील
उन्होंने आगे कहा, “मैं यह भी अनुरोध करता हूं कि नागरिक संगठन आम सहमति बनाने के लिए जरूरी कदम उठाएं. हम सब मिलकर ही इस खूबसूरत राज्य में सामान्य स्थिति बहाल कर सकते हैं.” अमित शाह ने हाल ही में स्थिति का जायजा लेने के लिए मणिपुर की चार दिवसीय यात्रा की थी. इस दौरान राज्य में शांति की भावना बहाल करने के लिए उन्होंने विभिन्न हितधारकों के साथ बातचीत की थी.
My sincerest appeal to the people of Manipur is to lift the blockades at the Imphal-Dimapur, NH-2 Highway, so that food, medicines, Petrol/Diesel, and other necessary items can reach the people.
I also request that Civil Society Organisations do the needful in bringing…
— Amit Shah (@AmitShah) June 4, 2023
हथियार रखने वालों को दी थी चेतावनी
केंद्रीय गृह मंत्री ने अपनी यात्रा के आखिरी दिन सभी समुदायों और समाज के वर्गों से शांति बनाए रखने, चर्चा करने और सद्भाव को बढ़ावा देने के साथ-साथ अपने हथियार पुलिस को सौंपने का आग्रह किया था. शाह ने चेतावनी दी थी कि पुलिस की ओर से तलाशी अभियान के दौरान हथियार रखने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और शांति व सौहार्द बनाए रखने की भी अपील की थी.
अब तक 98 की मौत
इस बीच मणिपुर सरकार के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने रविवार को कहा कि राज्य में पिछले 24 घंटों में हिंसा की कोई घटना नहीं हुई और प्रदेश में शनिवार को पूरी तरह शांति रही. गौरतलब है कि मैतेई समुदाय की ओर से अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग के विरोध में तीन मई को आदिवासी एकजुटता मार्च के आयोजन के बाद मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क उठी थी. हिंसा में अब तक 98 लोगों की जान चली गई है.
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