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Supreme Court Asks Centre, States To Expedite Filling Vacancies In CIC, State Information Commissions – सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, राज्यों को सीआईसी, राज्य सूचना आयोगों में रिक्तियां भरने में तेजी लाने कहा


सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, राज्यों को सीआईसी, राज्य सूचना आयोगों में रिक्तियां भरने में तेजी लाने कहा

नई दिल्ली:

उच्चतम न्यायालय ने केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) और राज्य सूचना आयोगों (एसआईसी) में रिक्त पदों को भरने के लिए कदम उठाने का केंद्र एवं राज्य सरकारों को निर्देश देते हुए सोमवार को कहा कि ऐसा नहीं होने पर सूचना का अधिकार कानून ‘निष्प्रभावी’ हो जाएगा. प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला तथा न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) को राज्य सूचना आयोगों में मंजूर पदों, रिक्तियों और वहां लंबित मामलों की कुल संख्या सहित कई पहलुओं पर सभी राज्यों से सूचना एकत्र करने को कहा.

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प्रधान न्यायाधीश ने आरटीआई कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण की दलीलों पर गौर करने के बाद, रिक्तियों पर चिंता जताते हुए कहा,‘‘2005 का सूचना का अधिकार कानून निष्प्रभावी हो जाएगा.” भूषण ने दलील दी कि झारखंड, त्रिपुरा और तेलंगाना जैसे राज्यों में राज्य सूचना आयोगों का कामकाज ठप्प पड़ गया है क्योंकि वहां सेवारत सूचना आयुक्त नहीं हैं. पीठ ने भूषण की दलीलों पर गौर करने के बाद कहा, ‘‘अधिवक्ता ने भारी संख्या में रिक्तियों का एक चार्ट प्रस्तुत किया है. यह इस न्यायालय की अंतर्निहित भावना और स्पष्ट आदेशों को कमजोर करेगा… जहां तक सीआईसी का संबंध है, चार सूचना आयुक्त कार्यरत हैं, और सात पद रिक्त हैं.”

भूषण ने अपनी दलीलों के दौरान सीआईसी में सात रिक्तियों और इस तथ्य का उल्लेख किया कि केंद्रीय सूचना आयुक्त नहीं है. उन्होंने कहा कि यहां तक कि चार सेवारत सूचना आयुक्त (आईसी) भी आगामी महीनों में सेवा मुक्त हो जाएंगे. पीठ ने डीओपीटी को सभी राज्यों से जानकारी एकत्र करने और एसआईसी में रिक्तियों को भरने के लिए उठाए जा रहे कदमों के पहलू सहित एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया. इसने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी को मामले का निस्तारण करने में पीठ की सहायता करने के लिए भी कहा.

पीठ ने आदेश दिया, ‘‘हम सभी राज्यों को (एसआईसी में) पदों को भरने के लिए कदम उठाने का निर्देश देते हैं. इसे तीन सप्ताह के बाद सूचीबद्ध करें.” भारद्वाज ने आरोप लगाया है कि सीआईसी और राज्य सूचना आयोगों में रिक्तियों को समय पर भरने सहित अन्य संबद्ध मुद्दों पर शीर्ष न्यायालय का 2019 के फैसले का केंद्र और राज्यों द्वारा अनुपालन नहीं किया गया है.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)



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