Jharkhand Villagers Came With Weapons In Their Hands To Stop The Work Of Forest Department, JCB Machines Seized Ann
Jharkhand News: झारखंड के सरायकेला जिले में एक बड़ा ही रोचक मामला देखने को मिला, जहां सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण पारंपरिक हथियारों से लैस होकर जिले के कांड्रा पंचायत अंतर्गत धातकीडीह में झारखंड ऊर्जा संचार निगम लिमिटेड के द्वारा किए हर जा रहे कार्य को रोकते देखे गए. इसमें युवा बुजुर्ग, बच्चों सहित महिलाएं शामिल थीं. ग्रामीणों ने सीधा-सीधा आरोप लगाया है कि यह वन भूमि है और इसे बिना ग्राम सभा किए सरकार और वन विभाग ने फर्जी तरीके से विभाग को सौंप दिया है. मौके पर वन विभाग की जानकार संग्राम मार्डी ने उलगुलान करते हुए कहा है की वन पर अधिकार सिर्फ और सिर्फ ग्रामीणों का होता है और उस पर ग्राम सभा होना चाहिए लेकिन पुलिस का भय दिखाकर लोगों को डराया जा रहा है. जो कि अब चलने वाला नहीं है वहीं मौके पर कार्य कर रहे करीब आधा दर्जन जेसीबी मशीन की गाड़ियों को ग्रामीणों ने जब्त कर अपने कब्जे में ले लिया है. उनका कहना है कि जब तक सरायकेला के डीएफओ मौके पर नहीं पहुंचेंगे तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा और गाड़ियां नहीं लौटी जाएंगी.
क्या है मामला?
वर्ष 2017 से कांड्रा के धातकीडीह स्थित वन भूमि के प्लाट में झारखंड ऊर्जा संचार निगम लिमिटेड द्वारा एक पावर ग्रिड का निर्माण किया जाना है. जहां ग्रामीणों ने इसका विरोध दर्ज किया है उनका मानना है कि वन भूमि उसे क्षेत्र की एकमात्र बच्ची हुई वन भूमि है जहां पर वह अपने मवेशियों को कार और अन्य कार्यों में इस्तेमाल करते हैं लेकिन अब वह पूरी तरह से झारखंड ऊर्जा संचार निगम लिमिटेड को दे दिया गया है जिसके लिए कांड्रा के तत्कालीन वन अधिकार समिति के सदस्य हनी सिंह मुंडा के द्वारा एक आम सभा किया गया था जिसमें हस्ताक्षर करने वाले सारे व्यक्ति बाहरी थे. कोई भी रैयतदार नहीं थे वहीं पूरे मामले का निपटारा करने के लिए कई बार ग्राम सभा में झारखंड ऊर्जा संचार निगम लिमिटेड के लोगों को बुलाया गया लेकिन उन्होंने ग्राम सभा का अपमान किया और ग्राम सभा में शामिल होने नहीं पहुंचे इसके बाद से ग्रामीण काफी ज्यादा आक्रोश में है.
झारखंड ऊर्जा निगम लिमिटेड व वन विभाग का किया विरोध
वन विभाग और झारखंड ऊर्जा संचार निगम पर आरोप लगाते हुए वन मामलों के जानकारी संग्राम मराठी ने कहा है कि जो काम जमीन माफिया और दलाल करते आ रहे हैं और वन भूमि को बेचकर उस पर अपना कब्जा जमाते चले आ रहे हैं. वही काम वन विभाग और झारखंड ऊर्जा संचार निगम लिमिटेड ने मिलकर किया है सरायकेला जिले में पैसा कानून होने के बावजूद यहां मूल वीडियो का अधिकार छीना जा रहा है.
पश्चिम बंगाल की तरह हो सकता है खूनी खेल
जिस तरह टाटा नैनो प्लांट को लेकर पश्चिम बंगाल में खूनी खेल हुआ था ठीक उसी तरह का माहौल आज देखने को मिला. जहां मौके पर हजारों की संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे वही पुलिसिया व्यवस्था पूरी तरह से ग्रामीणों के विरोध में देखी गई मौके पर पुलिस विभाग के द्वारा ग्रामीणों पर मामला दर्ज करने की बातें कहते हुए देखा गया है.
जिले में मौजूद थे जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री
पूरे आंदोलन के दरमियान जिले में जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा दिशा की बैठक में व्यस्त देखे गए पूरे प्रदर्शन के दरमियान ना ही मौके पर उपायुक्त और ना ही केंद्रीय मंत्री या कोई अन्य जनप्रतिनिधियों ने अपना मौजूदगी दिखाई. छोटे-छोटे बच्चों के साथ आई महिलाओं के हाथों में भी हथियार देखे गए. उनकी एक ही मांग है कि यह वन भूमि है जो वह किसी हालत में लेने नहीं देंगे फर्जी तरीके से किए गए आमसभा काव्य विरोध कर रहे थे.
झारखंड ऊर्जा संचार निगम के लोगों ने किया विरोध
वहीं अपना पक्ष देते हुए झारखंड ऊर्जा संचार निगम के इंजीनियर ने बताया कि यह भूमि उन्हें सरकार द्वारा विकास कार्य के लिए मिला है, लेकिन जब उनसे पूछा गया कि करीब एक हफ्ते पहले ग्राम सभा में वे क्यों नहीं पहुंचे तो जवाब में उन्होंने कैमरा बंद करने का निर्देश जारी कर दिया.
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