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Indian Armed Forces LCA Mark 1A Fighter Aircraft Strength Will Increase, Indigenous Systems Uttam Angad Will Installed 


LCA Mark 1A: भारतीय सशस्त्र बलों को जल्द ही दो नए साथी ‘अंगद’ और ‘उत्तम’ मिल सकते हैं. अंगद और उत्तम, लड़ाकू विमानों में लगाए जाने वाले स्वदेशी सिस्टम है. ‘उत्तम’ एक रडार है और ‘अंगद’ इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट है. विमानों में इन स्वदेशी सिस्टम को इंस्टॉल कराने का निर्णय लिया गया है.

समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में ही बने लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) यानी हल्के लड़ाकू विमानों में ‘उत्तम’ रडार लगाया जाएगा. इसके अलावा ‘अंगद’ इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट को भी विमानों में फिट करने का फैसला लिया गया है. इन नई तकनीकों के इस्तेमाल से सेना की ताकत बढ़ेगी. इसके साथ ही उपकरणों को लेकर भारतीय सेना की विदेशी कंपनियों पर निर्भरता कम होगी.

स्वदेशी रूप से विकसित किए जा रहे उत्तम और अंगद
सैन्य जानकारों का कहना है कि भारत में निर्मित हल्के लड़ाकू विमान ‘मार्क1ए’ में सबसे पहले ‘उत्तम’ रडार और ‘अंगद’ इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट फिट किया जाएगा. रक्षा अधिकारियों का कहना है कि उत्तम एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एरे रडार और अंगद इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट को स्वदेशी रूप से विकसित किया जा रहा है. यह बहुत जल्द एलसीए मार्क-1ए विमान के साथ इंटीग्रेट होने के लिए तैयार हो जाएगा. 

‘एलसीए मार्क-1 ए’ विमानों की संख्या 180 होगी  
गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना ने 83 ‘एलसीए मार्क-1 ए’ के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे. वायु सेना का कहना है कि वह इनमें से 97 और विमान चाहती है, तब उसके पास 180 विमान हो जाएंगे. 

विमानों के आधुनिक सिस्टम देश में हो रहे तैयार 
इन विमानों के लिए यह नए और आधुनिक सिस्टम देश में ही तैयार किया जा रहे हैं. इसके तहत 41वें विमान से लेकर 83 एलसीए मार्क1ए विमानों के ऑर्डर तक, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट और एईएसए रडार भारत में बनाए जाएंगे. 

वायु सेना की ताकत में होगा जबरदस्त इजाफा 
दरअसल, रक्षा के क्षेत्र में भारत स्वदेशी उपकरणों को बढ़ावा दे रहा है. भारतीय वायु सेना ने रक्षा मंत्रालय के समक्ष 156 स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर्स ‘प्रचंड’ की मांग भी रखी है. इससे वायु सेना की शक्ति में जबरदस्त इजाफा होगा.

हेलीकॉप्टर में फिट किए जा सकेंगे 700 किलोग्राम वजन के हथियार 
एक और महत्वपूर्ण बात यह कि सभी 156 हेलीकॉप्टर स्वदेशी होंगे. सभी ‘प्रचंड’ हेलिकॉप्टर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड बना रहा है. सेना के कॉम्बैट सर्च एंड रेस्क्यू, डिस्ट्रक्शन ऑफ एनेमी एयर डिफेंस, काउंटर इंसर्जेंसी ऑपरेशन और रिमोटली पायलेटेड एयरक्राफ्ट को धराशायी करने में प्रचंड हेलिकॉप्टर खासे मददगार हैं. ये हेलीकॉप्टर हाई एल्टीट्यूड बंकर बस्टिंग ऑपरेशंस में भी काफी सहायक हैं. इस पर 700 किलोग्राम तक के हथियार फिट किए जा सकते हैं.

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