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Chhattisgarh Elections 2023 PM Narendra Modi And CM Bhupesh Baghel Posters Painting Created Ruckus ANN


Chhattisgarh Elections 2023: छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए 9 अक्टूबर से पूरे प्रदेश में आचार संहिता लगने के साथ ही राजनीतिक दलों और नेताओं के बैनर,  पोस्टर, होर्डिंग्स हटाने का काम जिला प्रशासन ने शुरू कर दिया है. अलग-अलग जगहों पर लगी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत नेताओं की होर्डिंग्स को हटाया जा रहा है. दीवारों पर किए गए विभिन्न योजनाओं के प्रचार-प्रसार, पेंटिंग्स में मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के फोटो को छिपाने के लिए उन पर रंग लगाया जा रहा है. 

ऐसे में छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में भी जिला प्रशासन की टीम इस काम में जुट गई है, लेकिन यहां नरेंद्र मोदी के चेहरे पर सफेद रंग और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के चेहरे पर काला रंग पोते जाने से कांग्रेसियों ने नाराजगी व्यक्त की. साथ ही इसके लिए कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने आरोप लगाया है कि, जानबूझकर इस तरह की हरकत की गई है जिसके लिए प्रशासन के अधिकारी और कर्मचारी जिम्मेदार है. कांग्रेस ने इसे प्रशासन का भेदभाव पूर्ण रवैया बताया है.

कांग्रेसियों ने लगाया प्रशासन के अधिकारियों पर ये आरोप 
दरअसल, दंतेवाड़ा जिले के गीदम नगर पंचायत क्षेत्र के वार्ड नंबर-13 और हारम ग्राम पंचायत में अलग-अलग जगहों पर खासकर दीवारों पर  छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार और केंद्र सरकार की योजनाओं की पेंटिंग्स बनी हुई है. साथ ही कुछ होर्डिंग्स भी लगे हुए थे, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्ममंत्री भूपेश बघेल की तस्वीर लगी हुई थी. आचार संहिता लगने के बाद गीदम तहसीलदार आशा मौर्य समेत नगर पंचायत के कर्मचारियों की  टीम एक्शन मोड पर आई और एक सिरे से प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री  की होर्डिंग्स को हटा दिया गया. पीएम नरेंद्र मोदी की तस्वीर पर सफेद रंग लगाकर छिपाया गया, जबकि सीएम भूपेश बघेल की तस्वीर वाली पेंटिंग पर काला रंग पोता गया है.

प्रशासन ने क्या कहा?
वहीं इस मामले की जानकारी जब गीदम नगर पंचायत अध्यक्ष और कांग्रेसी नेता साक्षी रविश सुराना को मिली तो उन्होंने इसे प्रशासन का भेदभावपूर्ण रवैया बताया और इसका  विरोध किया है. उन्होंने कहा कि आचार संहिता लगी है नेता भी सहयोग देंगे तस्वीर, होडिंग्स को हटाना प्रशासन का काम है, लेकिन मुख्यमंत्री के चेहरे पर काला रंग पोतना यह कृत्य सरासर गलत है. इसकी जगह प्रशासन अन्य किसी कलर का इस्तेमाल कर सकता था, लेकिन  प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के चेहरे को छिपाने के लिए अलग-अलग कलर का इस्तेमाल करना यह प्रशासन का भेदभावपूर्ण रवैया है. जिसने भी ये काम किया है उस पर कार्रवाई होनी चाहिए. 

इधर इस मामले में गीदम तहसीलदार आशा मौर्य का कहना है कि, उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी कि अलग-अलग कलर लगाया जा रहा है, जैसे उन्हें जानकारी मिली ऐसे में उन सभी बैनर पोस्टर को हटाने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही  दीवारों पर सीएम के चेहरे पर लगाए गए काले रंग को दूसरा कलर लगाने की निर्देश दिए गए हैं. 

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