Sports

पिता की तरह नहीं कभी नहीं बनना चाहते था ये बच्चा, आज है बॉलीवुड का बड़ा 'मोहरा'



युवा के “बी ए मैन, यार! विद निखिल तनेजा” के आगामी एपिसोड में, नसीरुद्दीन शाह ने अपनी जर्नी के बारे में बताया. दिलचस्प बातचीत के दौरान एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री  में अपने करियर के शुरुआती दौर में सामने आई चुनौतियों का जिक्र किया है. हालांकि, इसमें उन्होंने कहा, “एक समय था जब मैं पुरुषत्व से पूरी तरह से चकित था. लेकिन यह घोर स्त्रीद्वेषी रवैया, महिलाओं से नफरत, एक ऐसा रवैया जो महिलाओं को योग्य नहीं मानता – यह कब तक चलेगा?” इसी को लेकर अपने बचपन के अनुभवों से प्रेरणा लेते हुए, उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे उनकी परवरिश ने लैंगिक समानता पर उनके विचारों को प्रभावित किया. 

एक्टर नसीरुद्दीन शाह ने कहा, “हमारे परिवार में मर्दानगी को बहुत महत्व दिया जाता था.” लेकिन हमारे परिवार की महिलाएं शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकीं, शिक्षित नहीं हो सकीं. इससे मुझे बहुत गुस्सा आता है.” नसीरुद्दीन शाह ने अपने पिता के साथ जटिल संबंधों पर प्रकाश डाला और इस बात पर जोर दिया कि कैसे उनकी बातचीत ने वर्षों से पुरुषत्व की उनकी धारणा को आकार दिया है. उन्होंने कहा, “मैंने कभी अपने पिता को नहीं छुआ, मैं कभी भी अपने पिता की तरह नहीं बनना चाहता था. मैंने हमेशा सोचा, मैं अपनी मां की तरह क्यों नहीं बन सकता?”

 एपिसोड के सबसे प्यारे हिस्सों में से एक वह है जब शो के होस्ट निखिल तनेजा ने नसीरुद्दीन शाह की रत्ना पाठक शाह से स्थायी और सामंजस्यपूर्ण शादी के बारे में पूछताछ की, जो समान रूप से मुखर और सफल हैं. वह कहते हैं, “हमारी शादी इसलिए फली-फूली क्योंकि हमने कभी भी एक-दूसरे पर निश्चित अपेक्षाएं नहीं थोपीं. हमारे रिश्ते में लिंग संबंधी भूमिकाएं कभी भी पत्थर की लकीर नहीं बनीं. मैंने उसे शुरू से ही बता दिया था कि मैं ऐसा नहीं कर सकता. खाना पकाना, लेकिन मैं बर्तन और सफ़ाई कर सकता था. धीरे-धीरे, हमने एक-दूसरे को खोजा, और यह एक निरंतर रहस्योद्घाटन था. हमारे मिलन का आधार हमारी अटूट दोस्ती थी, जहां भूमिकाएं अपरिभाषित रहीं, और हम पक्के दोस्त बने रहे.”

बता दें, नसीरुद्दीन शाह अ वेडनेसडे, मोहरा, मासूम, द डर्टी पिक्चर और चमत्कार जैसी फिल्मों में काम कर चुके हैं. 



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *