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Moradabad Gazetteer To Be Published After 55 Years In October Ann


Moradabad Gazetteer News: देश के इतिहास में पहली बार किसी मंडल का गजेटियर बनकर तैयार हुआ है और जल्द ही यह जनता को मिलने जा रहा है. अभी तक तमाम सरकारें जनपदों के गजेटियर बनवाती रही हैं, लेकिन किसी मंडल का गजेटियर पहली बार तैयार हुआ है और वह मंडल है उत्तर प्रदेश का मुरादाबाद मंडल.

मुरादाबाद के मंडल आयुक्त सीनियर आईएएस अधिकारी आंजनेय कुमार सिंह ने बताया कि अभी तक जनपदों के ही गजेटियर तैयार होते रहे हैं, लेकिन पहली बार हमने पूरे मंडल मुरादाबाद का गजेटियर तैयार कराया है. इसमें मंडल के पांचों जनपदों मुरादाबाद, बिजनौर, अमरोहा, संभल और रामपुर की पूरी ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, भौगोलिक संरचना और आर्थिक विकास के साथ-साथ विभिन्न विभूतियों, कलाओं और तथ्यों व आकंड़ों की सही सटीक जानकारी को संकलित किया गया है. 

कब आएगा मुरादाबाद का गजेटियर?

इसमें सभी विभागों से उनके आंकड़े व जानकारी लेने के बाद उनकी भिन्नता को ठीक करते हुए उसे तार्किक कसौटी पर परखने के बाद गजेटियर में जगह दी गयी है. मुरादाबाद मंडल का यह पहला गजेटियर अक्टूबर के पहले सप्ताह में जनता को मिल जायेगा. मुरादाबाद मंडल के कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने बताया कि मुरादाबाद मंडल का पहला गजेटियर बन कर तैयार है और अक्टूबर के पहले सप्ताह में यह जनता को लोकार्पित हो जायेगा.

उन्होंने बताया कि 55 साल बाद मुरादाबाद का गजेटियर तैयार हुआ है और इसमें मुरादाबाद मंडल के पांचों जनपदों के सभी आंकड़ों को हर तरह से कसौटी पर आंकने के बाद पारदर्शी तरीके से उन्हें मिलाकर गजेटियर में शामिल किया गया है ताकि गजेटियर पूर्ण रूप से त्रुटीविहीन हो और जनता इसका इस्तेमाल एक दस्तावेज के रूप में कर सके. 

आखिरी बार 1968 में हुआ था प्रकाशित 

1968 में मुरादाबाद जनपद का आखिरी गजेटियर प्रकाशित हुआ था. उसके बाद इस पर कोई काम नहीं हुआ. इसलिए अब आधुनिक दौर में इसकी बहुत बड़ी आवश्यकता महसूस हो रही थी ताकि जनता को अपने जनपद की सही जानकारी मिल सके. सिर्फ जनपद नहीं बल्कि पूरे मंडल का गजेटियर तैयार किया जाये, ये ख्याल आते ही इस पर काम करना शुरू किया गया और सभी विभागों के अधिकारियों ने इसमें मन से काम किया. इसलिए हम ये कर पाने में कामयाब हुए हैं.

गजेटियर को तैयार करने के लिए लगभग 50 से अधिक कुशल अधिकारियों को लगाया गया और सभी विभागों से उनके आंकड़े मंगवाकर इन्हें दूसरे विभागों से तुलनात्मक तरीके से चैक किया गया है ताकि मुरादाबाद मंडल के सही संकलित आंकड़े और जानकरी लोगों तक पहुंचाई जा सके. गांवों से लेकर शहरों तक का इतिहास उसकी प्रमाणिकता और उनके विकास की यात्रा का भी विवरण गजेटियर में मिलेगा. 

पहले अंक में क्या बताया जाएगा?

गजेटियर के प्रथम अंक में मुरादाबाद, संभल, अमरोहा, रामपुर, बिजनौर जिलों के तीर्थ स्थल, धार्मिक स्थल, व्यावसायिक गतिविधि, पुलिस फोर्स और अन्य विभाग के आंकड़ों को दर्शाया गया है. साथ ही मंडल के हर जिले के प्रसिद्ध स्थान, प्रसिद्ध व्यवसाय, मुरादाबाद के पीतल हैंडी क्राफ्ट, बिजनौर का लकड़ी का सामान, संभल के हड्डी और सींग के उत्पाद, अमरोहा की ढोलक, रामपुर के वाद्य यंत्र, रजा लाइब्रेरी सहित एतिहासिक इमारतें और पुस्तकालय, स्कूल कालेज, रेलवे स्टेशन सहित अन्य पुरातन स्थानों को एक साथ समेटा गया है. 

अधिकारियों को किया जाएगा सम्मानित

इसमें सबकी राय भी ली गई है. इस गजेटियर से जिलों के अलग-अलग आंकड़ें दुरुस्त किये गये हैं और उन्हें परीक्षण के बाद ही गजेटियर में शामिल किया गया है. मंडल के गजेटियर की प्रूफ रीडिंग और प्रींटिंग का कार्य चल रहा है और जल्द ही अक्टूबर के पहले हफ्ते में यह जनता के सामने आ जायेगा. आंजनेय कुमार सिंह ने कहा कि इसको तैयार करने में कुछ अधिकारियों ने बहुत ही अच्छा कार्य किया है जिसके लिए उन्हें सम्मानित भी किया जायेगा. सूचनाएं सही और सटीक हों इसका बहुत ज्यादा ध्यान रखा गया है. 

क्या होता है गजेटियर?

इस गजेटियर में मुरादाबाद के शिल्प गुरु पद्मश्री दिलशाद हुसैन के साथ बिजनौर की विदुर कुटी, संभल के हरी हर मंदिर, रामपुर की रजा लाइब्रेरी का भी विशेष उल्लेख किया गया है. गजेटियर की थीम कला और कला का सम्पोषण और पुनर्जीवन पुनर्स्थापना पर आधारित है. गजेटियर को प्रकाशित करने के बाद उसका डिजिटल डाटा राज्य गजेटियर सिमिति को भेजा जायेगा. जिसके बाद इसका डिजिटल प्रकाशन भी किया जायेगा. बता दें कि, गजेटियर में इलाके की सामाजिक, आर्थिक व भौगोलिक जानकारी होती है. इसमें न सिर्फ इलाके का इतिहास होता है बल्कि उसके बारे में एक-एक जानकारी शामिल होती है.

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