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Women Reservation Bill: संसद के निचले सदन लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक (नारी शक्ति वंदन अधिनियम बिल) चर्चा के बाद बुधवार (20 सितंबर) को पास हो गया. इसके पक्ष में 454 और विरोध में 2 वोट पड़े. इसे राज्यसभा में गुरुवार (21 सितंबर) को पेश किया जाएगा. 

केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी सहित कई बीजेपी सांसदों ने पक्ष रखा. वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सोनिया गांधी  सहित अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम बिल पर समर्थन करते हुए सरकार से कई सवाल किए. 

अमित शाह ने क्या कहा?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद जनगणना और परिसीमन की कार्रवाई पूरी की जाएगी. लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण से संबंधित कानून बहुत जल्द आकार लेगा. 

देश में जनगणना होने और परिसीमन होने के बाद महिला आरक्षण से जुड़ा कानून लागू होने की स्थिति में इसे मूर्त रूप लेने में कई साल लग जाने संबंधी विपक्षी सदस्यों की आशंकाओं पर अमित शाह ने कहा कि परिसीमन आयोग अर्द्धन्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा है जिसके प्रमुख सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश होते हैं. इसमें चुनाव आयोग के प्रतिनिधि और सभी दलों के एक-एक सदस्य होते हैं. 

राहुल गांधी ने क्या कहा?
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने महिला आरक्षण विधेयक का बुधवार को लोकसभा में समर्थन किया, लेकिन कहा कि इसमें अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) की महिलाओं के लिए अलग आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए. 

कांग्रेस नेता राहुल गांधी सदन में कहा, ‘‘मेरी नजर में एक चीज (ओबीसी कोटा नहीं होना) इस विधेयक को अधूरा बनाती है. मैं चाहता हूं कि इस विधेयक में ओबीसी आरक्षण को शामिल किया जाना चाहिए था. यह बहुत जरूरी है कि भारत की आबादी के एक बड़े हिस्से, महिलाओं के बड़े हिस्से की आरक्षण तक पहुंच होनी चाहिए. इस विधेयक में यही नहीं है.’’

स्मृति ईरानी का सोनिया गांधी पर निशाना
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने महिला आरक्षण विधेयक को अपना विधेयक बताने के कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी के दावे पर निशाना साधा. उन्होंने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष का नाम लिये बिना कहा कि सदन में कहा गया कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार ने 2010 में विधेयक पेश किया था. 

उन्होंने तंज कसते हुए कहा, ‘‘सफलता के कई रहनुमा होते हैं, लेकिन विफलता का कोई नाम लेने वाला नहीं होता है. इसलिए जब विधेयक लाया गया तो कुछ लोगों ने इसे अपना विधेयक बताया.’’

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