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मौसी के स्टोर रूम में रहकर बीता बचपन, घर के दरवाजे की मरम्मत को भी नहीं थे पैसे, आज हैं टॉप सेलेब्रिटी



कोरियोग्राफर-फिल्म मेकर फराह खान एक्टर-फिल्म मेकर कामरान खान की बेटी हैं. वही कामरान जिन्होंने अपनी आखिरी फिल्म ‘ऐसा भी होता है’ के बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप होने के बाद अपनी सारी कमाई खो दी थी. फराह ने अब मनीष पॉल के साथ एक पॉडकास्ट में बताया कि कैसे फिल्म की रिलीज के 3 दिनों के अंदर उन्होंने सब कुछ खो दिया और लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार उनकी मां ने उन्हें और बेटे साजिद खान के साथ रात के 1 बजे कामरान का घर छोड़ दिया.

13 साल की उम्र में अपने पिता का घर छोड़ने पर क्या बोलीं फराह खान ?

अपने पिता के डाउन फॉल के बारे में बात करते हुए फराह ने मनीष से कहा, “हमने रातों-रात असफलता देखी है. यह शुक्रवार को रिलीज हुई शनिवार तक यह सिनेमाघरों से बाहर हो गई और रविवार तक हम गरीब हो गए. उन्होंने मम्मी के गहने समेत सब कुछ दांव रख दिया था क्योंकि उन्हें पूरा यकीन था कि फिल्म अच्छा परफॉर्म करेगी. 13 साल तक जब तक उनकी मौत नहीं हो गई उनके पास कोई काम नहीं था. हम 4 बीएचके से 1 बीएचके में आ गए थे. मैं किसी ट्रैजेडी की तरह नहीं लगना चाहती क्योंकि मेरे पिता ने शराब पीना शुरू कर दिया था. जब मैं 5 साल की थी तब से लेकर 13 साल की होने तक हम ऐसे ही रहे. फिर मेरी मां ने एक रात मेरे और साजिद के साथ वहां से जाने का फैसला किया. वो भी एक पिक्चर का सीन था. जहां अब सोहो हाउस है वहां जुहू बीच के बस स्टॉप पर रात के 2 बजे खड़े थे- मम्मी और 2 बच्चे. हमने रिक्शा लिया और अगले 5 साल के लिए डेजी ईरानी आंटी के साथ रहने चले गए.

फराह ने कहा कि 5 साल तक अपनी मौसी के स्टोर रूम में रहने के बाद वे अपने पिता के घर वापस चले गए क्योंकि उनकी मां को एक होटल में हाउसकीपिंग की नौकरी मिल गई थी. वे कितने गरीब थे इस बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “हमारे घर में सचमुच कुछ नहीं था, हम घर का दरवाजा खुला करके सोते थे, क्योंकि कोई आएगा तो कुझ देकर ही जाएगा, लेके कोई जा नहीं सकता.” उसने कहा कि ताला टूट गया था और उनके पास कुंडी की मरम्मत के लिए पैसे नहीं थे और इसलिए वे रात में दरवाजे के पीछे ओखली और मूसल रखते थे ताकि कोई दरवाजे को खोलने के लिए धक्का देना पड़े.

फराह अब एक सफल कोरियोग्राफर और फिल्म मेकर हैं. वह शाहरुख खान, करण जौहर और इंडस्ट्री के कई अन्य लोगों के साथ बहुत अच्छे दोस्त हैं. वह अब पति शिरीष कुंदर और अपने तीनों बच्चों के साथ एक बड़े घर में रहती हैं. “कभी-कभी मैं रात में आती हूं, अपना घर देखती हूं और मुझे यकीन ही नहीं होता कि यह मेरा घर है.” उन्होंने अपने स्ट्रगल के दिनों को याद करने के बाद कहा.



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