From Sengol To Nataraja Statue At Bharat Mandapam Will PM Modi Tamil Bet Pay Off
Lok Sabha Election 2023: जी20 सम्मेलन के लिए सजाए गए भारत मंडपम में अष्टधातु से बनी 27 फुट ऊंची और 18 टन वजनी नटराज की मूर्ति लगाई गई. यह विशाल प्रतिमा दुनिया की सबसे बड़ी अष्टधातु की प्रतिमा है. इसके जरिए सरकार ने तमिलनाडु से अपना कनेक्शन जोड़ने की कोशिश की है. वैसे यह पहला मौका नहीं है, जब सरकार ने ऐसा किया हो. इससे पहले सरकार ने नए संसद भवन में सेंगोल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संयुक्त राष्ट्र में थिरुक्कुरल की मिसाल देने तक तमिल संस्कृति को खुद से जोड़ने का प्रयास किया. लगातार इस तरह से बीजेपी तमिलनाडु पर ज्यादा फोकस करना चाहती है.
हालांकि, सवाल यह है कि क्या भारतीय जनता पार्टी (BJP) को इसका फायदा अगले साल होने वाले आम चुनाव में मिलेगा? गौरतलब है कि चोल राजवंश दक्षिण भारत के सबसे महान राजवंशों में से एक है और बीजेपी इसको बढ़ावा देकर तमिल लोगों और उनके वोटर्स के दिल में जगह चाहती है.
दरअसल, बीजेपी ने तमिलनाडु में कभी भी बड़ी जीत हासिल नहीं की है. ऐसे में पार्टी आगामी आम चुनाव में दक्षिणी राज्य में अपनी छाप छोड़ने के लिए बेताब है. वैसे हाल के कुछ सालों में बीजेपी ने देश के अधिकांश हिस्सों में पहुंच बनाई है. दो बार केंद्र में सत्ता पाने वाली बीजेपी तमिलनाडु में कोई जादू नहीं दिखा पाई है. हालांकि, अब उसकी नजर यहां सीटों को बढ़ाने पर है. यह है वजह है कि पार्टी यहां सांस्कृतिक कनेक्शन को उजागर करने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि वह राज्य के वोटर्स के दिल में जगह बना सके.
पीएम मोदी ने की सरहाना
नटराज की यह मूर्ति, कोसमिक एनर्जी, क्रिएटिविटी और शक्ति का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है. यह G20 शिखर सम्मेलन में एक आकर्षण बनने जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिल में एक्स पर नटराज प्रतिमा की स्थापना की सराहना की. पीएम ने कहा, “भारत मंडपम में स्थापित नटराज की विशाल मूर्ति हमारी समृद्ध संस्कृति और इतिहास की याद दिलाती है. जैसा कि दुनिया जी20 शिखर सम्मेलन के लिए एकत्रित होगी, यह भारत की सदियों पुरानी कलात्मकता और परंपराओं का प्रमाण पेश करेगी.”
1500 साल किया शासन
चोल राजवंश की उत्पत्ति कावेरी नदी घाटी (अब तमिलनाडु) में हुई थी. इसने 1,500 सालों तक भारतीय उपद्वीप के लोगों पर शासन किया. चोल साम्राज्य अपने चरम के दौरान श्रीलंका, मालदीव, मलेशिया, इंडोनेशिया और थाईलैंड के कुछ हिस्सों तक फैला हुआ था.
सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक
नए संसद भवन में लगाए गए सेंगोल का भी चोल साम्राज्य से अहम कनेक्शन जुड़ा है. भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को जो सेंगोल प्रस्तुत किया गया था, वह 1947 में भारतीयों को सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक था.
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