Rohini Nakshatra 2023: Rohini Nakshatra In Guru Pushya Yog From 25 May To 8 June, Rohini Nakshatra Kya Hota Hai – रोहिणी नक्षत्र कल रात से होगा शुरू, 8 जून तक रहेगा यह खास Nakshatra, जानिए महत्व
Rohini Nakshatra 2023: रोहिणी नक्षत्र को सबसे महत्वपूर्ण नक्षत्रों में गिना जाता है. इस नक्षत्र में ही नौतपा भी लगता है. कहते हैं नौतपा तब लगता है जब सूर्य देव रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं और मौसम में बदलाव शुरू हो जाते हैं जिनमें कुछ हिस्से तपते हैं तो कुछ में वर्षा के आसार माने जाते हैं. इसी चलते सूर्य देव के रोहिणी नक्षत्र (Rohini Nakshatra) में प्रवेश करने पर वातावरण में अत्यधिक परिवर्तन देखने को मिलते हैं. इस नक्षत्र का जातक के जीवन पर भी प्रभाव पड़ता है. कहा जाता है कि सत्य में वृद्धि और सर्वोच्च विकास का प्रतीक होता है रोहिणी नक्षत्र. पंचांग के अनुसार 25 जनवरी की रात से रोहिणी नक्षत्र की शुरूआत हो रही है.
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रोहिणी नक्षत्र की शुरूआत
रोहिणी नक्षत्र गुरु पुष्य योग (Guru Pushya Yog) में रोहिणी नक्षत्र में सूर्य देव के प्रवेश से शुरू हो जाएगा. 25 मई की रात से प्रारंभ होने वाला रोहिणी नक्षत्र 14 दिनों तक रहने वाला है और इसकी समाप्ति इस चलते 8 जून के दिन होगी. रोहिणी नक्षत्र के शुरू होने का सटीक समय 25 मई, बृहस्पतिवार की रात 1 बजकर 16 मिनट बताया जा रहा है, वहीं इसकी समाप्ति 8 जून, बृहस्पतिवार के दिन सुबह 6 बजकर 40 मिनट पर हो जाएगी.
सूर्य देव (Surya Dev) का गुरु पुष्य योग में रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करना बेहद शुभ माना जाता है. रोहिणी नक्षत्र में सूर्य के प्रवेश से जमकर बारिश के आसार भी बताए जा रहे हैं.
मान्यतानुसार रोहिणी नक्षत्र में सूर्य के प्रवेश के साथ ही बारिश शुरू होने लगती है. इससे मौसम सुहावना बना रहता है. खासतौर से किसानों के लिए यह समय अच्छा रहता है क्योंकि बुआई और जुताई में सहायता मिल जाती है. इससे अलग, रोहिणी नक्षत्र में धान के बीज रोपना भी फायदेमंद साबित होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)