Central Government And Congress Face To Face Regarding Secrecy On The Agenda Of Special Parliament Session – विशेष संसद सत्र के एजेंडे पर गोपनीयता को लेकर केंद्र सरकार और कांग्रेस आमने-सामने
नई दिल्ली:
संसद के विशेष सत्र को लेकर कांग्रेस पार्टी और केंद्र सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरु हो गया है. कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने यह कहकर गुमराह किया है कि केंद्र सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाने में विभिन्न नियमों और प्रक्रियाओं का पालन किया है.पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि अतीत में कई मौकों पर सरकारों ने विशेष सत्र बुलाने से पहले उसके एजेंडे के बारे में जानकारी दी थी. इस संदर्भ में उन्होंने कई मिसालें भी दीं.
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रमेश ने जोशी पर निशाना साधते हुए सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”कितना गुमराह करेंगे जोशी जी? प्रत्येक विशेष सत्र/बैठक का एजेंडा पहले से ही पता होता था. यह सिर्फ़ मोदी सरकार ही है जो लगातार संसद का अपमान कर रही है और संसदीय परंपराओं को विकृत कर रही है.’ उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने संविधान दिवस, भारत छोड़ो आंदोलन और ऐसे अन्य अवसरों के लिए कई विशेष बैठकें बुलाई थीं तथा ऐसा करने वाली सरकारों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की भी सरकारें शामिल थीं.
कितना गुमराह करेंगे जोशी-जी?
प्रत्येक विशेष सत्र/बैठक का एजेंडा पहले से ही पता होता था।
यह सिर्फ़ मोदी सरकार ही है जो लगातार संसद का अपमान कर रही है और संसदीय परंपराओं को विकृत कर रही है।
पिछली सरकारों ने — इसमें आपकी सरकार भी शामिल हैं — संविधान दिवस, भारत छोड़ो आंदोलन और ऐसे… https://t.co/BTlNBb5kpm
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) September 6, 2023
रमेश का बयान संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी के बयान के बाद आया है. अपने बयान में जोशी ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को जवाबी पत्र लिखा था. पत्र में लिखा गया था कि परंपराओं का पालन करते हुए ही संसद के विशेष सत्र को बुलाया गया है, शायद आपका परंपराओं की ओर ध्यान नहीं है. संसद सत्र बुलाने से पहले ना कभी राजनीतिक दलों से चर्चा की जाती है और न कभी मुद्दों पर चर्चा की जाती है. महामहिम राष्ट्रपति के सत्र बुलाने के बाद और सत्र शुरू होने से पहले सभी दलों के नेताओं की बैठक होती है, जिसमें संसद में उठने वाले मुद्दों और कामकाज पर चर्चा होती है.
प्रह्लाद जोशी ने विशेष सत्र पर सोनिया गांधी के पत्र और आपत्तियों का जवाब देते हुए कहा कि विपक्ष से सत्र शुरू होने के बाद सरकार एजेंडे पर चर्चा करती है. इसको लेकर नकारात्मक राजनीति नहीं करनी चाहिए. सत्र परंपरा के अनुसार ही बुलाया गया है.
सोनिया गांधी ने क्या कहा था?
कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया कि 18 सितंबर से शुरू होने वाले संसद के विशेष सत्र के दौरान देश की आर्थिक स्थिति, जातीय जनगणना और चीन के साथ सीमा पर गतिरोध समेत नौ मुद्दों पर उचित नियमों के तहत चर्चा कराई जाए.
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