Banke Bihari Temple Land Dispute Case Heard In Allahabad High Court Petitioner Asked For Some Time For Amendment ANN
UP News: उत्तर प्रदेश के मथुरा (Mathura) में बांके बिहारी मंदिर (Banke Bihari Mandir) की जमीन को राजस्व अभिलेखों में कब्रिस्तान दर्ज किए जाने के मामले में लगातार दूसरे दिन बुधावार को भी इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में सुनवाई हुई. बुधवार की सुनवाई में याचिकाकर्ता के वकील ने अपनी अर्जी में कुछ संशोधन किए जाने की बात कही. याचिकाकर्ता की तरफ से इसके लिए कोर्ट से कुछ मोहलत दिए जाने की मांग की गई. अदालत ने इस मांग को मंजूर कर लिया और याचिकाकर्ता के वकील को तीन दिनों में अर्जी संशोधित करने की मोहलत दी.
हाईकोर्ट अब इस मामले में 15 सितंबर को फिर से सुनवाई करेगी. जस्टिस सौरभ श्रीवास्तव की सिंगल बेंच में सुनवाई हुई. श्री बिहारी जी सेवा ट्रस्ट की ओर से याचिका दाखिल की गई है. याचिका में आरोप लगाया गया था कि बांके बिहारी मंदिर की जमीन को सियासी दबाव में कब्रिस्तान के तौर पर दर्ज कर दिया गया था. साल 2004 में जब यूपी में मुलायम सिंह यादव की सरकार थी तो उनकी पार्टी के यूथ ब्रिगेड के नेता भोला खान पठान ने सीएम को संबोधित एक अर्जी दी थी. इस पर तत्कालीन मुख्य सचिव ने आदेश दिया था.
वक्फ बोर्ड तक भी गया था मामला
सरकार के आदेश के बाद ही मंदिर की जमीन कब्रिस्तान के नाम दर्ज हो गई थी. मंदिर ट्रस्ट ने इसके खिलाफ कई बार शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. बाद में यह जमीन पुरानी आबादी बता दी गई. यह मामला वक्फ बोर्ड और दूसरे विभागों तक भी गया. 8 सदस्यीय कमेटी की जांच रिपोर्ट में भी यह साफ हो गया कि जमीन मनमाने तरीके से कब्रिस्तान के नाम दर्ज की गई. इसके बावजूद जमीन मंदिर ट्रस्ट के नाम वापस नहीं दर्ज की गई.
पिछले साल हाईकोर्ट में दाखिल की गई थी याचिका
मंदिर ट्रस्ट ने इस पर पिछले साल इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की. इसी याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हो रही है. मथुरा की छाता तहसील के शाहपुर गांव के प्लॉट नंबर 1081 से मामला जुड़ा हुआ है. प्राचीन काल से ही गाटा संख्या 1081 बांके बिहारी महाराज के नाम से दर्ज था. बता दें कि बीते मंगलवार को भी इस मामले पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी.
ये भी पढ़ें- Ghosi Bypoll 2023: ओम प्रकाश राजभर ने जमकर की शिवपाल यादव की तारीफ, घोसी के नतीजे से पहले क्या है सियासी संकेत?