UP News Havan Being Performed For Successful Launch Of Aditya L1 Mission In Varanasi
Aditya-L1 Solar Mission: हाल ही में 23 अगस्त को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने चांद के साउथ पोल पर पहुंचकर दुनियाभर में अपना लोहा मनवाया था. जिसके बाद अब इसरो कुछ ही घंटों बाद सूरज की ओर अपने कदम बढ़ाने वाला है. दरअसल इसरो भारत के पहले अंतरिक्ष आधारित सौर मिशन आदित्य-एल1 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च करेगा. जिसके सफल होने के लिए देशभर में प्रार्थनाओं का दौर जारी हो गया है.
कुछ समय पहले ही चंद्रयान3 मिशन के विक्रम लैंडर की चांद की धरती पर सॉफ्ट लैंडिंग को लेकर देशभर में प्रार्थनाओं का दौर देखा गया था. फिलहाल आज ऐसा ही नजारा एक बार फिर देखने को मिल रहा है, जब इसरो अपने आदित्य-एल1 के लॉन्च करने की तैयारी में जुटा हुआ है. इसरो आज सुबह 11:50 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) से लॉन्च करेगा.
#WATCH | Uttar Pradesh | Havan being performed in Varanasi for the successful launch of the ISRO’s Aditya L1 mission from Sriharikota today. pic.twitter.com/7THhmodOXj
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 2, 2023
आदित्य एल1 मिशन की सफल लॉन्चिंग के लिए हवन
ऐसे में उत्तर प्रदेश के वाराणसी में आदित्य एल1 मिशन की सफल लॉन्चिंग के लिए हवन किया जा रहा है. फिलहाल एक बार फिर से देशवासियों की नजरें इसरो के इस मिशन पर टिकी हुई हैं. वहीं हर कोई इस मिशन के सफल होने की कामना कर रहा है. ऐसे में वाराणसी में लोगों को मिलकर हवन के साथ ही आदित्य-एल1 मिशन की सफल लॉन्चिंग के लिए पूजा- पाठ और मंत्रोचार करते देखा गया.
#WATCH | Uttarakhand: For the success of ISRO’s Aditya L1 mission, Surya Namaskar and special prayers were performed at the centres of Doon Yoga Peeth in the presence of spiritual guru Acharya Bipin Joshi. pic.twitter.com/dL3B4WxPeo
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 2, 2023
उत्तराखंड में हुआ सूर्य नमस्कार
वहीं उत्तराखंड में भी आदित्य-एल1 की सफल लॉन्चिंग के लिए दून योग पीठ के केंद्रों पर आध्यात्मिक गुरु आचार्य बिपिन जोशी की मौजूदगी में सूर्य नमस्कार और विशेष पूजा-अर्चना की गई. बता दें कि आदित्य L1 मिशन का काम होगा सूर्य के ऊपरी वायुमंडल का अध्ययन करना है. जो की सूरज की बाहरी परत की जानकारियां जुटाएगा. आदित्य L1 एक सैटेलाइट को 15 लाख किलोमीटर दूर भेजा जाएगा और अंतरिक्ष में ही स्थापित किया जाएगा.
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