CJI DY Chandrachud Urges Lawyers To Email Request For Urgent Listing Says Why So Tech Unfriendly
CJI DY Chandrachud: देश के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) ने शुक्रवार (25 अगस्त) को सुझाव दिया कि कम्युनिकेशन के सिर्फ पारंपरिक तरीकों पर निर्भर रहने के बजाय वकीलों को ज्यादा टेक्नोलॉजी फ्रेंडली अप्रोच अपनानी चाहिए. वकील के एक मामले को सूचीबद्ध करने के लिए दवाब डालने के बाद उन्होंने ये आग्रह किया,
दरअसल सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए एक वकील की ओर से किसी मामले को उल्लेखित सूची में न होने के बावजूद तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए दबाव डाला. इस पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि वो मामले को सूचीबद्ध करने के लिए रजिस्ट्रार को एक ईमेल भेज सकते थे. चीफ जस्टिस ने ये भी सवाल किया कि वकील टेक्नोलॉजी को अपनाने में अनइच्छुक क्यों दिखाई दिए?
क्या कहा सीजेआई ने?
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, “आप सभी तकनीक के प्रति इतने अनफ्रेंडली क्यों हैं? रजिस्ट्रार लिस्टिंग को एक ईमेल भेजें और मैं उन्हें देखूंगा और सूचीबद्ध करूंगा. कभी-कभी मैं दोपहर का खाना नहीं खाता हूं लेकिन ईमेल पर ध्यान देता हूं.” मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ लंबे समय से अदालती प्रक्रियाओं को आसान बनाने के लिए टेक्नोलॉजी का लाभ उठाने के समर्थक रहे हैं.
इससे पहले मई के महीने में भी उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि जजों को वादियों के लाभ के लिए टेक्नोलॉजी को अपनाना होगा और वादियों पर इसलिए बोझ नहीं डाला जा सकता क्योंकि न्यायाधीश टेक्नोलॉजी को लेकर असहज हैं. उस समय, सीजेआई ने उच्च न्यायालयों से टेक्नोलॉजी सक्षम हाइब्रिड सुनवाई का उपयोग जारी रखने का आग्रह किया. ये बताते हुए कि ऐसी सुविधाएं केवल कोविड-19 महामारी के दौरान उपयोग के लिए नहीं हैं.
उन्होंने कहा, “पिछली रात एक फैसले की एडिटिंग करने के बाद मैं कहा टेक्नोलॉजी के प्रति हमारी बेचैनी की वजह से हम वकीलों पर इसका बोझ नहीं डाल सकते. उत्तर आसान है, खुद को फिर से प्रशिक्षित करें.” भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के रूप में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के पद संभालने के बाद सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री पूरी तरह से पेपरलैस हो गई है.
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