9 महीने बाद भी मिस्ट्री है बीजेपी नेत्री ममता यादव की मौत, 6 मोबाइल नंबर खोलेंगे राज, 86 बार आखिर किससे हुई बात
इस मामले पर बात करते हुए ममता के भाई राजभान ने कहा, “हम पुलिस के पास भटकते रहे लेकिन पुलिस ने हमारी मदद नहीं की. ममता को पहले से ही कुछ गुंडे परेशान कर रहे थे और ममता ने यह भी कहा था कि उसकी जानक को खतरा है”. वहीं ममता की माता रैना बाई ने कहा, “हम पुलिस केपास जाते रहे हैं लेकिन पुलिस हमेशा हमें आश्वासन देती रही है कि हम कर देंगे लेकिन उन्होंने कभी हमारी मदद नहीं की. मेरी पुलिस से बस इतनी गुजारिश है कि वो हमें मेरी बेटी का बच्चा दे दें या हमें हमारी बेटी दे दें ताकि हम उसका रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार कर रहें.”
10 दिन में 86 बार एक ही नंबर पर हुई थी ममता की बात
ममता की कॉल डिटेल्स से पता चला है कि ममता के पास एक ही नंबर से 10 दिनों में करीब 86 बार कॉल आई थीं. ममता के पास कुछ ऐसे वीडियो और पैन ड्राइव थे, जिनकी वजह से राजनीतिक दबाव डाला जा रहा था. इतना ही नहीं ममता ने अपने भाई को बताया भी था कि वो पेन ड्राइव अपने साथ लेकर जा रही है. भाई का कहना ह कि ममत के पास कई बड़े राजनेताओं के राज थे. ममता के भाई राजभान ने कहा कि, “मेरी बहन मुझे बोल कर गई थी उसके पास कोई पेन ड्राइव है और इस पेन ड्राइव में कुछ राज उसके पास थे. हालांकि, उसने कभी नहीं बताया कि वो क्या राज थे. मेरी बहन ने दो पेन ड्राइव लॉकर में रखी थीं.”
मामले पर अशोक नगर के एसपी ने कही ये बात
अशोक नगर के एसपी विनीत जैन ने इस मामले पर बात करते हुए कहा, “मांडा पुलिस को एक शव मिला था और टैटू के आधार पर बॉडी की पहचान हुई थी लेकिन डीएनए के जरिए इस जांच को रफ्तार मिलेगी. पुलिस ने 26 सितंबर को शव बरामद किया था. ऐसे में नियम अनुसार जहां बॉडी मिलती है वहां ही कार्रवाई की जाती है. मांडा पुलिस को हमने आगे की कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है.”
एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री ने डीजीपी को लिखा पत्र
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने मामले में डीजीपी को खत लिखकर इसकी जांच NIA या STF को सौंपने की मांग की है.