76th Republic Day In India Know story of 21 gun Salute parade history
Republic Day 2025: 26 जनवरी यानी कि गणतंत्र दिवस के दिन खास परेड की जाती है. इसे रिपब्लिक डे परेड भी कहा जाता है. इस दौरान 21 तोपों की सलामी भी दी जाती है, लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि 26 जनवरी को होने वाली परेड और 21 तोपों की सलामी के पीछे की कहानी क्या है और ये कब से शुरू हुई है.
देश को स्वतंत्रता तो 15 अगस्त 1947 में मिल गई थी, लेकिन इसके दो साल बाद 26 जनवरी, 1950 को भारत गणराज्य बना. वो इसलिए क्योंकि इन दो सालों तक भारत में ब्रिटिश शासन बना रहा था क्योंकि देश ब्रिटिश काल के भारत सरकार अधिनियम 1935 द्वारा शासित था और क्राउन के प्रति निष्ठा रखता था, लेकिन 1950 में भारत का नया संविधान लागू हुआ, जिसने 1935 अधिनियम की जगह ले ली. इसके बाद भारत के राष्ट्रपति के रूप में डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने अपना पहला कार्यकाल शुरू किया.
परेड में सेना, नौसेना और वायुसेना के मार्चिंग दस्ते भाग लेते हैं
बात करें 26 जनवरी को होने वाली परेड की तो यह 1950 में नहीं बल्कि उसके कई पहले से होती आ रही है. ब्रिटिश राज के दौरान शाही परेड होना बेहद आम बात होती थी. आजादी के बाद भारत सरकार ने इसे जारी रखने का फैसला लिया था और 1950 से लेकर अब तक गणतंत्र दिवस समारोह नई दिल्ली में एक सैन्य परेड आयोजित कर रहा है, जो पिछले कुछ सालों में और भी ज्यादा शानदार तरीके से प्रदर्शित की जाती है. परेड में सेना, नौसेना, वायुसेना और दिल्ली पुलिस के मार्चिंग दस्ते भाग लेते हैं.
क्या है 21 तोपों की सलामी के पीछे की कहानी
रामचंद्र गुहा की किताब ‘इंडिया आफ्टर गांधी’ के मुताबिक, 26 जनवरी 1950 के दिन तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने परेड का निरीक्षण किया. इसके बाद ईस्ट स्टैंड के पीछे तैनात आर्टिलरी तीन राउंड में तोपों से फायर किया था. 21 तोपों की सलामी को 52 सेकेंड्स में पूरा किया जाता है और ये तीन राउंड हर 2.25 सेकंड में फायर किए जाते हैं. ये फायर देश के आजाद होने की खुशी के रूप में किया जाता है. फायर करने के लिए 52 सेकंड का समय इसलिए लिया गया है क्योंकि राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ को पूरा करने में भी 52 सेकंड लगते हैं. 21 तोपों की सलामी को सर्वोच्च सम्मान में गिना जाता है.
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