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'5 बैठकें और दो साल तक प्लानिंग', कैसे संसद की सुरक्षा में लगाई गई थी सेंध, चार्जशीट में हुआ खुलासा



<p style="text-align: justify;">पिछले साल दिसंबर में संसद सुरक्षा में चूक मामले को लेकर दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दायर की है. दिल्ली पुलिस के अनुसार आरोपी लोकतंत्र के प्रतीक को निशाना बनाकर भारत के लोकतंत्र को बदनाम करना चाहते थे, वे तुरंत दुनियाभर में प्रसिद्धि हासिल करना चाहते थे. तत्काल वैश्विक प्रसिद्धि हासिल करना चाहते थे.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>प्लान बनाने से पहले हुईं पांच बैठकें</strong></p>
<p style="text-align: justify;">चार्जशीट के अनुसार आरोपियों की पहली मुलाकात सोशल मीडिया पर हुई थी और उन्होंने 2001 के संसद हमले की बरसी पर पिछले साल इसे अंजाम देने से पहले करीब दो साल तक अपनी योजना बनाई थी. आरोप पत्र के मुताबिक, एक सूत्र ने बताया कि उनकी पहली आमने-सामने की मुलाकात फरवरी, 2022 में मैसूरु में हुई थी. उन्होंने अपनी योजना को अंतिम रूप देने के लिए मैसूरु, गुरुग्राम और दिल्ली में कुल पांच बैठकें कीं.</p>
<p style="text-align: justify;">एक हजार पन्नों का आरोपपत्र जून 2024 में पटियाला हाउस अदालत में दाखिल किया गया था और अदालत ने पिछले महीने इसका संज्ञान लिया. जुलाई 2024 में एक पूरक आरोपपत्र दाखिल किया गया था. आरोप पत्र में बताया गया है कि कर्नाटक निवासी मनोरंजन डी के नेतृत्व में युवाओं का एक समूह सोशल मीडिया पर मिला था. सूत्रों ने बताया कि मनोरंजन उन छह आरोपियों में शामिल है, जिन्हें दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया है.</p>
<p style="text-align: justify;">आरोप पत्र के अनुसार, मनोरंजन के संसद भवन सुरक्षा चूक मामले के मुख्य षड्यंत्रकारियों में से एक होने का संदेह है, जिसने कथित तौर पर युवाओं को समृद्धि, वैभव और संपत्ति का वादा करके लोकतंत्र के प्रतीक को निशाना बनाने के लिए उकसाया और प्रेरित किया.&rsquo;&rsquo;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>शून्यकाल के दौरान संसद में घुसा था आरोपी</strong></p>
<p style="text-align: justify;">आरोप पत्र का हवाला देते हुए एक सूत्र ने कहा कि अपनी उग्र माओवाद-प्रेरित सोच से प्रेरित होकर मनोरंजन ने तत्काल ध्यान आकर्षित करने के लिए संसद भवन को निशाना बनाने का फैसला किया. सूत्र ने कहा कि आरोपी एक व्यापक संदेश देना चाहते थे कि भारतीय लोकतंत्र निष्प्रभावी है और इसे बदलने की जरूरत है.&rsquo;&rsquo;</p>
<p style="text-align: justify;">सुरक्षा में यह बड़ी चूक 2001 में संसद पर हुए आतंकी हमले की बरसी पर हुई. आरोपियों ने 13 दिसंबर, 2023 को शून्यकाल के दौरान संसद भवन के अंदर और बाहर समन्वित तरीके से कैनिस्टर से धुआं छोड़ा था. दो शख्स सागर शर्मा और मनोरंजन डी गैलरी से लोकसभा सदन में कूद गए और सदन में कैनिस्टर से पीली गैस छोड़ी.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;">लगभग उसी समय संसद परिसर के बाहर, दो अन्य आरोपियों अमोल शिंदे और नीलम आजाद ने भी तानाशाही नहीं चलेगी के नारे लगाते हुए कैनिस्टर से रंगीन गैस छोड़ी. मनोरंजन, सागर शर्मा, अमोल शिंदे और नीलम आजाद को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया गया, क्योंकि वे अपने कृत्यों के तुरंत बाद पकड़े गए थे. ललित झा और महेश कुमावत को क्रमशः 15 और 16 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था. सभी आरोपी तिहाड़ जेल में बंद हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>यूएपीए के तहत दर्ज किया गया था मामला</strong></p>
<p style="text-align: justify;">दिल्ली पुलिस की आतंकवाद निरोधक इकाई, विशेष प्रकोष्ठ ने उन पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की धारा 16 और 18 तथा भारतीय दंड संहिता की अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. आरोप पत्र का हवाला देते हुए एक सूत्र ने बताया कि मनोरंजन ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और 2014 में कंबोडिया चला गया, जहां वह आठ महीने तक रहा.</p>
<p style="text-align: justify;">आरोपपत्र का हवाला देते हुए सूत्र ने कहा कि आरोपियों की पहली बैठक फरवरी, 2022 में मैसूरु में मनोरंजन के दोस्त के फ्लैट में हुई थी, जिसमें मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल शिंदे, ललित झा और महेश कुमावत सहित 10 लोग शामिल हुए थे.&nbsp;इस बैठक में मनोरंजन ने इसमें शामिल व्यक्तियों को हिंसक विरोध प्रदर्शन के कुछ वीडियो दिखाए और एक संगठन बनाने का विचार पेश किया.</p>
<p style="text-align: justify;">सूत्र ने कहा कि उन्होंने कोसोवो में मार्च 2018 में पहले इस्तेमाल किए गए आंसू गैस का उपयोग करके सत्ता हथियाने पर भी चर्चा की. एक अन्य सूत्र ने कहा कि उनकी दूसरी बैठक अगस्त, 2022 में गुरुग्राम के एक होटल में हुई थी, जिसमें सात लोग शामिल हुए थे क्योंकि कुछ सदस्य उनकी नापाक योजना को जानने के बाद पहले ही पीछे हट गए थे.</p>
<p style="text-align: justify;">उन्होंने बताया कि इस बैठक में उन्होंने अपनी योजना में एक महिला को शामिल करने का फैसला किया और इस तरह उन्होंने नीलम को अपने समूह में शामिल किया. सूत्र ने कहा कि अगस्त 2023 में मध्य दिल्ली के पहाड़गंज के एक होटल में आयोजित उनकी तीसरी बैठक में, उन्होंने संसद में अपने कृत्य के लिए धूएं वाले कैनिस्टर का उपयोग करने का निर्णय लिया. सूत्र ने कहा कि इस बैठक में मामले में गिरफ्तार सभी छह आरोपी शामिल हुए थे.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>गुरुग्राम में हुई आखिरी बैठक</strong></p>
<p style="text-align: justify;">सूत्र ने बताया कि सितंबर, 2023 में वे उसी पहाड़गंज होटल में फिर मिले और संसद के अंदर प्रवेश पास और धुएं के कैनिस्टर के उपयोग पर चर्चा की. सूत्र ने कहा कि उन्होंने शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में प्रवेश करने का निर्णय भी लिया. उनकी आखिरी बैठक गुरुग्राम में और उसके बाद, 13 दिसंबर, 2023 को दिल्ली के इंडिया गेट के पास उनकी योजना के निष्पादन के अंतिम दिन हुई थी.</p>
<p style="text-align: justify;">सूत्र ने कहा कि चारों आरोपियों मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल शिंदे और नीलम आजाद ने अपने सिम कार्ड तोड़ दिए और उन्हें ललित झा को सौंप दिया, जिन्हें उन सभी को नष्ट करने का काम सौंपा गया था. झा को संसद के गेट पर उनकी योजना को अंजाम देने के दौरान शिंदे और नीलम के वीडियो बनाने और वीडियो को सोशल मीडिया पर अपलोड करने का काम भी दिया गया था. पुलिस ने आरोपपत्र में यह भी कहा कि आरोपी सोशल मीडिया पेज भगत सिंह फैन क्लब के सदस्य थे और वे संवाद करने के लिए ज्यादातर सिग्नल ऐप का इस्तेमाल करते थे.</p>
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