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1984 Sikh Riots Case: CBI Alleges Murder In Charge Sheet Filed Against Jagdish Tytler – 1984 सिख दंगा मामला : CBI ने जगदीश टाइटलर के खिलाफ दाखिल चार्जशीट में लगाए ये गंभीर आरोप



सीबीआई ने कहा, “टाइटलर ने भीड़ को सिखों को मारने के लिए उकसाया, जिसके चलते भीड़ ने गुरुद्वारा पुल बंगश को आग लगा दी और एक नवंबर 1984 को सिख समुदाय के तीन लोगों की हत्या कर दी गई.” साथ ही सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में एक हवाले से कहा है कि उसने कांग्रेस नेता को अपनी कार से बाहर निकलते और भीड़ को उकसाते हुए देखा था. 

इसमें कहा गया, “महिला ने भीड़ को उसकी दुकान लूटते देखा, लेकिन उसने जितनी जल्दी हो सके वापस लौटने का फैसला किया. वापस जाते समय गुरुद्वारा पुल बंगश के पास मुख्य सड़क पर उसने एक सफेद एम्बेसडर कार देखी, जिसमें से आरोपी जगदीश टाइटलर बाहर आ रहा था. आरोपी जगदीश टाइटलर ने भीड़ को पहले सिखों को मारने और फिर लूटपाट के लिए उकसाया. यह देखने के बाद, वह अपने घर लौट आई और उसके बाद उसने अपने पड़ोसी के घर में शरण ली, जहां उसने बादल सिंह और गुरुचरण सिंह (उनके पति का एक कर्मचारी जो 31.10.1984 की रात को उनके घर पर रुका था) के शवों को पड़ोसी के घर की छत से फेंकते और फिर इन शवों को टायरों का उपयोग करके जला दिया गया. महिला ने भीड़ को गुरुद्वारा पुल बंगश को भी आग लगाते देखा.” 

चार्जशीट में एक अन्य गवाह का उल्लेख है, जिसने भीड़ को पेट्रोल के कनस्‍तर, लाठियां और तलवारें ले जाते देखा था. उन्होंने कहा, तत्‍कालीन संसद सदस्‍य जगदीश टाइटलर भी उस वक्‍त गुरुद्वारा पुल बंगश के सामने मौजूद था. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता भीड़ को गुरुद्वारे पर हमला करने के लिए उकसा रहे थे. 

चार्जशीट में कहा गया है, “यह देखने के बाद बस में मौजूद यात्रियों ने उसे पगड़ी उतारने और घर वापस जाने की सलाह दी. उसने जल्दी से एक ऑटो रिक्शा रोका जो उसके घर की ओर जा रहा था और उस ऑटो रिक्शा में वह अपने घर लौट आया.” 

2000 में न्यायमूर्ति नानावटी जांच आयोग के समक्ष दायर हलफनामे से एक अन्य गवाह के बयान का हवाला दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि गवाह ने बयान दिया कि उसने टीबी अस्पताल गेट (दिल्ली) के पास खड़े लोगों के समूह को देखा, जहां एक कार आरोपी जगदीश टाइटलर को लेकर आई. वो बाहर आए और वहां पर मौजूद लोगों को डांटते हुए कहा कि उनके निर्देशों का ईमानदारी से पालन नहीं किया गया है. 

उधर, दिल्ली की एक अदालत ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान पुल बंगश में हुई हत्याओं से संबंधित मामले में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर का जमानती बांड शनिवार को स्वीकार कर लिया. अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विधि गुप्ता आनंद ने कहा कि आरोपी को पहले ही एक सत्र अदालत से अग्रिम जमानत मिल चुकी है. अदालत ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को टाइटलर को आरोप पत्र की एक प्रति प्रदान करने का निर्देश भी दिया. 

कांग्रेस नेता टाइटलर कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में पेश हुए और उनकी पत्नी जेनिफर टाइटर उनकी जमानतदार बनीं. अदालत ने जेनिफर की पहचान और वित्तीय स्थिति का सत्यापन किया. साथ ही यह देखने के बाद कि वह आर्थिक रूप से सक्षम थीं, उन्हें जमानतदार के रूप में स्वीकार कर लिया. 

मजिस्ट्रेट ने कहा, ‘जमानत बांड प्रस्तुत किया गया है. जमानत आदेश में लगाई गई शर्तों के अधीन इसे स्वीकार किया जाता है.’ मामले की अगली सुनवाई 11 अगस्त को होगी।

इससे पहले, सत्र अदालत ने शुक्रवार को एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत प्रतिभूति पर टाइटलर को राहत दे दी थी. अदालत ने कांग्रेस नेता पर कुछ शर्तें भी लगाई थीं, जिनमें यह भी शामिल है कि वह मामले में सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगे या बिना अनुमति के देश से बाहर नहीं जाएंगे. 

मजिस्ट्रेट अदालत ने 26 जुलाई को टाइटलर से कहा था कि वह पांच अगस्त को उसके समक्ष पेश हों. अदालत ने मामले में दाखिल आरोप पत्र पर संज्ञान लेने के बाद आदेश पारित किया. 

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