18वीं लोकसभा के लिए आपने जिन सांसदों को चुना उनका क्या है बैकग्राउंड? जानिए पूरा ब्यौरा
नई दिल्ली:
Lok Sabha Elections 2024: एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और नेशनल इलेक्शन वॉच ने लोकसभा चुनाव 2024 में सभी 543 विजेता उम्मीदवारों के शपथ पत्रों का विश्लेषण किया है. इसमें 18वीं लोकसभा में चुने गए 543 सांसदों के सामाजिक और आर्थिक बैकग्राउंड (MPs socio-economic background) और नई लोकसभा के स्वरूप को लेकर कई अहम तथ्य सामने आए हैं.
इसमें यह बात प्रमुखता से सामने आई है कि 2009 के बाद से भारतीय राजनीति में धन और बाहुबल का प्रभाव बढ़ता जा रहा है. 2024 के लोकसभा चुनावों में पिछले 15 साल के मुकाबले सबसे ज्यादा अमीर उम्मीदवार और सबसे अधिक आपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवार जीतने में कामयाब रहे हैं.
करोड़पति विजेता उम्मीदवार
सन 2009 के लोकसभा चुनावों में जीते 543 सांसदों में से 315 (58%) सांसद करोड़पति थे.
लोकसभा चुनाव 2024 में 543 विजयी उम्मीदवारों में से 504 (93%) करोड़पति हैं. यानी पिछले 15 साल में धनबल का जोर काफी बढ़ गया है.
लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान विश्लेषण किए गए 539 सांसदों में से 475 (88%) सांसद करोड़पति थे. सन 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान विश्लेषण किए गए 542 सांसदों में से 443 (82%) सांसद करोड़पति थे.
करोड़पति उम्मीदवारों के जीतने की संभावना अधिक
लोकसभा चुनाव 2024 में जीतने वाले प्रत्येक उम्मीदवार की औसत संपत्ति 46.34 करोड़ रुपये है. संपत्ति के आधार पर जीतने की संभावना को अगर देखा जाए तो लोकसभा चुनाव 2024 में करोड़पति उम्मीदवारों के जीतने की संभावना 19.6% है, जबकि एक करोड़ से कम संपत्ति वाले उम्मीदवार के जीतने की संभावना सिर्फ 0.7% है.
इन लोकसभा चुनावों में महिलाओं के सशक्तिकरण और उनके सामाजिक कल्याण से जुड़े मुद्दे काफी अहम रहे. राजनीतिक तौर पर महिलाओं की भागीदारी चुनावों में काफी बढ़ी है. इस बार अब तक की सबसे ज्यादा महिला मतदाताओं ने चुनाव प्रक्रिया में भाग लिया लेकिन 2024 के चुनाव में 2019 के मुकाबले कम महिलाएं चुनाव जीतने में कामयाब हो पाईं.
इस साल लोकसभा चुनाव में 74 (13.62%) महिला उम्मीदवार विजयी हुईं. लोकसभा चुनाव 2019 में 539 सांसदों में से 77 (14.28%) सांसद महिलाएं थीं. लोकसभा चुनाव 2014 में 542 सांसदों में से 62 (11%) सांसद महिलाएं थीं. सन 2009 के लोकसभा चुनाव में 543 सांसदों में से 59 (11%) सांसद महिलाएं थीं.
आपराधिक पृष्ठभूमि के सांसद बढ़े
घोषित गंभीर आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवार जीत रहे हैं. सन 2009 के बाद से घोषित गंभीर आपराधिक मामलों वाले सांसदों की संख्या में 124% की वृद्धि हुई है.
लोकसभा चुनाव 2024 में जीतने वाले 170 (31%) उम्मीदवारों ने गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जिनमें बलात्कार, हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण, महिलाओं के खिलाफ अपराध आदि से संबंधित मामले शामिल हैं.
सन 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान 539 सांसदों में से 159 (29%) सांसदों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए थे. 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान 542 सांसदों में से 112 (21%) सांसदों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए थे. सन 2009 में लोकसभा चुनाव के दौरान 543 सांसदों में से 76 (14%) सांसदों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए थे.
घोषित आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों के जीतने की संभावना अधिक हो गई है. लोकसभा चुनाव 2024 में घोषित आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों के जीतने की संभावना 15.3% है, जबकि स्वच्छ पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों के लिए यह सिर्फ 4.4% है.
विजेता उम्मीदवारों की शिक्षा
चुनाव में जीते 105 (19%) उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता 5वीं पास और 12वीं पास के बीच घोषित की है, जबकि 420 (77%) विजेता उम्मीदवारों ने स्नातक और उससे ऊपर की शैक्षणिक योग्यता होने की घोषणा की है. इनें 17 विजेता उम्मीदवार ऐसे हैं जो डिप्लोमा धारक हैं और एक विजेता उम्मीदवार ने खुद को सिर्फ साक्षर बताया है.
विजेता उम्मीदवारों की आयु
कुल 58 (11%) विजेता उम्मीदवारों ने अपनी आयु 25 से 40 वर्ष के बीच घोषित की है, जबकि 280 (52%) विजेता उम्मीदवारों ने अपनी आयु 41 से 60 वर्ष के बीच घोषित की है. 204 (38%) विजेता उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्होंने अपनी आयु 61 से 80 वर्ष के बीच घोषित की है. एक विजेता उम्मीदवार ने अपनी आयु 82 वर्ष घोषित की है.
पुनः निर्वाचित सांसदों की संपत्ति बढ़ी
लोकसभा चुनाव 2024 में पुनः निर्वाचित सांसदों की संख्या 214 है. सन 2019 में विभिन्न दलों के दोबारा चुने गए इन 214 सांसदों की औसत संपत्ति 18.64 करोड़ रुपये थी. 2024 में दोबारा चुने गए इन 214 सांसदों की औसत संपत्ति 26.14 करोड़ रुपये है. पांच वर्षों (2019-2024) में औसत संपत्ति मे वृद्धि हुई है. सन 2019 और 2024 के लोकसभा चुनावों के बीच, इन 214 पुनः निर्वाचित सांसदों की औसत संपत्ति में वृद्धि 7.50 करोड़ रुपये हुई है. पांच वर्षों (2019-2024) में इन 214 पुनः निर्वाचित सांसदों की संपत्ति में औसत प्रतिशत वृद्धि 40% हुई है.
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