Sports

10 मिनट में आई ब्लिंकिट एंबुलेंस ने बचा ली मरीज की जान, AIIMS के डॉक्टर ने की तारीफ



Blinkit 10-Minute Ambulance Service: आज के समय में हममें से ज्यादातर लोग ऑनलाइन शॉपिंग करना पसंद करते हैं. अनगिनत वेबसाइट या मोबाइल ऐप्लिकेशन से ऑर्डर करना इतना आसान हो गया है कि घर का कोई भी समान बस 10 मिनट में हमारे पास आ जाता है. और उन्हीं में से एक है ब्लिंकिट, जो ग्राहकों को किराने का सामान, फल, सब्ज़ियां, और अन्य दैनिक ज़रूरी सामान ऑर्डर करने की सुविधा देता है. लेकिन हाल ही ब्लिंकिट ने कुछ ऐसा किया जिसने इंटरनेट को इंप्रेस किया है. भारतीय शहरों में मेडिकल सहायता की चुनौतियों को देखते हुए ब्लिंकिट के सीईओ अलबिंदर ढींडसा ने पिछले महीने 10 मिनट में पहुंचने वाली बेसिक लाइफ सपोर्ट (BLS) एम्बुलेंस सेवा शुरू की थी. एक महीने की सेवा के बाद इस पहल को नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के न्यूरोसर्जरी के प्रोफेसर से सराहना मिली है. 16 फरवरी को डॉ. दीपक अग्रवाल ने लिंक्डइन पर ब्लिंकिट की एम्बुलेंस सर्विस की प्रशंसा करते हुए बताया कि कैसे AIIMS ट्रॉमा सेंटर को इस क्विक प्रतिक्रिया सेवा के माध्यम से एक मरीज मिला.

ये भी पढ़ें- शरीर में मांस से ज्यादा दिखने लगी हैं हड्डियां तो आज से ही चने के साथ खाना शुरू कर दें ये चीज, भर जाएगा पूरा शरीर

डॉ. दीपक अग्रवाल ने इसे भारत जिसका इंतजार कर रहा था वह हेल्थकेयर क्रांति बताते हुए पैरामेडिक स्टाफ की व्यावसायिकता और तत्परता की सराहना की. अपनी लिंक्डइन पोस्ट में, प्रोफेसर दीपक अग्रवाल ने उन बुनियादी सेवाओं का भी वर्णन किया जो मरीज को AIIMS ट्रॉमा सेंटर लाने से पहले एम्बुलेंस में प्रदान की गईं. उन्होंने बताया कि पैरामेडिक स्टाफ ने महत्वपूर्ण स्थिरीकरण सुनिश्चित किया, जिसमें हार्ड सर्वाइकल कॉलर के साथ सी-स्पाइन स्थिरीकरण, अत्यधिक स्राव के लिए सक्शनिंग, कम रूम एयर सैचुरेशन के लिए नॉन-रीब्रीथर मास्क (NRBM), एम्बुलेंस मॉनिटर में कम बीपी दर्ज होने पर 1 ग्राम ट्रानेक्सा आदि शामिल थे. उन्होंने निष्कर्ष निकाला, “यह उस तरह की सर्विस है जिसके बारे में हम विकसित देशों में पढ़ते और देखते थे और यह वह हेल्थकेयर क्रांति है जिसका भारत इंतजार कर रहा है.”

ब्लिंकिट के सीईओ अलबिंदर ढींडसा द्वारा ऑनलाइन साझा की गई एक तस्वीर में एम्बुलेंस सेवा के लिए 2,000 रुपये का एक निश्चित शुल्क दिखाया गया है, साथ ही चेतावनी भी दी गई है कि यह सेवा नवजात शिशु या वेंटिलेटर देखभाल का समर्थन नहीं करती है. ढींडसा ने एम्बुलेंस के साथ यूनिफॉर्म पहने ब्लिंकिट स्टाफ की तस्वीरें भी साझा कीं.

GBS: Pune में फैल रहा GBS Syndrome क्या है, Expert ने बताए लक्षण, कारण, इलाज व बचाव | Guillain-Barre Syndrome Kya hai | Read

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *