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'ह्यूमर, नॉलेज, कानूनी सूझबूझ… ही इज ए कंप्लीट मैन', CJI संजीव खन्ना ने किसकी तारीफ में पढ़े कसीदे?



<p style="text-align: justify;">मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने जस्टिस ऋषिकेश रॉय की कानूनी सूझबूझ, ज्ञान, सेंस ऑफ ह्यूमर की प्रशंसा की और उन्हें एक सम्पूर्ण व्यक्ति बताया. जस्टिस ऋषिकेश रॉय रिटायर हो रहे हैं और शुक्रवार (31 जनवरी, 2025) को उनका अंतिम कार्य दिवस था. मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने कहा कि जस्टिस रॉय की बैलेंस्ड एप्रोच और उनके ह्यूमर से अदालत में चीजें सहज हो गईं.</p>
<p style="text-align: justify;">न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार सीजेआई संजीव खन्ना ने कहा, ‘जस्टिस रॉय अपने आप में संपूर्ण हैं. उनका सेंस ऑफ ह्यूमर चीजों को आसान बना देता था. अदालत में या कहीं भी उनकी बैलेंस्ड एप्रोच असाधारण है. इसके अलावा, उनके धैर्य, शांत व्यवहार का हम सभी पर गहरा प्रभाव है.’ उन्होंने कहा, ‘जब आप उनसे बात करते हैं तो आपको महसूस होगा कि आप एक ऐसे व्यक्ति से बात कर रहे हैं जिसके पास ज्ञान का भंडार है. वह कई विषय के जानकार हैं और उनके जैसा व्यक्ति मिलना बहुत मुश्किल है. वह एक असाधारण व्यक्ति हैं और हमें उनकी कमी खलेगी.'</p>
<p style="text-align: justify;">अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने कहा कि जस्टिस ऋषिकेश रॉय का मानना ​​था कि मुस्कुराहट कई चीजों को आसान बना देती है. वेंकटरमणी ने कहा, ‘आपका अनूठा आकर्षण था जिसने बार को सार्थक बनाया.’ सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी इसी तरह की भावना दोहराते हुए कहा कि जस्टिस रॉय के ह्यूमर ने कोर्ट में तनाव को कम किया.</p>
<p style="text-align: justify;">सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कानून के प्रति जस्टिस ऋषिकेश रॉय के मानवीय दृष्टिकोण की प्रशंसा की और कहा कि उन्होंने असम बाढ़ के दौरान राहत प्रदान करने के लिए पहल की थी. जस्टिस ऋषिकेश रॉय इच्छामृत्यु संबंधी दिशा-निर्देशों, चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए समिति और जल्लीकट्टू के आयोजन से संबंधित फैसलों सहित कई महत्वपूर्ण मामलों में संविधान पीठ का हिस्सा रहे.</p>
<p style="text-align: justify;">जस्टिस रॉय का जन्म एक फरवरी, 1960 को हुआ और उन्होंने 1982 में दिल्ली विश्वविद्यालय के &lsquo;कैंपस लॉ सेंटर&rsquo; से एलएलबी की डिग्री प्राप्त की. जस्टिस रॉय ने 23 सितंबर, 2019 को सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश के रूप में शपथ ली. इससे पहले उन्होंने आठ अगस्त, 2018 को केरल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया था. न्यायमूर्ति रॉय को 12 अक्टूबर 2006 को गुवाहाटी हाईकोर्ट का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया और वह 15 जुलाई 2008 को स्थायी न्यायाधीश बने.</p>
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