हरियाणा चुनाव में बीजेपी, कांग्रेस, जेजेपी, लोकदल सहित आप का क्या-क्या दांव पर?
इस चुनाव में सबसे रोचक मुकाबला पंजाब से लगती डबवाली सीट पर हुआ.यहां चौटाला परिवार के दो सदस्य आदित्य देवीलाल चौटाला और दिग्विजय चौटाला आमने-सामने है. ये दोनों रिश्ते में चाचा-भतीजे लगते हैं. देवीलाल की पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल से निकलकर बनी जन नायक जनता पार्टी (जजपा) ने डबवाली सीट पर अपने प्रधान महासचिव दिग्विजय चौटाला को मैदान में उतारा है. आदित्य आईएनएलडी से चुनाव लड़ रहे हैं.
भाई-बहन का मुकाबला
भिवानी जिले की तोशाम विधानसभा सीट पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की पोती श्रुति चौधरी बीजेपी के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं. वहीं कांग्रेस ने बंसीलाल के पोते और रणबीर महेंद्रा के बेटे अनिरुद्ध चौधरी को टिकट दिया है.तोशाम में दोनों बंसीलाल की राजनीतिक विरासत हासिल करने की लड़ाई में हैं.
दादा-पोते का रण
सबसे दिलचस्प मुकाबला सिरसा जिले की रानियां विधानसभा क्षेत्र में हो रहा है.रानियां में 2019 में रणजीत सिंह चौटाला निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीते थे.उन्होंने बीजेपी को समर्थन दिया था. वो बीजेपी सरकार में पांच साल तक बिजली व जेल जैसे विभागों के मंत्री रहे. रानियां में इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) ने अपने वरिष्ठ नेता अभय चौटाला के बेटे अर्जुन चौटाला को उम्मीदवार बनाया है. अर्जुन का यह पहला चुनाव है. वो पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के पोते हैं. रणजीत चौटाला रिश्ते में अर्जुन के दादा लगते हैं.वो ओमप्रकाश चौटाला के छोटे भाई हैं.
जानिए किस सीट से कौन उम्मीदवार-
इन दो पर भी खास नजर
कांग्रेस ने कैथल से आदित्य सुरजेवाला और कलायत से विकास सहारण को उम्मीदवार बनाया है.आदित्य कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला और विकास हिसार से कांग्रेस सांसद जयप्रकाश के बेटे हैं. इस चुनाव से इन दोनों नेताओं ने अपने बेटों को लॉन्च किया है. सुरजेवाला और जयप्रकाश ने पिछला विधानसभा चुनाव इन्हीं सीटों से लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
विनेश फोगाट की राह में ये
हरियाणा विधानसभा के चुनाव में इस बार कुछ खिलाड़ी भी अपनी राजनीति किस्मत आजमा रहे हैं. इनमें ओलंपियन से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक के खिलाड़ी शामिल हैं.राजनीतिक दलों ने चार खिलाड़ियों पर दांव खेला है.हरियाणा के चुनाव में इस बार सबसे अधिक नजर जिस सीट पर रहेगी, वो है जिंद जिले की जुलाना सीट. इसकी वजह यह है कि यहां से पेरिस ओलंपिक के फाइनल में पहुंचने वाली पहलवान विनेश फोगाट चुनाव मैदान में हैं. उन्हें कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया है.उनकी ससुराल इसी इलाके में है.विनेश का जुलाना में मुकाबला भारत की पहली महिला डब्ल्यूडब्लयूई रेसलर कविता दलाल और एअर इंडिया के पूर्व कैप्टन योगेश बैरागी से है. वहीं निवर्तमान विधायक अमरजीत सिंह ढांडा को जननायक जनता पार्टी ने मैदान में उतारा है.कविता जिंद की ही रहने वाली हैं.कविता ने 2016 में 12वें एशियन गेम्स में वेट लिफ्टिंग में गोल्ड मेडल जीता था.इसके बाद वो द ग्रेट खली के कॉन्टिंनेंटल रेस्लिंग एंटरटेनमेंट से जुड़कर पेशेवर कुश्ती में आईं.यहां वह सलवार कुर्ता पहनकर रिंग में उतरीं. इसके बाद उन्होंने आम आदमी पार्टी की सदस्यता ले ली. वो पार्टी की खेल विभाग की हरियाणा इकाई की प्रमुख हैं. जुलाना में कविता के उतरने से मुकाबला रोचक हो गया है.
कबड्डी खिलाड़ी भी मैदान में
बीजेपी ने भारतीय कबड्डी टीम के पूर्व कप्तान दीपक राम निवास हुड्डा को मेहम से टिकट दिया है.रोहतक में 10 अप्रैल 1994 को एक किसान परिवार में पैदा हुए दीपक ने छोटी उम्र में ही कबड्डी खेलना शुरू कर दिया था. डुबकी किंग के नाम से भी मशहूर हैं.महम में ही आने वाले निंदाना गांव में उनकी ननिहाल है.महम में उनका मुकाबला कांग्रेस के बलराम दांगी से है.
शूटर का निशाना लगेगा?
बीजेपी ने अटेली विधानसभा सीट से अंतरराष्ट्रीय शूटर आरती राव को मैदान में उतारा है. वो बीजेपी और कांग्रेस से छह बार सांसद और चार बार विधायक रह चुके अहीरवाल के कद्दावर नेता राव इंद्रजीत सिंह की बेटी हैं.राव इंद्रजीत सिंह नरेंद्र मोदी की तीनों सरकारों में मंत्री रहे हैं. आरती ने चार एशियाई चैंपियनशिप पदक जीते हैं. वो हरियाणा पैरा स्पोर्ट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष भी हैं.उन्होंने 2017 में खेलों से संन्यास ले लिया था.अटेली में आरती राव का मुकाबला कांग्रेस की अनीता यादव और निर्दलीय संतोष यादव से होगा.आम आदमी पार्टी के सुनील राव मुकाबले को चतुष्कोणीय बनाएंगे.संतोष टिकट ने मिलने से नाराज होकर बीजेपी छोड़कर निर्दलीय मैदान में कूद गईं हैं. वो 2014 में विधायक चुनी गईं थीं.