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“स्वर्ग हाउसफुल हो जाएगा”… महाकुंभ पर विवादित बयान देने वाले सपा सांसद अफजाल अंसारी पर केस दर्ज


"स्वर्ग हाउसफुल हो जाएगा"... महाकुंभ पर विवादित बयान देने वाले सपा सांसद अफजाल अंसारी पर केस दर्ज

SP MP Afzal Ansari Controversial Statement:

SP MP Afzal Ansari Controversial Statement: महाकुंभ और सनातन धर्म पर विवादित टिप्पणी को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद अफजाल अंसारी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. शिकायत में आरोप लगाया गया है कि अंसारी ने ऐसे बयान दिए, जिससे न केवल उनके पद की गरिमा कम हुई, बल्कि हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को भी ठेस पहुंची. अंसारी ने कथित तौर पर इस विश्वास पर टिप्पणी की थी कि संगम पर स्नान करने से लोगों को पापों से मुक्ति मिलती है, और कहा कि यदि हर पापी महाकुंभ में पवित्र डुबकी लगाता है तो स्वर्ग हाउसफुल हो जाएगा.

अफजाल अंसारी ने क्या कहा

अंसारी ने कहा, “ऐसा माना जाता है कि महाकुंभ के दौरान संगम में पवित्र स्नान करने से लोगों के पाप धुल जाते हैं. भारी भीड़ को देखकर ऐसा लगता है कि अब नरक में कोई नहीं बचेगा और स्वर्ग हाउसफुल हो जाएगा.” इसके अलावा, उन्होंने सरकार पर महाकुंभ में हाल ही में हुई भगदड़ से हुई मौतों की सटीक संख्या बताने में विफल रहने का आरोप लगाया था. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पिछले महीने महाकुंभ के संगम क्षेत्र में भोर से पहले मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई और 60 अन्य घायल हो गए.

इस बारे में एसपी गाजीपुर ने एफआईआर की पुष्टि करते हुए बताया है कि शादियाबाद थाना में 12 फरवरी को धार्मिक भावनाओं को आहत करने की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई है.  

अंसारी के खिलाफ शिकायत पूर्व जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष देव प्रकाश सिंह ने दर्ज कराई थी. यह पहली बार नहीं है जब अंसारी धार्मिक प्रथाओं से संबंधित टिप्पणियों पर विवाद में आए हैं. इससे पहले, उन्होंने कुंभ मेले में भांग के सेवन के बारे में टिप्पणी की थी. उन्होंने आगे टिप्पणी की कि धार्मिक आयोजनों, विशेषकर कुंभ मेले के दौरान भारी मात्रा में भांग का सेवन किया जाता है. उन्होंने दावा किया कि अगर कुंभ में गांजे से भरी पूरी मालगाड़ी भी भेज दी जाए तो भी यह पर्याप्त नहीं होगी. इन टिप्पणियों की हिंदू संगठनों ने भरपूर आलोचना की थी. उस घटना के बाद, अंसारी ने बिना शर्त माफ़ी मांगी और कहा कि उनकी टिप्पणी नशे की तस्करी पर चिंताओं को उजागर करने के लिए थी, न कि किसी धर्म पर आरोप लगाने के लिए.





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