स्पेन में मिला 3 हजार साल पुराना खजाना, पृथ्वी नहीं किसी दूसरे ग्रह के लोहे से बनी चीजें
जब भी किसी खजाने की खोज होती है तो उसके साथ ही कई राज भी खुल जाते हैं. ये वो राज होते हैं जो हजारों सालों से धरती में दबे होते हैं. ऐसा ही एक मामला स्पेन (Spain) से भी सामने आया, जिसमें करीब तीन हजार साल पुराने एक खजाने का बड़ा भंडार मिला था. सबसे खास बात ये है कि इस खजाने में कुछ ऐसी चीजें भी मिली थीं, जो हमारे ग्रह की नहीं हैं. इसमें कुछ कलाकृतियां ऐसी हैं, जिनमें उल्कापिंडों का लोहा इस्तेमाल किया गया है. जो लाखों साल पुराने हो सकते हैं.
खजाने में मिलीं कई चीजें
विलेना के खजाने को लेकर वैज्ञानिक पिछले काफी वक्त से रिसर्च कर रहे हैं. इसी रिसर्च में पता चला है कि 1963 में खोदे गए खजाने में करीब 59 सोने की परत चढ़ी चीजें मिलीं हैं. लेकिन इसमें एक छोटा खोखला गोला और एक कंगन की तरह दिखने वाली आकृतियां शामिल हैं. इन्हें देखने में लगता है कि ये लोहे से बनाई गई हैं. अब हैरानी इस बात की है कि लोहे की खोज तब तक हुई ही नहीं थी तो ये चीजें कैसे तैयार की गई.
लाखों साल पहले का उल्कापिंड
आगे की रिसर्च में ये भी पता चला कि पृथ्वी पर पाए जाने वाले लोहे के विपरीत, कलाकृतियों में निकल की मात्रा बहुत अधिक थी, जो उल्कापिंड लोहे का एक स्पष्ट संकेत है. इससे पता चलता है कि ये चीजें अन्य खजानों की तरह लगभग 1400 और 1200 ईसा पूर्व के बीच बनाई गई थीं. रिसर्चर्स का मानना है कि ये वही उल्कापिंडीय धातु है, जिसे ब्राह्मांड क अवशेष कहा जा सकता है. ये उल्कापिंड करीब 10 लाख साल पहले धरती से टकराया होगा.
1963 में हुई थी खोज
रिसर्च में बताया गया कि हजारों साल पहले जो उल्कापिंड धरती पर गिरते थे, उनके मेटल का इस्तेमाल कर सजाने की चीजें और गहने आदि बनाने का चलन काफी ज्यादा था. ये मेटल पथरीले उल्कापिंडों के बीच पाया जाता था, जिसमें कोबाल्ट की मात्रा भी काफी ज्यादा होती थी. जिस खजाने को लेकर अभी खुलासा हो रहा है, उसकी आर्कियोलॉजिस्ट जोस मारिया सोलर ने दिसंबर 1963 में तब खोज की थी, जब वो एक नदी की खुदाई कर रहे थे. इस दौरान जो खजाना मिला था उसमें ज्यादातर हिस्सा सोने से बना हुआ था. इसमें कई कटोरे, बोतल और कंगन जैसी चीजें शामिल थीं.
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